निर्वासित तिब्बती अधिकारी ने चीन को लगाई लताड़, कहा- तिब्बतियों पर अत्याचार ताइवान के लिए चेतावनी

punjabkesari.in Saturday, Sep 04, 2021 - 01:40 PM (IST)

ताइपे: निर्वासित तिब्बती सरकार के प्रतिनिधि केलसांग ग्यालत्सेन बावा ने गुरुवार को तिब्बतियों पर अत्याचार के लिए चीन को  लताड़ा और कहा कि यह "उत्पीड़न ताइवान के लोगों के लिए एक चेतावनी के समान है।"  केलसांग ताइवान में निर्वासित तिब्बत सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।  ताइवानी समाचार एजेंसी फोकस ताइवान की रिपोर्ट के अनुसार ताइवान में एक 17 सूत्रीय पुस्तक विमोचन कार्यक्रम के दौरान केलसांग ने यह भी कहा कि "तिब्बत के बुद्धिजीवियों को या तो निर्वासन के लिए मजबूर किया गया है या वे चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) द्वारा अपनी मातृभूमि में क्रूर कार्रवाई का सामना कर रहे हैं, और उनका उत्पीड़न आज भी लगातार जारी है।"

 

उन्होंने 'सत्रह सूत्रीय समझौते' की ओर भी इशारा किया जिसमें तिब्बतियों को उच्च स्तर की स्वायत्तता का वादा किया गया। इस बीच, ताइवान के विधायक फ्रेडी लिम ने भी कहा कि ताइवान को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतंत्र के लिए लड़ना चाहिए । बता दें कि चीन शुरू से  दक्षिण-पूर्वी तट पर स्थित लगभग 24 मिलियन लोगों के लोकतंत्र ताइवान पर पूर्ण संप्रभुता का दावा करता है।  इस तथ्य के बावजूद दोनों पक्ष सात दशकों से अधिक समय से अलग-अलग शासित हैं। दूसरी ओर  ताइपे ने अमेरिका सहित लोकतंत्रों के साथ रणनीतिक संबंधों को बढ़ाकर चीनी आक्रामकता का मुकाबला किया है, जिसका बीजिंग द्वारा बार-बार विरोध किया जा रहा है।

 

चीन ने धमकी दी है कि "ताइवान की आजादी" का मतलब युद्ध है। 1 जून को, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने स्व-शासित ताइवान के साथ पूर्ण एकीकरण का संकल्प लिया और द्वीप के लिए औपचारिक स्वतंत्रता के किसी भी प्रयास को विफल करने की कसम खाई।शी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए  ताइवान की मुख्यभूमि मामलों की परिषद (मैक) ने सीसीपी पर आंतरिक रूप से राष्ट्रीय कायाकल्प के नाम पर अपनी तानाशाही को मजबूत करने और बाहरी रूप से अपनी आधिपत्य की महत्वाकांक्षाओं के साथ अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बदलने का प्रयास करने का आरोप लगाया है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Tanuja

Recommended News

Related News