Bird Flu in Nagpur: नागपुर में बर्ड फ्लू का प्रकोप, 3054 मुर्गियों को किया गया नष्ट
punjabkesari.in Friday, Feb 07, 2025 - 04:03 PM (IST)
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नेशनल डेस्क। नागपुर में बर्ड फ्लू के बढ़ते प्रकोप के बाद प्रशासन ने सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है। केंद्र सरकार के निर्देशों के अनुसार पशुपालन विभाग और महानगर पालिका ने 5 फरवरी को प्रभावित क्षेत्र से मुर्गियों को नष्ट करने का काम शुरू किया। दो दिनों में कुल 3054 मुर्गियों को नष्ट किया गया है। यह कदम बर्ड फ्लू के बढ़ते खतरे को रोकने के लिए उठाया गया है।
कहां से शुरू हुआ बर्ड फ्लू का संक्रमण?
बता दें कि 31 जनवरी को नागपुर के ताजबाग इलाके में एक घर में तीन मुर्गियां मृत पाई गईं। पशुपालन विभाग ने इनके सैंपल की जांच की और इनकी रिपोर्ट ने बर्ड फ्लू का संकेत दिया। इसके बाद भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), भोपाल और पुणे के रोग जांच विभाग को सैंपल भेजे गए। जांच में पुष्टि हुई कि ये मुर्गियां बर्ड फ्लू से मरी थीं। इस रिपोर्ट के बाद ताजबाग के आसपास के एक किलोमीटर के इलाके को प्रभावित क्षेत्र घोषित किया गया और आसपास के नौ किलोमीटर क्षेत्र को निगरानी क्षेत्र के रूप में चिह्नित किया गया।
मुर्गियों का निस्तारण
ग्रेटर ताज बाग क्षेत्र में मुर्गियों की गिनती और नष्ट करने का काम शुरू किया गया। पहले दिन 2000 मुर्गियों को नष्ट किया गया और दूसरे दिन 1000 मुर्गियों को वैज्ञानिक विधि से नष्ट किया गया। दो दिनों में कुल 3054 मुर्गियों का निस्तारण किया गया। इसके अलावा 180 अंडे और 1000 किलो पक्षी खाने का सामान भी नष्ट कर दिया गया है।
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अन्य पक्षियों के नमूने भी लिए जा रहे हैं
बर्ड फ्लू के फैलने से रोकने के लिए ताजबाग क्षेत्र के आसपास 10 किलोमीटर का क्षेत्र निगरानी क्षेत्र में डाला गया है। यहां के अन्य पक्षियों के सैंपल भी लिए जा रहे हैं जो पुणे की नेशनल वायरोलॉजी लैब में भेजे जा रहे हैं। हालांकि अब तक कहीं और बर्ड फ्लू का संक्रमण नहीं पाया गया है।
स्वास्थ्य अधिकारियों की अपील
वहीं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दीपक सेलोकर ने नागरिकों से अपील की है कि वे बर्ड फ्लू के संक्रमण से बचने के लिए सतर्क रहें। उन्होंने कहा कि सभी निजी अस्पतालों और चिकित्सकों को इन्फ्लूएंजा जैसे रोगियों की जानकारी महानगर पालिका को देनी चाहिए।
बर्ड फ्लू से बचने के उपाय
➤ उत्सर्जन के संपर्क से बचें
➤ पक्षी को खाना देने के बाद उसके बर्तन को अच्छे से धोएं
➤ अगर मुर्गी मरी हो तो उसे हाथ से न छुएं
➤ कच्चे चिकन का उपयोग करते वक्त ग्लव्स पहनें
➤ चिकन को 100 डिग्री सेल्सियस तापमान पर ही पकाएं
➤ कच्चे अंडे और चिकन खाने से बचें
➤ बीमार पक्षियों के संपर्क से दूर रहें
इस तरह से प्रशासन और नागरिक मिलकर बर्ड फ्लू के खतरे को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं।