चीन का विरोध कर सकते हैं अमरीका और जापान, ताइवान के साथ भी तल्खियां बढ़ने की आशंका

punjabkesari.in Monday, Dec 26, 2016 - 03:33 PM (IST)

बीजिंगः दुनिया के सभी मुल्कों से चीन अंतर्राष्ट्रीय नियमों और कानूनों के पालन की अपेक्षा करता है लेकिन खुद के फायदे के लिए उन्हीं कानूनों को धता बता देता है जो दूसरे देशों पर लागू होते हैं। दक्षिण चीन सागर का मामला कुछ ऐसा ही है। हेग स्थित अंतर्राष्ट्रीय पंचाट ने जब ये फैसला सुनाया कि दक्षिण चीन सागर पर चीन का दावा जायज नहीं है तो उसने इस फैसले को मानने से इंकार कर दिया।

ताजा मामला दक्षिण चीन सागर में चीन द्वारा किए जा रहे सैन्य अभ्यास से जुड़ा हुआ है। चीन के इकलौते एयरक्रॉफ्ट करियर लियोनिंग की अगुवाई में युद्धपोतों ने दक्षिण चीन सागर में सैन्य अभ्यास किया। जब इस मामले में पड़ोसी देशों ने आपत्ति दर्ज कराई तो चीन ने कहा कि वो पहले जैसे ही अभ्यास कर रहा था। लेकिन जानकारों का मानना है कि इस मुद्दे पर चीन के विरोध में अमरीका और जापान आमने-सामने आ सकते हैं।

अमरीका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कुछ दिनों पहले ताइवान के राष्ट्रपति से बातचीत की थी। इस बातचीत के बाद चीन भड़क गया था। चीन के लियोनिंग अभ्यास पर ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि लियोनिंग एयरक्रॉफ्ट करियर 5 युद्धपोतों के साथ ताइवान और फिलीपींल के बीच बासी चैनल से गुजर रहा था। ताइवान के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता चेन चुंग ची ने कहा कि हम अपने एयरस्पेस की सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। लेकिन जब उनसे चीन के खिलाफ कार्रवाई के बारे में पूछा गया तो उन्होंने ज्यादा कुछ कहने से इंकार कर दिया। ताइवान में विपक्ष के नेता ने कहा कि लियोनिंग अभ्यास के जरिए अमरीका को चुनौती दे रहा है, आनेवाले समय में चीन और अमरीका के बीच तनाव में इजाफा हो सकता है।
 
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक लियोनिंग अभ्यास के जरिए चीनी सेना अपनी क्षमता का मुल्यांकन कर रही है। अखबार का कहना है कि आने वाले समय में चीन पूर्वी प्रशांत महासागर तक अपनी पहुंच बनाएगा, जिसके बाद समुद्री कानूनों को लेकर मंथन तेज होगा। हाल ही में अमरीका के अंडरवाटर ड्रोन पर चीनी कब्जे के बाद दोनों देश एक दूसरे के आमने-सामने आ गए थे, हालांकि चीन ने बाद में अमरीकी ड्रोन को वापस कर दिया था। जापान ने रविवार को आरोप लगाया था कि मियाको और ओकिनावा के बीच अनधिकृत तौर पर 6 चीनी जहाज देखे गए थे। जापान का कहना है उसकी घटनाक्रम पर निगाह है। हाल ही में चीन ने ताइवान, फिलीपींस के काफी करीब सैन्य अभ्यास किया था जिसके बाद जापान और ताइवान ने कड़ा ऐतराज दर्ज कराया था।

 उधर, ताइवान ने दावा किया है कि सोमवार को चीन के जंगी जहाज दक्षिणी चीन सागर के आधे हिस्से में घुसे। चीन ने इसे रूटीन ऐक्सरसाइज बताया है लेकिन उसके इस कदम से ताइवान के साथ तल्खियां और बढ़ने की आशंका है। अमरीका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को ताइवान की राष्ट्रपति का फोन कर बधाई देने के बाद से ही चीन ने कड़ा रुख अपनाया हुआ है। चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है। ताइवान ने कहा कि एयक्राफ्ट कैरियर लाइउनिंग के साथ पांच जहाज सोमवार को प्राटस आइलैंड के दक्षिणीपूर्वी हिस्से से होते हुए दक्षिणीपश्चिमी हिस्से की ओर बढ़े। यह टापू ताइवान के अधीन है। ताइवान की रक्षा मंत्रालय की प्रवक्ता ने बताया कि, 'हम लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और समझने की कोशिश कर रहे हैं।' वहीं ताइवान में विपक्ष के वरिष्ठ सांसद जॉनी ने कहा कि चीन का यह कदम अ मरीका को जवाब है।


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