9 साल की बच्ची की हार्ट अटैक से मौत, जानिए बच्चों में क्यों बढ़ रहा Heart Attack का खतरा?

punjabkesari.in Thursday, Jul 17, 2025 - 11:56 AM (IST)

नेशनल डेस्क: राजस्थान के सीकर जिले के दातारामगढ़ से एक बेहद दुखद खबर आई है। यहां की 9 साल की छोटी बच्ची प्राची कुमावत की हार्ट अटैक से अचानक मौत हो गई। प्राची चौथी कक्षा की छात्रा थी और आदर्श विद्या मंदिर स्कूल में पढ़ती थी। यह घटना स्कूल के इंटरवल के दौरान हुई जब वह अचानक गिर पड़ी। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में उसकी मौत हो गई।बच्ची ने रोज की तरह स्कूल में इंटरवल के दौरान अपना टिफिन खोला और खाना खाने लगी। तभी उसे अचानक घबराहट हुई और वह ज़मीन पर गिर पड़ी। इससे उसका टिफिन भी बिखर गया। स्कूल के स्टॉफ ने देखा कि प्राची की तबीयत ठीक नहीं है, तो उन्होंने उसे तुरंत प्राथमिक उपचार के लिए नजदीकी सरकारी डिस्पेंसरी ले जाने का इंतजाम किया।

डिस्पेंसरी में प्राची को प्राथमिक उपचार दिया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसकी स्थिति को देखते हुए उसे बेहतर इलाज के लिए सीकर के एसके अस्पताल ले जाने की सलाह दी। इसके बाद प्राची को एंबुलेंस से सीकर ले जाने की तैयारी की गई। जब प्राची को एंबुलेंस में शिफ्ट किया जा रहा था, तभी उसकी तबीयत एक बार फिर अचानक बिगड़ गई। उसे फिर से घबराहट हुई और देखते ही देखते उसकी मौत हो गई। यह खबर सुनते ही स्कूल में शोक की लहर फैल गई और सभी बच्चों की छुट्टी कर दी गई।

बच्चों और युवाओं में हार्ट अटैक बढ़ने का खतरा
प्राची की मौत ने बच्चों और युवाओं में हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों पर चिंता को बढ़ा दिया है। आमतौर पर हार्ट अटैक को बुजुर्गों की बीमारी माना जाता था, लेकिन अब छोटे बच्चे और युवा भी इस गंभीर समस्या से ग्रसित हो रहे हैं।

 

बच्चों में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ने के कारण

1. अस्वस्थ खानपान
आजकल के बच्चे जंक फूड, तला-भुना खाना, ज्यादा चिप्स, कोल्ड ड्रिंक और मिठाई ज्यादा खाते हैं। इन चीज़ों में बहुत ज्यादा तेल, नमक और शक्कर होती है, जो दिल के लिए हानिकारक होती है। इससे बच्चों के शरीर में फैट बढ़ता है और दिल की नसें खराब होने लगती हैं।

2. शारीरिक गतिविधि की कमी
अधिकांश बच्चे मोबाइल, टीवी, और कंप्यूटर गेम्स में समय बिताते हैं। वे बाहर खेल-कूद या व्यायाम कम करते हैं। इससे उनकी मांसपेशियां कमजोर होती हैं और दिल की सेहत पर बुरा असर पड़ता है।

3. मोटापा और बढ़ा हुआ वजन
बच्चों में मोटापा बढ़ रहा है, जो हार्ट अटैक का एक बड़ा खतरा है। मोटापा दिल पर दबाव बढ़ाता है और रक्तचाप को भी बढ़ाता है, जिससे दिल की बीमारी हो सकती है।

4. तनाव और मानसिक दबाव
आजकल के बच्चे पढ़ाई, प्रतियोगिता, और जीवन के कई दबावों से तनाव में रहते हैं। तनाव से दिल की धड़कन तेज हो जाती है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।

5. जन्मजात हार्ट की बीमारी
कुछ बच्चों को जन्म से ही दिल की कोई बीमारी होती है, जिसे ठीक समय पर न पहचाना जाए तो वह भी हार्ट अटैक का कारण बन सकती है।

6. गलत जीवनशैली
नींद कम लेना, अनियमित खानपान, और समय पर न खाना भी बच्चों के दिल को कमजोर करता है।

हार्ट अटैक से बचाव के उपाय

  • बच्चों को संतुलित और पौष्टिक आहार दें।

  • जंक फूड और तला-भुना खाने से बचाएं।

  • नियमित रूप से व्यायाम और खेल-कूद को प्रोत्साहित करें।

  • तनाव को कम करने के लिए बच्चों को मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना जरूरी है।

  • नियमित स्वास्थ्य जांच कराते रहें।


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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