सफल रही ट्रंप-जिनपिंग की ऐतिहासिक बैठक: चीन पर शुल्क में कटौती का ऐलान, फेंटानिल विवाद पर भी बनी सहमति

punjabkesari.in Thursday, Oct 30, 2025 - 02:04 PM (IST)

International Desk: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की दक्षिण कोरिया के बुसान शहर में हुई आमने-सामने की बैठक बेहद सफल रही। ट्रंप ने बैठक के बाद घोषणा की कि अमेरिका इस वर्ष की शुरुआत में चीन पर लगाए गए 20% दंडात्मक शुल्क को घटाकर 10% करेगा। ये शुल्क फेंटानिल (एक खतरनाक मादक पदार्थ) के निर्माण में उपयोग होने वाले रसायनों की बिक्री को लेकर लगाए गए थे। बैठक के बाद ‘एयर फ़ोर्स वन’ विमान में पत्रकारों से बातचीत में ट्रंप ने कहा “अगर मैं इस बैठक को 0 से 10 के पैमाने पर आकलित करूं तो मैं इसे 12 अंक दूंगा। यह बेहद शानदार रही।”

 

 व्यापारिक तनाव में राहत
उन्होंने बताया कि वह अप्रैल में चीन की यात्रा करेंगे और शी जिनपिंग उसके बाद अमेरिका आएंगे।  ट्रंप ने कहा कि वह जल्द ही चीन के साथ एक नया व्यापार समझौता साइन कर सकते हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि एआई, तकनीकी नियंत्रण और यूक्रेन युद्ध जैसे वैश्विक मुद्दों पर प्रतिस्पर्धा अभी खत्म नहीं हुई है।इस मुलाकात के बाद दोनों देशों के बीच लंबे समय से जारी व्यापारिक तनाव में कुछ कमी आने की उम्मीद है। चीन ने दुर्लभ धातुओं (rare earth metals) के निर्यात पर नियंत्रण में ढील देने और अमेरिका से सोयाबीन खरीदने पर सहमति जताई है।वहीं अमेरिका ने कहा कि वह संयुक्त टैरिफ दर को 57% से घटाकर 47% करेगा।

 

 “G2 मीटिंग” का नया प्रतीक
दोनों नेताओं ने उन्नत कंप्यूटर चिप्स के निर्यात पर भी बातचीत की। ट्रंप ने बताया कि एनविडिया कंपनी इस मुद्दे पर जल्द ही चीनी अधिकारियों से मुलाकात करेगी ताकि तकनीकी व्यापार पर विवादों को सुलझाया जा सके।ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया साइट “ट्रुथ सोशल” पर लिखा कि यह बैठक “G2” का प्रतीक है — यानी दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की साझेदारी। बैठक किसी भव्य सम्मेलन हॉल में नहीं, बल्कि बुसान अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास स्थित एक सैन्य अड्डे पर आयोजित की गई थी।

 

मतभेदों के बावजूद सहयोग पर जोर
बैठक के दौरान शी जिनपिंग ने कहा, “हमारे देशों की परिस्थितियां अलग हैं, इसलिए हर मुद्दे पर राय समान नहीं हो सकती। लेकिन मतभेदों के बावजूद सहयोग जारी रहेगा।”चीन की सरकारी एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, शी ने कहा कि “कुछ मतभेद होना स्वाभाविक है।” बता दें कि ट्रंप के व्हाइट हाउस में दूसरे कार्यकाल की वापसी के बाद अमेरिका ने चीन पर कई आक्रामक टैरिफ लगाए, जिनके जवाब में चीन ने दुर्लभ धातुओं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। दोनों देशों को यह एहसास है कि आर्थिक तनाव बढ़ने से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ सकता है। इसलिए इस बैठक को दोनों पक्षों के लिए “आर्थिक स्थिरता का मोड़” माना जा रहा है।
 

 

 

 


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Content Writer

Tanuja

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