Film Review: समलैंगिकता पर संकीर्ण सोच को बदलेगी ‘बधाई दो’
punjabkesari.in Friday, Feb 11, 2022 - 10:19 AM (IST)

फिल्म : बधाई दो (Badhaai Do)
कास्ट : राजकुमार राव (Rajkummar Rao), भूमि पेडनेकर (Bhumi Pednekar), चुम दरांग (Chum Darang), गुलशन देवैया (Gulshan Devaiah)
निर्देशक : हर्षवर्धन कुलकर्णी (Harshvardhan Kulkarni)
रेटिंग : 4*/ 5
ज्योत्सना रावत। राजकुमार राव और भूमि पेडनेकर की फिल्म 'बधाई दो' 11 फरवरी यानी आज सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। यह फिल्म समलैंगिकता पर आधारित है। फिल्म में दिखाया गया है कि गे और लेस्बियन्स को समाज में किन मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। बॉलीवुड में समलैंगिकता पर बहुत कम फिल्में बनीं है। 'बधाई दो' जैसी फिल्म आपने पहले कभी नहीं देखी होगी। फिल्म में इतने बड़े सामाजिक मुद्दे को बेहतरीन तरीके से दिखाया गया है। बोल्ड टॉपिक पर बनी इस फिल्म की खास बात ये है कि इसे आप परिवार के साथ भी देख सकते हैं। आज भी हमारा समाज इस विषय पर कैसी सोच रखता है यह किसी से छिपा नहीं है। उस सोच को बदलने में यह फिल्म कुछ हद तक काम करेगी।
कहानी
सुमि (Bhumi Pednekar) एक पीटी टीचर है और शार्दुल (Rajkumar Rao) एक पुलिस ऑफिसर। दोनों उत्तराखंड के परिवारो से हैं और दोनों ही समलैंगिक हैं। इनके बारे में किसी को कुछ नहीं पता। दोनों के घरवाले शादी का दबाव बनाते है क्योंकि सुमि 31 साल और शार्दुल 32 साल के हो गए हैं। आखिर में दोनों शादी के लिए राजी हो जाते हैं, लेकिन एक समझौते पर। इसी बीच फिल्म आपको हंसाने का काम भी करगी। दोनों के बीच समझौता ये हुआ है कि शादी के बाद दोनों अपने पसंद के पार्टनर के साथ रह सकते हैं। अब शादी तो हो जाती है उसके एक साल बाद घरवाले बच्चे होने का दबाव बनाते हैं। इन्हीं सबके बीच कहानी आगे बढ़ती है और बच्चा भी होता है।
एक्टिंग
राजकुमार राव और भूमि पेडनेकर दोनों ही उम्दा कलाकार हैं। दोनों ने ही अपनी एक्टिंग से पूरे टाइम बांधे रखा। वहीं फिल्म के सपोर्टिंग कास्ट और भूमि की पार्टनर चुम दरंग ने भी अच्छा काम किया है। इसके अलावा राजकुमार राव के पार्टनर गुलशन देवैया का किरदार छोटा लेकिन मजेदार है। सीमा पाहवा, नितेश पांडे, शीबा चड्ढा और लवलीन मिश्रा ने भी फिल्म में रिश्तेदारों का किरदार बखूबी निभाया है।
डारेक्शन
हर्षवर्धन कुलकर्णी के डायरेक्शन में बनी इस फिल्म को अक्षत घिलडियाल ने सुमन अधिकारी और हर्षवर्धन कुलकर्णी के साथ लिखा है। खास बात ये है कि समलैंगिकता जैसे बोल्ड टॉपिक को बड़े ही सीधे तरीके से दिखाया गया है। यह कहना गलत नही होगा कि इतने बड़े सामाजिक मुद्दे को चुटीले अंदाज में दिखाया गया। फिल्म की कहानी जैसे- जैसे आगे बढ़ती है वैसे - वैसे कई राज खुलते जाते हैं।
अब सुमि और शार्दुल का सच सामने कैसे आता है और दोनों का बच्चा कैसे होता है। ये जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी।