जानिए कब-कब भारत ने पाकिस्तान को चटाई धूल, अब फिर आया वो पल

punjabkesari.in Wednesday, May 07, 2025 - 04:25 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: पहलगाम हमले के ठीक बाद भारत ने वो किया जिसकी उम्मीद पूरे देश को थी—कल रात हमारी सेना ने पाकिस्तान के अंदर घुसकर आतंक के अड्डों को नेस्तनाबूद कर दिया। एक बार फिर भारत ने यह साफ कर दिया है कि अब हर वार का जवाब सीमा पार जाकर दिया जाएगा। भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते एक बार फिर बेहद तनावपूर्ण हो चुके हैं, लेकिन इस तनाव की जड़ें साल 1947 में उस समय पड़ी थीं जब देश का बंटवारा हुआ था। तब से लेकर अब तक दोनों देशों के बीच चार बड़े युद्ध हो चुके हैं और कई सीमित सैन्य संघर्ष तथा सीमा पर तनाव भी समय-समय पर देखने को मिले हैं। हाल ही में हुए पहलगाम हमले के बाद भारत द्वारा की गई कथित कार्रवाई से माहौल और भी गरमा गया है। सोशल मीडिया से लेकर अंतरराष्ट्रीय मंचों तक इस पर चर्चा तेज हो गई है। सीमाओं पर हलचल, राजनीतिक बयानबाज़ी और जनता के बीच बढ़ता गुस्सा इस बात का संकेत दे रहा है कि हालात फिर उसी मोड़ पर पहुंच चुके हैं जहां से अतीत में युद्ध की शुरुआत हुई थी। अब सबके ज़ेहन में एक ही सवाल उठ रहा है—क्या भारत और पाकिस्तान के बीच फिर एक युद्ध होगा? इतिहास गवाही देता है कि जब-जब पाकिस्तान ने साज़िश की, भारत ने उसे मुंहतोड़ जवाब दिया। ऐसे में ज़रूरी है कि हम समझें—भारत और पाकिस्तान के बीच कब-कब युद्ध हुआ, उसके पीछे कारण क्या थे, परिणाम क्या रहे-----

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1. पहला युद्ध: कश्मीर की लड़ाई (1947-48)

आजादी के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच यह पहला युद्ध जम्मू-कश्मीर को लेकर हुआ। उस समय जम्मू-कश्मीर एक स्वतंत्र रियासत थी, जिसने पाकिस्तान के आक्रमण के बाद भारत के साथ विलय का फैसला किया। पाकिस्तान ने कबायली लड़ाकों के साथ अपनी सेना भेजकर घाटी में घुसपैठ शुरू कर दी। जवाब में भारत ने सैन्य कार्रवाई की और पाकिस्तानी घुसपैठ को काफी हद तक रोका। लेकिन जब 1 जनवरी 1949 को संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता से युद्धविराम हुआ, तब तक कश्मीर का एक हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे में चला गया, जिसे आज "पाक अधिकृत कश्मीर" या पीओके कहा जाता है।

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2. दूसरा युद्ध: ऑपरेशन जिब्राल्टर और 1965 की जंग

साल 1965 में पाकिस्तान ने "ऑपरेशन जिब्राल्टर" के तहत योजना बनाई कि वह कश्मीर में गुप्त रूप से घुसपैठ करके वहां की जनता को भारत के खिलाफ भड़का देगा। लेकिन भारत ने इस चाल को नाकाम कर दिया और जवाबी कार्रवाई में जंग पंजाब, राजस्थान और कश्मीर तक फैल गई। दोनों देशों की सेनाओं के बीच जमकर टकराव हुआ और भारी नुकसान भी हुआ। हालांकि, कोई बड़ा भू-भाग किसी के हाथ नहीं आया। अंत में जनवरी 1966 में रूस के ताशकंद शहर में दोनों देशों के बीच "ताशकंद समझौता" हुआ और युद्धविराम लागू हुआ।

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3. तीसरा युद्ध: बांग्लादेश की आजादी और 1971 की निर्णायक जंग

यह भारत-पाकिस्तान के बीच सबसे निर्णायक युद्ध माना जाता है। 1971 में पूर्वी पाकिस्तान (आज का बांग्लादेश) में पाकिस्तानी सेना द्वारा किए जा रहे अत्याचारों और लाखों शरणार्थियों के भारत में आने से संकट गहरा गया। भारत ने "मुक्ति वाहिनी" के साथ मिलकर पाकिस्तान के खिलाफ निर्णायक सैन्य अभियान शुरू किया। सिर्फ 13 दिनों में पाकिस्तान ने घुटने टेक दिए और 16 दिसंबर 1971 को करीब 90,000 पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया। इस युद्ध के परिणामस्वरूप बांग्लादेश नाम का नया देश अस्तित्व में आया और भारत की यह जीत दुनिया की सबसे बड़ी सैन्य उपलब्धियों में से एक मानी जाती है।

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4. चौथा युद्ध: कारगिल की ऊंचाइयों पर 1999 की जंग

साल 1999 में एक बार फिर पाकिस्तान ने धोखा देने की कोशिश की। इस बार उसके सैनिक और आतंकवादी जम्मू-कश्मीर के कारगिल सेक्टर में नियंत्रण रेखा पार करके भारत की ऊंची पहाड़ियों पर कब्जा कर बैठे। भारत ने 'ऑपरेशन विजय' के तहत जवाबी हमला शुरू किया और एक-एक करके सभी चोटियों को वापस अपने कब्जे में ले लिया। यह युद्ध भारतीय सीमा के अंदर हुआ और भारतीय सेना ने अद्वितीय साहस और बलिदान की मिसाल पेश की। यह जंग दिखाती है कि भारत की सरजमीं पर कोई भी दुश्मन ज्यादा देर तक टिक नहीं सकता।

 


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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