Trump प्रशासन का हार्वर्ड पर बड़ा फैसला: अंतरराष्ट्रीय छात्रों के प्रवेश पर लगाई रोक

punjabkesari.in Friday, May 23, 2025 - 09:00 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा फैसला लेते हुए हार्वर्ड विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय छात्रों के प्रवेश पर रोक लगा दी। ट्रंप प्रशासन के होमलैंड सिक्योरिटी सचिव क्रिस्टी नोएम ने विभाग को हार्वर्ड के स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विजिटर प्रोग्राम प्रमाण-पत्र समाप्त करने का आदेश दिया है। इस आदेश के बाद अब हार्वर्ड अंतरराष्ट्रीय छात्रों को दाखिला नहीं दे पाएगा और वहां पहले से पढ़ रहे विदेशी छात्रों को या तो ट्रांसफर करना होगा या वे अपना कानूनी स्टेटस खो देंगे।

नोएम ने अपने इस फैसले के पीछे हार्वर्ड पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि हार्वर्ड का कैंपस "हिंसा, यहूदी-विरोध और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ सहयोग करने का अड्डा बन गया है।" नोएम ने अप्रैल में ही हार्वर्ड को चेतावनी दी थी कि उसका प्रमाण-पत्र तभी बना रह सकता है जब वह अमेरिकी इमिग्रेशन कानूनों का पालन करे। ट्रंप प्रशासन ने गाजा युद्ध के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों के खिलाफ भी सख्त कदम उठाए हैं। ऐसे कई छात्रों का वीजा रद्द कर उन्हें देश से निकाल दिया गया है आरोप है कि ये छात्र आतंकी संगठन हमास का समर्थन कर रहे हैं।

हार्वर्ड ने बताया 'गैरकानूनी और बदले की कार्रवाई'

ट्रंप प्रशासन के इस आदेश को हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने "गैरकानूनी और बदले की कार्रवाई" बताया है। विश्वविद्यालय ने एक बयान जारी कर कहा कि इस फैसले से संस्था को गंभीर नुकसान पहुंचने का खतरा है। हार्वर्ड ने अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा, "हम 140 से अधिक देशों के अंतर्राष्ट्रीय छात्रों और विद्वानों की मेजबानी करने और विश्वविद्यालय को समृद्ध बनाने की अपनी क्षमता को बनाए रखने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।" विश्वविद्यालय के अनुसार सरकार की यह कार्रवाई हार्वर्ड के शैक्षणिक और शोध मिशन को कमजोर करती है।

पहले भी की गई थी संघीय अनुदान में कटौती

यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड पर शिकंजा कसा है। गत मार्च-अप्रैल में ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड को 2.2 बिलियन डॉलर (लगभग 18,729 करोड़ रुपये) और मई के मध्य में 450 मिलियन डॉलर (लगभग 3,831 करोड़ रुपये) की अतिरिक्त अनुदान राशि में कटौती कर दी थी। मई में की गई कटौती के समय संघीय सरकार ने हार्वर्ड को भेजे पत्र में साफ कहा था कि हार्वर्ड भेदभाव और प्रदर्शन का अड्डा बन गया है और इसे अपनी शैक्षणिक उत्कृष्टता की विरासत को पुनः प्राप्त करने के लिए कड़ा संघर्ष करना होगा।

यहूदी-विरोध और प्रदर्शनों पर था जोर

विश्वविद्यालय पर यहूदियों के विरुद्ध भावनाओं को भड़काने और फिलिस्तीनियों के समर्थन में प्रदर्शन करने के आरोप लगाते हुए ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड से अपने प्रशासन में व्यापक बदलाव करने, प्रवेश नीतियों में संशोधन और संकाय व छात्रों का ऑडिट करने को कहा था। उसी समय राष्ट्रपति ट्रंप ने हार्वर्ड को टैक्स से छूट समाप्त करने और विदेशी छात्रों को प्रवेश देने की मान्यता समाप्त करने की धमकी भी दी थी।


हार्वर्ड में भारत के 788 छात्र

वर्ष 1636 में स्थापित हार्वर्ड विश्वविद्यालय अमेरिका का सबसे पुराना उच्च शिक्षा संस्थान है। पिछले शैक्षणिक सत्र में हार्वर्ड के लगभग 22,000 पूर्णकालिक नामांकन में 30 प्रतिशत विदेशी छात्र थे। इनमें चीन और कनाडा के बाद भारत के सबसे ज्यादा विद्यार्थी हैं। शैक्षणिक वर्ष 2024-25 में करीब 788 भारतीय छात्र और शोधार्थी हार्वर्ड में अध्ययन कर रहे हैं जिनमें से 321 छात्र उसी साल नामांकित हुए थे। हार्वर्ड में दुनिया के 125 से ज्यादा देशों के विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं।


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Content Editor

Rohini Oberoi

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