लॉकडाउन: घर पहुंचने का ये जुगाड़ कभी नहीं देखा होगा,देखिए वीडियो
punjabkesari.in Saturday, May 02, 2020 - 06:21 PM (IST)
इंदौर: सीमेंट-कंक्रीट मिक्सर वाले चार पहिया वाहन में छिपकर महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश जा रहे 14 प्रवासी मजदूरों समेत 18 लोगों को मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में यातायात पुलिस ने शनिवार को रोक लिया। इन्हें आश्रय स्थल में भेजा गया है। यातायात पुलिस के सूबेदार (उपनिरीक्षक स्तर का पुलिस अधिकारी) अमित कुमार यादव ने बताया कि इंदौर शहर से करीब 35 किलोमीटर दूर पंथ पिपलई गांव में नियमित जांच के दौरान सीमेंट-कांक्रीट मिक्सर वाले ट्रक को रोका गया।
उन्होंने बताया,"संदेह होने पर जब हमने सीमेंट-कंक्रीट मिक्सर के खुले ढक्कन से झांक कर देखा, तो इसमें एक साथ 18 लोगों को पाकर हमारी आंखें खुली की खुली रह गईं। इनमें 14 प्रवासी मजदूर और ट्रक मालिक के चार कर्मचारी शामिल हैं।' यादव ने बताया, "शुरूआती पूछताछ में मजदूरों ने बताया कि वे मूलत: उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं और लॉकडाउन के चलते महाराष्ट्र में कल-कारखाने बंद होने के चलते उनके सामने पिछले कई दिन से आजीविका का संकट था। इसलिए वे किसी भी तरह लखनऊ पहुंचना चाहते थे।"
#WATCH 18 people found travelling in the mixer tank of a concrete mixer truck by police in Indore, Madhya Pradesh. DSP Umakant Chaudhary says, "They were travelling from Maharashtra to Lucknow. The truck has been sent to a police station & an FIR has been registered". pic.twitter.com/SfsvS0EOCW
— ANI (@ANI) May 2, 2020
सूबेदार ने बताया कि मजदूरों के मुताबिक वे सीमेंट-कंक्रीट मिक्सर में छिपकर शुक्रवार को महाराष्ट्र से रवाना हुए थे। गौरतलब है कि शुक्रवार को देश दुनिया में मजदूर दिवस मनाया गया था। यादव ने बताया कि मजदूरों को फिलहाल आश्रय स्थल में भेजा गया है। डॉक्टरों की टीम बुलाकर उनके स्वास्थ्य की जांच कराई जा रही है। उन्हें उत्तरप्रदेश भेजने के लिए बस की व्यवस्था भी की जा रही है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि लॉकडाउन का उल्लंघन कर मजदूरों को ले जा रहे वाहन को जब्त करते हुए इसके चालक पर संबद्ध धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
इस बीच, मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है जिसमें प्रवासी मजदूर पुलिस के कहने पर सीमेंट-कांक्रीट मिक्सर के छोटे-से ढक्कन से सिलसिलेवार तौर पर बाहर निकलते दिखाई दे रहे हैं। चश्मदीदों का कहना है कि मजदूरों को बाहर निकलते देख सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि सीमेंट-कांक्रीट मिक्सर में छिपकर बैठने के दौरान उन्हें कितनी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा होगा।