नए कृषि कानूनों के विरोध के बीच भाजपा ने जीते कई चुनाव

punjabkesari.in Tuesday, Dec 15, 2020 - 07:16 PM (IST)

नेशनल डेस्कः देश की सबसे बड़ी पंचायत यानी ‘संसद’ में सितंबर में कृषि बिल पास होने के बाद लगातार इनका विरोध प्रदर्शन हो रहा है। पंजाब से शुरू हुआ आंदोलन अब देश के अलग-अलग हिस्सों में पहुंच चुका है। नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान लगातार लामबंद हो रहे हैं। नए कृषि कानून पास होने के बाद बिहार के विधानसभा चुनाव हों, उपचुनाव या फिर हैदराबाद के निकाय चुनाव सभी में भाजपा ने बड़ी जीत हासिल की है। इसके अलावा राजस्थान के स्थानीय चुनाव और असम के बोडोलैंड क्षेत्रीय चुनाव में भी भाजपा का प्रदर्शन शानदार रहा है। नए कृषि कानून के विरोध के बाद भी लगातार भाजपा की जीत क्यों हो रही है।

विधानसभा और उपचुनाव में जीत
दरअसल, नए कृषि कानून बनने के बाद बिहार के साथ-साथ देश की करीब 56 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव भी हुए थे, जिसमें मध्य प्रदेश की 28 सीटें भी शामिल थीं। इन सभी पर भाजपा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए बिहार में जेडीयू के गठबंधन के साथ सरकार बनाई तो वहीं मध्य प्रदेश की 28 में से 19 सीटों पर जीत दर्ज की। इसके अलावा उत्तर प्रदेश की 7 में से 6, गुजरात की 8 में से 8 सीटें, मणिपुर की 5 में से 4 सीटें कर्नाटक की 2, तेलंगाना की 1 सीट पर जीत दर्ज की।

हैदराबाद निकाय चुनाव में लहराया परचम
हाल ही में हैदराबाद में हुए नगर निकाय के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का प्रदर्शन अच्छा रहा। राज्य की 150 निकाय की सीटों पर हुए चुनाव में भाजपा ने 49 सीटों पर जीत दर्ज कर दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनीं। 2016 के चुनावों में भाजपा की केवल 4 सीटें थी। इन मायनों में यह भाजपा के लिए बहुत बड़ी जीत मानी जा रही है। ये चुनाव नवंबर अंतिम हफ्ते में हुए, जब तक पंजाब के किसान दिल्ली में डेरा डाल चुके थे।

राजस्थान स्थानीय चुनाव
राजस्थान जिला परिषद और पंचायत समिति के चुनाव में भी भाजपा ने शानदार प्रदर्शन किया। राजस्थान में जिला परिषद की 636 सीटों में से 353 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि पंचायत समिति 4371 में से 1990 सीटों पर परचम लहराया। इस जीत के बाद भाजपा नेताओं ने दावा किया कि देश के किसान अब भी मोदी जी के साथ हैं। बता दें कि राजस्थान में मौजूदा वक्त में कांग्रेस की सरकार है।

असम के बोडोलैंड चुनाव
बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद (बीटीसी) के 40 सीटों का चुनाव परिणाम रविवार को जारी किया गया, जिनमें भाजपा दूसरे नंबर की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। भाजपा ने इस चुनाव में 9 सीटों पर जीत दर्ज की, जिसके बाद उसने अपने सहयोगी दल बीपीए से नाता तोड़ छोटे-दलों के साथ हाथ मिलाया है। बता दें कि अगले साल असम में विधानसभा चुनाव होंगे। ऐसे में यह जीत बेहद अहम मानी जा रही है क्योंकि एक ओर देश के किसान नए कृषि कानूनों के विरोध में लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, इन चुनाव में जीत से भाजपा नेता किसानों के प्रदर्शन को बेअसर बता रहे हैं।

पीएम मोदी कई मंचों से कर चुके हैं अपील
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कृषि कानून पास होने के बाद किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए कई मंचों से किसानों से अपील कर चुके हैं। उन्होंने लगातार कहा कि यह कानून किसानों के हित के लिए, इससे किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी। अब तक प्रधानमंत्री 25 से अधिक मौकों पर नए कृषि कानूनों के पक्ष में अपनी बात रख चुके हैं। हालांकि, किसान लगातार इन्हें किसान विरोधी और बिजनेसमैन हितैषी कानून बता रहे हैं।

विरोध का कितना असर
नए कृषि कानून के विरोध में जो किसान आंदोलन कर रहे हैं, इसका देशभर में कितना असर है। वहीं, भाजपा चुनाव में जीत दर्ज कर दावा कर रही है कि देश का किसान पीएम मोदी के साथ खड़ा है। भाजपा नेता लगातार दावा कर रहे हैं कि नए कृषि कानून किसानों के हित के लिए हैं। लेकिन किसान यह मानने को तैयार नहीं हैं।  


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Yaspal

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