तीसरा विश्वयुद्ध कभी भी !  जापान ने ताइवान के पास तैनात की मिसाइलें, चीन बोला-“दर्दनाक कीमत चुकाओगे”

punjabkesari.in Monday, Dec 01, 2025 - 05:39 PM (IST)

International Desk: ताइवान को लेकर चीन और जापान के बीच तनाव खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि चीन साफ कह रहा है “हम युद्ध के लिए तैयार हैं।” जापान ने ताइवान के बेहद नजदीक मिसाइलें तैनात करने की घोषणा की है, जिसके बाद बीजिंग ने तीखी धमकी देते हुए कहा-“हद पार की तो दर्दनाक कीमत चुकानी होगी।” तनाव तब भड़का जब जापान की नई प्रधानमंत्री साने ताकाइची ने कहा कि अगर चीन ताइवान पर कब्जा करने की कोशिश करता है, तो जापान सैन्य कार्रवाई करेगा।


चीन भड़क गया 
बीजिंग ने जापानी राजदूत को तलब किया और अपने नागरिकों को जापान न जाने की सलाह जारी कर दी। इसके बाद जापान ने ताइवान से केवल 107 किमी दूर योनागुनी द्वीप पर मिसाइलें तैनात करने की योजना आगे बढ़ा दी। चीन ने इसे “जानबूझकर युद्ध भड़काने की कोशिश” बताया। एक्सपर्ट्स की चेतावनी: 3 घटनाएं, और शुरू हो जाएगा युद्ध द सन की रिपोर्ट के अनुसार विशेषज्ञ अशोक स्वैन ने कहा कि हालात बेहद विस्फोटक हैं। एक छोटी सी गलती भी जंग छेड़ सकती है।

 

लड़ाकू विमानों की भिड़ंत
अगर किसी पायलट ने गलत कदम उठाया- तुरंत टकराव। समुद्र में जहाजों का टकराव, चीन और जापान के युद्धपोत आमने-सामने हैं। एक छोटी दुर्घटना युद्ध शुरू कर सकती है। टोक्यो ने ताइवान के पास मिसाइलें लगा दीं, यही चीन की “रेड लाइन” है। इसे Beijing सीधी युद्ध की शुरुआत मानेगा। एक छोटी “गलतफहमी” ने 1937 में चीन–जापान युद्ध शुरू किया था… एक्सपर्ट्स का कहना है कि इतिहास दोहराया जा सकता है। चीन की रेड लाइन: ताइवान के आसपास जापानी मिसाइलें चीनी विशेषज्ञ कहते हैं-“अगर जापान ताइवान के आसपास मिसाइलें तैनात करता है तो चीन युद्ध का जवाब तुरंत देगा।”जापान दावा करता है कि यह कदम “रक्षा के लिए” है, लेकिन चीन मान रहा है कि यह उसके राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सीधा खतरा है।

 

जापान इतना आक्रामक क्यों?
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पहली बार जापान इतनी आक्रामक सैन्य नीति अपना रहा है। नई पीएम ताकाइची ने आते ही चीन को कड़ा संदेश देने शुरू कर दिए हैं। चीन इसे “ड्रैगन को उकसाना” बता रहा है। बीजिंग ने धमकी भरे सैन्य वीडियो जारी किए हैं “अगर आज जंग हुई… चीन तैयार है।” क्या तीसरा विश्वयुद्ध होगा? अमेरिका–रूस भी कूदेंगे! अमेरिका, जापान और अमेरिका के बीच सुरक्षा संधि है। इसलिए संघर्ष शुरू होते ही अमेरिका इसमें कूदने पर मजबूर होगा।  जापान में उसके बड़े-बड़े सैन्य बेस मौजूद हैं। रूस-चीन रणनीतिक साझेदारी अब बेहद मजबूत है। युद्ध छिड़ा तो पुतिन खुलकर या छुपकर चीन का साथ देंगे। पश्चिम को बांटने के लिए रूस यूरोप में एक और मोर्चा खोलने की कोशिश भी कर सकता है।  


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Content Writer

Tanuja

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