चीन में मुस्लिमों पर जुल्म, डिटेंशन सेंटरों में महिलाओं से यौन उत्पीड़न और जबरन नसबंदी...चौंकाने वाली रिपोर्ट

punjabkesari.in Friday, Sep 02, 2022 - 11:15 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: चीन ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र (संरा) मानवाधिकार कार्यालय की एक रिपोर्ट जारी होने पर हैरान जताई है, जिसमें उसपर शिनजियांग प्रांत में उइगर मुसलमानों के “मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन” का आरोप लगाया गया है। चीन ने रिपोर्ट को अवैध और अमान्य करार देते हुए कहा कि अमेरिका ने उसे रोकने के लिए यह रिपोर्ट गढ़ी है। निवर्तमान संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बेचलेट की बहुप्रतीक्षित रिपोर्ट, जिनेवा में नाटकीय अंदाज में जारी की गई। बैचलेट चीन के साथ लंबे समय तक चले राजनयिक विवाद के बाद मई में शिनजियांग गई थीं, जिसके बाद यह रिपोर्ट जारी की गई है। 

 

चीन ने की रिपोर्ट की आलोचना

चीन ने रिपोर्ट जारी करने पर आश्चर्य जताते हुए इसपर कड़ा विरोध दर्ज कराया। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने यहां एक मीडिया ब्रीफिंग में रिपोर्ट की आलोचना करते हुए कहा, “तथाकथित आकलन अमेरिका और कुछ पश्चिमी ताकतों द्वारा रचा और तैयार किया गया है। यह पूरी तरह से अवैध और अमान्य है।” चिली की पूर्व राष्ट्रपति बैचलेट ने अत्यधिक दबाव के बीच आखिरकार बीजिंग के विरोध को दरकिनार कर दिया और बुधवार को अपने कार्यकाल के अंतिम दिन रिपोर्ट जारी की। 

 

मुस्लिमों पर अत्याचार

रिपोर्ट में कहा गया है कि शिनजियांग में उइगर और अन्य मुस्लिम जातीय समूह के लोगों को सरकार द्वारा जबरन नजरबंद रखना मानवता के खिलाफ अपराध के दायरे में आ सकता है। रिपोर्ट के अनुसार चीन ने अपनी आतंकवाद और उग्रवाद रोधी नीतियों के तहत मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन किया है। संगठन ने संयुक्त राष्ट्र, विश्व बिरादरी और खुद चीन से इस पर ‘‘तत्काल ध्यान'' देने का आह्वान किया है। पश्चिमी राजनयिकों और संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने कहा कि रिपोर्ट लगभग तैयार थी, लेकिन बैचलेट का चार साल का कार्यकाल पूरा होने से कुछ ही मिनटों पहले इसे जारी किया गया। कई पत्रकारों, स्वतंत्र मानवाधिकार समूहों ने शिनजियांग में वर्षों से मानवाधिकार उल्लंघन पर काफी कुछ लिखा है।

 

बैचलेट की इस रिपोर्ट पर संयुक्त राष्ट्र तथा उसके सदस्य देशों की मुहर लगी है। इसके जारी होने के बाद विश्व संस्था में चीन के प्रभाव पर बहस छिड़ गई। रिपोर्ट जारी होने से कुछ देर पहले संयुक्त राष्ट्र में चीन के राजदूत झांग जून ने कहा था कि बीजिंग इस रिपोर्ट का ‘‘दृढ़ता से विरोध'' करता है। मानवाधिकार समूहों और जापान की सरकार ने इस रिपोर्ट का स्वागत किया है। जापान रिपोर्ट पर टिप्पणी करने वाले शुरुआती देशों में से एक था। रिपोर्ट गुरुवार सुबह एशिया में जारी की गई थी। जापान के शीर्ष सरकारी प्रवक्ता ने चीन से शिनजियांग क्षेत्र में पारदर्शिता और मानवाधिकार की स्थिति में सुधार करने का आग्रह किया। मानवाधिकार संगठनों ‘ह्यूमन राइट्स वॉच' और ‘एमनेस्टी इंटरनेशनल' ने संयुक्त राष्ट्र और सरकारों से मानवाधिकारों के हनन की एक स्वतंत्र जांच करने का आह्वान किया।


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Content Writer

Seema Sharma

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