महाकुंभ में 3 दिन से जाम में फंसे लोगों ने बताया कोरोना से भी बद्तर हालात, वीडियो आया सामने
punjabkesari.in Monday, Feb 10, 2025 - 01:33 PM (IST)
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नेशनल डेस्क: महाकुंभ के आयोजन को लेकर लाखों श्रद्धालु हर साल प्रयागराज पहुंचते हैं, लेकिन इस बार महाकुंभ के दौरान शहर में भारी जाम के कारण श्रद्धालुओं की स्थिति गंभीर हो गई है। कई श्रद्धालु तो तीन दिन से जाम में फंसे हुए हैं और अब उनकी तकलीफें भी बढ़ चुकी हैं। लोग भूखे-प्यासे हैं, और रास्ते में ही अपनी परेशानियों का सामना कर रहे हैं। उनकी स्थिति कोरोना महामारी से भी बद्तर हो गई है। प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान लगभग 10-12 घंटे से लोग जाम में फंसे हुए हैं। रास्तों पर गाड़ियों की लंबी कतारें हैं, जो 25 किलोमीटर तक फैली हुई हैं। संगम स्टेशन भी बंद कर दिया गया है, जिसके कारण यात्रियों को और भी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। श्रद्धालु बिना खाने-पीने के जाम में ही फंसे हैं और जाम खुलने का इंतजार कर रहे हैं।
श्रद्धालुओं की जुबानी
श्रद्धालुओं ने इस भयंकर जाम की स्थिति को लेकर अपनी परेशानियों को साझा किया है। उनका कहना है कि वे कई घंटों से भूखे-प्यासे रास्ते में फंसे हैं। कई लोगों ने बताया कि जाम के कारण वे अभी तक प्रयागराज से झूंसी भी नहीं पहुंच पाए हैं। ऐसे में उनको यात्रा के दौरान कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। कुछ श्रद्धालु तो यह तक कह रहे हैं कि यह स्थिति कोरोना महामारी के दौरान की स्थिति से भी बदतर है।
3 दिन से रास्ते मे फसे है श्रद्धालुओं के लिए सरकार द्वारा कोई व्यवस्था नहीं... मछलीशहर के लोगो ने की मदत 🙏
— Priya Saroj (@PriyaSarojMP) February 9, 2025
और व्यवस्था 100 करोड़ की है दावा ये किया जाता है । pic.twitter.com/Re9PIUzRkm
सरकार की व्यवस्था पर सवाल
मछलीशहर की सपा सांसद प्रिय सरोज ने भी सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट कर इस संकट को उजागर किया। उन्होंने कहा कि सरकार की कोई ठोस व्यवस्था नहीं है और श्रद्धालुओं को किसी तरह की मदद नहीं मिल रही है। सांसद ने बताया कि मछलीशहर के कुछ अच्छे लोगों ने इस स्थिति में मदद की है, जैसे खिचड़ी, चाय-पानी और बिस्किट देने का काम किया है। लेकिन सरकारी व्यवस्था के नाम पर कुछ भी नहीं हो रहा। उन्होंने यह भी कहा कि दावा किया जाता है कि महाकुंभ के लिए 100 करोड़ की व्यवस्था की गई है, लेकिन जाम की स्थिति और श्रद्धालुओं के हालात देखकर यह साफ है कि यह दावा पूरी तरह से झूठा है।
जाम से जूझ रहे लोग
इसी बीच जाम में फंसे श्रद्धालु अपने अनुभव साझा कर रहे हैं। उनका कहना है कि वे पूरी तरह से थक चुके हैं और रास्ते में ही परेशान हो गए हैं। भूख और प्यास से बेहाल श्रद्धालु उम्मीद लगाए बैठे हैं कि जाम जल्द खुल जाएगा, ताकि वे अपना तीर्थ यात्रा पूरी कर सकें। लेकिन स्थिति अब तक नहीं सुधरी है।
स्वास्थ्य पर भी असर
जाम की वजह से श्रद्धालुओं की सेहत भी प्रभावित हो रही है। कई लोग लम्बे समय तक बिना भोजन के यात्रा कर रहे हैं, जिससे उनकी तबियत खराब हो रही है। गर्मी, धूल, और तंग रास्तों ने उन्हें और अधिक परेशान किया है। बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों के लिए यह स्थिति और भी चिंताजनक बन गई है।
क्या हो रही है सरकार की तैयारी?
महाकुंभ के आयोजन के लिए प्रशासन द्वारा पहले ही भारी सुरक्षा और व्यवस्थाएं की गईं थीं, लेकिन जाम की स्थिति यह साबित करती है कि व्यवस्थाएं सही से लागू नहीं हो पाई हैं। कई श्रद्धालु यह सवाल उठा रहे हैं कि सरकार ने इतने बड़े आयोजन के लिए बेहतर तैयारी क्यों नहीं की। एक तरफ महाकुंभ के आयोजन को लेकर बड़ी बातें की जा रही हैं, वहीं दूसरी ओर श्रद्धालुओं की परेशानी को लेकर कोई भी ठोस कदम उठाते हुए नजर नहीं आ रहा।
मदद की पेशकश
मछलीशहर के कुछ लोग अपनी तरफ से मदद करने में जुटे हैं। उन्होंने श्रद्धालुओं को खाने-पीने की चीजें दी हैं, जिससे थोड़ी राहत मिल सकी। इस वक्त इस प्रकार की सामूहिक मदद से ही श्रद्धालुओं को थोड़ी राहत मिल पा रही है। लेकिन जब तक प्रशासन सक्रिय नहीं होता, तब तक यह समस्या बरकरार रहेगी।