5 से 11 जुलाई तक देशभर में भारी बारिश, इन राज्यों में बाढ़ की आशंका... IMD ने दी चेतावनी
punjabkesari.in Saturday, Jul 05, 2025 - 09:03 PM (IST)

नेशनल डेस्क: देश के कई हिस्सों में लगातार हो रही बारिश से जनजीवन प्रभावित हो रहा है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 5 जुलाई से 11 जुलाई तक देश के अलग-अलग हिस्सों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। कई जगहों पर बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।
मध्य भारत में तेज बारिश का अनुमान
- मध्य प्रदेश: 5 जुलाई को पूर्वी हिस्सों में अत्यधिक भारी वर्षा की संभावना है।
- छत्तीसगढ़: 5 से 7 जुलाई के बीच भारी बारिश हो सकती है।
- विदर्भ: 7 और 8 जुलाई को बहुत भारी वर्षा का अनुमान है।
- ओडिशा, झारखंड और गंगीय पश्चिम बंगाल: 5 से 6 जुलाई के बीच भारी बारिश की चेतावनी है।
- इन राज्यों में गरज-चमक और 30-40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की भी संभावना है।
उत्तर-पश्चिम भारत में भी बरसेगा पानी
- हिमाचल प्रदेश: 6 जुलाई को बहुत भारी बारिश और 7-8 जुलाई को भारी बारिश की संभावना है।
- उत्तराखंड: 5 से 7 जुलाई तक भारी बारिश हो सकती है।
- पंजाब और हरियाणा: 6-7 जुलाई को भारी वर्षा का अलर्ट है।
- पूर्वी राजस्थान, पूर्वी उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर: 5 से 11 जुलाई तक बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है।
पश्चिम भारत में भारी वर्षा का पूर्वानुमान
- मध्य महाराष्ट्र (घाट क्षेत्र): 6-7 जुलाई को अत्यधिक भारी बारिश का अनुमान है।
- कोंकण, गोवा और गुजरात क्षेत्र: पूरे सप्ताह भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है।
- मराठवाड़ा: 6-7 जुलाई को भारी बारिश का अलर्ट।
पूर्वोत्तर भारत में भी तेज बारिश का सिलसिला
- अगले 7 दिनों तक असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर सहित पूर्वोत्तर राज्यों में भारी बारिश की संभावना है।
- मेघालय: 5 जुलाई को बहुत भारी बारिश हो सकती है।
दक्षिण भारत भी नहीं रहेगा अछूता
- तटीय कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल और माहे: 5 जुलाई को कुछ स्थानों पर भारी बारिश संभव।
- आंतरिक कर्नाटक: 5-6 जुलाई को बारिश का अनुमान।
- तटीय कर्नाटक: 6, 10-11 जुलाई को भारी बारिश।
- केरल और माहे: 9 से 11 जुलाई तक भारी बारिश की चेतावनी।
- इन इलाकों में 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं।
मौसम तंत्र क्या कहता है?
- मानसून ट्रफ: श्रीगंगानगर से लेकर पूर्वोत्तर बंगाल की खाड़ी तक फैली हुई है।
- चक्रवाती परिसंचरण: पूर्वोत्तर मध्य प्रदेश और उत्तरी गंगीय पश्चिम बंगाल में सक्रिय है, जिससे कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है।
- अपतटीय ट्रफ: दक्षिण गुजरात से कर्नाटक तट तक बनी हुई है।
क्या बरतें सावधानी?
- भारी बारिश वाले इलाकों में जलभराव और भूस्खलन से सावधान रहें।
- बिजली गिरने के समय खुले में जाने से बचें।
- किसान कटाई और सिंचाई के कार्य मौसम को देखते हुए ही करें।
- यात्रा करने से पहले मौसम की जानकारी जरूर लें।