कड़ी सुरक्षा में कोर्ट लाया गया 26/11 का आतंकी राणा, NIA पूछताछ में करेगा बड़े खुलासे
punjabkesari.in Monday, Apr 28, 2025 - 04:26 PM (IST)

नेशनल डेस्क : 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों के मुख्य आरोपी तहव्वुर राणा को सोमवार को कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत में पेश किया गया। पटियाला हाउस कोर्ट पहुंची NIA की टीम ने अदालत से तहव्वुर राणा की 12 दिन की हिरासत की मांग की, जिस पर विशेष न्यायाधीश चंद्रजीत सिंह ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट परिसर में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था।
18 दिन की NIA हिरासत समाप्त-
तहव्वुर राणा को उसकी 18 दिन की NIA हिरासत समाप्त होने के बाद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच और उसका चेहरा ढंककर विशेष NIA न्यायाधीश चंद्रजीत सिंह के समक्ष पेश किया गया। न्यायाधीश द्वारा जल्द ही इस मामले पर अपना आदेश सुनाए जाने की संभावना है। मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए भयावह आतंकवादी हमले के आरोपी राणा को हाल ही में अमेरिका से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया था। अदालत ने उसे पहले 18 दिनों के लिए NIA की हिरासत में भेज दिया था ताकि उससे गहन पूछताछ की जा सके।
अमेरिकी अदालत से याचिका खारिज होने के बाद प्रत्यर्पण
वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन और विशेष सरकारी वकील नरेंद्र मान ने बंद कमरे में हुई सुनवाई के दौरान NIA की ओर से अपनी दलीलें पेश कीं। दिल्ली विधिक सेवा प्राधिकरण के अधिवक्ता पीयूष सचदेवा ने अदालत में तहव्वुर राणा का प्रतिनिधित्व किया। उल्लेखनीय है कि अमेरिकी उच्चतम न्यायालय ने मुंबई हमलों के मुख्य साजिशकर्ता डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी के करीबी सहयोगी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ दायर उसकी पुनरीक्षण याचिका को 4 अप्रैल को खारिज कर दिया था, जिसके बाद उसके भारत लाए जाने का रास्ता साफ हो गया था।
राणा ने हमले से पहले हेडली की रेकी का खुलासा किया
NIA से पूछताछ के दौरान तहव्वुर राणा ने कई महत्वपूर्ण खुलासे किए हैं। उसने बताया कि हमले को अंजाम देने से पहले डेविड हेडली ने उन सभी स्थानों की गहन रेकी की थी, जहां हमला किया जाना था। राणा ने यह भी जानकारी दी कि हेडली ने गोलियां चलने के बाद लोगों के भागने के संभावित रास्तों से लेकर आतंकवादियों के निकलने के सुरक्षित रास्तों और उनके छिपने के ठिकानों तक की पूरी योजना बनाई थी। राणा ने यह भी बताया कि हमले के लिए समुद्र के रास्ते किस समय आना सबसे सही रहेगा, यहां तक कि मौसम और समुद्र की लहरों के उतार-चढ़ाव का भी गंभीरता से आकलन किया गया था। इसी विस्तृत योजना के बाद मुंबई में उस भयावह हमले को अंजाम दिया गया था।