कोविड के बाद ''ब्लैक फंगस'' का खतरा, दूसरी लहर में तेजी से बढ़ी मरीजों की संख्या

punjabkesari.in Monday, May 10, 2021 - 11:49 PM (IST)

नेशनल डेस्कः कोविड की दूसरी लहर से पूरा देश बेहाल है। दूसरी लहर में कोरोना के मरीज ज्यादा गंभीर हो रहे हैं। कई मरीजों को स्टेरोइड देकर बचाया जा रहा है। ऐसे स्टेरोइड के हैवी डोज से कई मरीजों को 'म्यूकोरमाइकोसिस' यानी ब्लैक फंगस नाम की बीमारी भी हो रही है। इस बीमारी में में कुछ गम्भीर मरीजों को बचाने के लिए उनकी आंखें निकालनी पड़ रही है। इस बीमारी को ‘ब्लैक फंगस' भी कहते हैं. यह नाक से शुरू होती है, आंख और दिमाग तक फैलती है।

मुंबई में बीएमसी के बड़े अस्पताल ‘सायन' ने बीते डेढ़ महीने में ब्लैक फंगस के 30 मरीज देखे हैं। जिनमें 6 की मौत हुई है और 11 मरीजों की एक आंख निकालनी पड़ी। एक्सपर्ट्स बताते हैं की फंगस 2-3 दिन नाक में रहता है और फिर आंख की ओर बढ़ता है। ऐसे में नाक से खून निकलना या देखने में हल्की भी दिक्कत हो तो डॉक्टर से सम्पर्क करें। कोविड के बाद ब्लैक फंगस इंफेक्शन की जंग और भी ज्यादा घातक है।

ब्लैक फंगस ने छीन ली नितिन की एक आंख
कोविड से जंग जीत चुके 44 साल के नितिन शिंदे अब ब्लैक फंगस से जंग लड़ रहे हैं। उन्हें म्युकॉर्मायकोसिस के कारण अपनी आंख गंवानी पड़ी। नितिन की पत्नी ने बताया कि वह पति को हुई तकलीफ के दूसरे दिन से लेकर अस्पताल के चक्कर काट रही थी। लेकिन संक्रमण बढ़ने के कारण एक आंख निकालनी पड़ी। 

नितिन की पत्नी सूर्या शिंदे ने बताया कि वह पहले और दूसरे दिन से ही पति को लेकर दौड़ रही हैं। इसके बावजूद नितिन के नाक मुंह से खून निकलना शुरू हो गया था। KEM में फिर नजदीक के लायंस क्लब अस्पताल में लेकर गयी. अभी कंडीशन बेहतर है।
 


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Content Writer

Yaspal

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