कश्मीर को लेकर पाकिस्तान का भारत विरोधी प्रोपगंडा नहीं आया काम, चीन और तुर्की  की साजिश भी रह गई धरी !

punjabkesari.in Thursday, Jun 15, 2023 - 12:05 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः भारत ने G20 सम्मेलन के तहत पर्यटन वर्किंग ग्रुप की  मीटिंग श्रीनगर में कराकर पाकिस्तान के फर्जी प्रोपगेंडा को ध्वस्त कर दिया । या यूे कहें कि  भारत के निमंत्रण पर 17 देशों के 60 डेलिगेट्स कश्मीर पहुंचे। भारत के इस कदम से दुनिया में कश्मीर के सुरक्षित होने का संदेश गया और भारत को इससे काफी फायदा भी मिलेगा।  भारत ने 22 और 23 मई को भारत के जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश की राजधानी श्रीनगर में एक प्रमुख G20 सम्मेलन की मेजबानी की, भले ही सम्मेलन में 60 विदेशियों सहित लगभग 122 प्रतिनिधियों ने भाग लिया था, लेकिन पाकिस्तान द्वारा इसका बहिष्कार किया गया । साथ ही इसके लंबे समय से सहयोगी रहे चीन और तुर्की ने भी उसका समर्थन किया।

 

G20 समिट ने खोल दी पाक, चीन, तुर्की की पोल
G20 समिट ने भारत के प्रति अपनी ईर्ष्या G20 समिट में शामिल न होकर पाक, चीन, तुर्की ने भारत के प्रति अपनी ईर्ष्या और कश्मीर को लेकर अपनी गंदी मशा जाहिर कर दी है। जानकारों की माने को G20 समिट की आड़ में कश्मीर को लेकर पाकिस्तान का भारत विरोधी प्रोपगंडा काम नहीं आया और चीन और तुर्की  की साजिश भी धरी  रह गई ! पाकिस्तान ने काफी कोशिश की, कि कश्मीर पर उसके प्रोपेगेंडा को दूसरे देशों का भी बड़े पैमाने पर समर्थन मिले लेकिन पड़ोसी देश खाली हाथ ही रह गया।पाकिस्तान के कहने पर चीन ने इस बैठक में भाग लेने से इनकार कर दिया। चीन ने मीटिंग में टांग अड़ाने की कोशिश भी की । ड्रैगन ने कहा था कि वह किसी भी 'विवादित क्षेत्र' में बैठक आयोजित करने का विरोध करता है। चीन के अलावा सिर्फ तुर्की और सऊदी अरब ने भी हिचकिचाहट दिखाई। इन चंद देशों को छोड़ दें तो अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, यूरोपीय यूनियन और साउथ अफ्रीका जैसे 17 ताकतवर देशों ने इस बैठक में शामिल होने में  रुचि दिखाई और  60 डेलिगेट्स भारत पहुंचे । 

 

कश्मीर में  G20 बैठक के सफल आयोजन ने बढ़ाई पाक की टेंशन
दरअसल, पाकिस्तान इस बात से परेशान है कि कश्मीर में G20 बैठक के सफल आयोजन से दुनिया में इस बात की स्वाकार्यता बढ़ जाएगी कि आर्टिक 370 हटाने के बाद कश्मीर के हालात में काफी सुधार आया है. पाकिस्तान किसी भी हालत में यह नहीं चाहता कि दुनिया के सामने यह संदेश जाए कि कश्मीर घाटी में हालात सामान्य होने लगे हैं. इसकी बानगी तब भी देखने को मिली थी, जब पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने भारत में आकर अपना दिवालियापन दिखाया था. उन्होंने धमकी भरे अंदाज में कहा था कि 'हम इसकी निंदा करते हैं और वक्त आने पर हम इसका ऐसा जवाब देंगे जो याद रखा जाएगा। '

 

 

जानें पाक-चीन,तुर्की और सऊदी अरब ने G20 समिट से क्यों बनाई दूरी?
पाकिस्तान शुरू से ही दूसरे देशों से कश्मीर में हो रही G20 समिट में भाग ना लेने की अपील कर रहा था।पाकिस्तान से गहरे रिश्तों को देखते हुए चीन ने पहले ही उसकी बात मान ली थी। बात मानने के पीछे की वजह पाकिस्तान में चीन के भारी भरकम निवेश हैं। चीन किसी भी कीमत पर पाकिस्तान को नाराज नहीं करना चाहता, ताकि उसके प्रोजेक्ट आसानी से चलते रहें। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था कि वह किसी भी विवादित क्षेत्र में किसी भी तरह की बैठक का विरोध करते हैं। इसके अलवा पाकिस्तान ने कश्मीर में होने वाली जी-20 मीटिंग के खिलाफ मुस्लिम देशों से एकजुट होने की अपील की थी।

 

कश्मीर को लेकर तुर्की पहले ही भारत के प्रति कड़ा रुख अपनाता आया है। हालांकि, भूकंप के बाद भारत ने तुर्की की जो सहायता की थी, इससे यह माना जा रहा था कि तुर्की भारत का साथ दे सकता है  लेकिन पाकिस्तान की अपील के बाद आखिरकार तुर्की ने भी इस मीटिंग में हिस्सा ना लेने का फैसला किया। कश्मीर से आर्टिकल-370 हटने के बाद सऊदी अरब ने कोई कड़ी प्रतिक्रिया नहीं दी थी। इससे लग रहा था कि सऊदी अरब जरूर इस बैठक में हिस्सा लेगा, लेकिन आखिर वक्त पर सऊदी ने भी ना शामिल होने का फैसला लिया। इस फैसले के पीछे की वजह पाकिस्तान की मुस्लिम देशों से की गई अपील भी हो सकती है। 

 

पाकिस्तान ने बैठक को "अवैध" कहा। जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, लेकिन पाकिस्तान द्वारा इस पर अपना दावा किया जाता है, जिसने आतंकवादी समूहों के माध्यम से इस क्षेत्र को हिंसक रूप से निशाना बनाया है। इसलिए बैठक का विरोध करने के लिए कश्मीर के पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाके में सैकड़ों लोगों ने रैली की। तीन G20 सदस्य देशों (चीन, सऊदी अरब और तुर्की) के साथ-साथ भारत द्वारा आमंत्रित दो अतिथि-देश (मिस्र और ओमान) उनमें से थे जिन्होंने प्रतिनिधिमंडल नहीं भेजा। हालाँकि, तीन मुस्लिम देशों  इंडोनेशिया, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और बांग्लादेश ने बैठक में भाग लिया और भारत की खूब तारीफ भी की। बैठक के दौरान, भारत ने क्षेत्र में अपने विकास कार्यों के साथ-साथ जम्मू और कश्मीर की पर्यटन क्षमता का प्रदर्शन किया।

 

तिकड़ी  कश्मीर में एक इस्लामी राज्य बनाना
नई दिल्ली में इंटरनेशनल सेंटर फॉर पीस स्टडीज ने बताया कि सम्मेलन से पहले, पाकिस्तान ने इस घटना को कमजोर करने का प्रयास किया था।चीन,पाक और तुर्की जैसे देशों की तिकड़ी  जो भारत के हिस्से के रूप में कश्मीर का विरोध करती है और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए G20 सम्मेलन जैसे अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों को रोकने का प्रयास करती है, का लक्ष्य कश्मीर में एक इस्लामी राज्य बनाना है जहां महिलाओं, धार्मिक अल्पसंख्यकों और उदारवादी मुसलमानों को सताया जाएगा - ठीक वैसे ही जैसे किसी अन्य स्थान पर इस्लामिक धर्मतंत्र द्वारा कब्जा कर लिया गया है। ऐसा राज्य व्यापक क्षेत्र में आतंकवाद और अस्थिरता का केंद्र भी होगा। सभ्य दुनिया को चीन, तुर्की और पाकिस्तान जैसे दमनकारी देशों के विदेशी हस्तक्षेप के खिलाफ कश्मीर में भारत की संप्रभुता का समर्थन करने की जरूरत है।

 

जिहाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय को लक्षित करने वाला वैश्विक खतरा
गौरतलब है कि जिहाद पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय को लक्षित करने वाला एक वैश्विक खतरा है। क्षेत्र और उससे आगे की सुरक्षा और स्थिरता के लिए, जिहाद को सफल नहीं होने देना महत्वपूर्ण है। कश्मीर पर भारत की संप्रभुता और अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों की मेजबानी के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का समर्थन, साथ ही कश्मीर में पर्यटन, आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई के लिए महत्वपूर्ण हैं। यह कश्मीर के निवासियों - विशेष रूप से महिलाओं, शांतिपूर्ण मुसलमानों, स्वदेशी हिंदुओं और अन्य गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों के लिए भी फायदेमंद है। बता दें कि  कश्मीर की स्वदेशी गैर-मुस्लिम आबादी के इस्लामीकरण का इतिहास मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका के समान है। हत्याओं और जबरन धर्मांतरण के कारण, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में कोई हिंदू नहीं बचा है, हालांकि यह अभी भी प्राचीन हिंदू पवित्र स्थलों का घर है। हिंदू-विरोधी हिंसा 1989-1990 में समाप्त हुई जब पाकिस्तान प्रायोजित विद्रोहियों ने कश्मीर की घाटी में रहने वाले लगभग 95% हिंदुओं के खिलाफ जातीय सफाई अभियान चलाया। इस बीच, पाकिस्तान वैश्विक आतंकवाद का एक प्रमुख प्रायोजक बना हुआ है। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Tanuja

Related News