The Bhootnii Review: संजय दत्त का नया अवतार, जहां डर और हंसी का है अद्भुत संगम, यहां पढ़ें रिव्यू
punjabkesari.in Thursday, May 01, 2025 - 10:33 AM (IST)

फिल्म- द भूतनी (The Bhootnii)
स्टारकास्ट: संजय दत्त (Sanjay Dutt), मौनी रॉय (Mouni Roy), सनी सिंह (Sunny Singh), पलक तिवारी (PalakTiwari), निकुंज शर्मा (Nikunj Sharma), आसिफ खान (Aasif Khan)
लिखित और निर्देशित: सिद्धांत सचदेव (Siddhant Sachdev)
रेटिंग: 3.5*
The Bhootnii: जब दर्शक सिनेमा हॉल में आते हैं, तो वे सिर्फ एक कहानी नहीं, बल्कि एक पूरा अनुभव चाहते हैं। इस बार जो फिल्म रिलीज़ हुई है, "The Bhootnii", वो सिर्फ मनोरंजन नहीं देती, बल्कि दिल को भी छू जाती है। हॉरर-कॉमेडी ऐसा जॉनर है जिसे पहले कई बार आज़माया गया है, लेकिन इस फिल्म ने इस शैली को एक नई दिशा दी है। यह फिल्म डराती भी है, हंसाती भी है और बीच-बीच में ऐसा कुछ कह जाती है जो इमोशनल कर देता है। इस फिल्म का सबसे बड़ा प्लस पॉइंट यही है कि यह सिर्फ डर पर टिकी कहानी नहीं है, बल्कि इसमें एक दिल छूने वाली भावना भी है।
कहानी
फिल्म की कहानी सेंट विंसेंट कॉलेज के एक रहस्यमय पेड़—"वर्जिन ट्री"—के इर्द-गिर्द घूमती है, जो हर साल वैलेंटाइन डे के आस-पास जाग उठता है। यह कोई अफवाह नहीं, बल्कि एक आत्मा की पुकार है, जो सच्चे प्यार की तलाश में है। जैसे-जैसे होली करीब आती है, कॉलेज में अजीब घटनाएं शुरू होती हैं जो पूरे 27 दिन चलती हैं। इस दौरान फिल्म डर, ह्यूमर और इमोशनल सिचुएशन्स के बीच झूलती रहती है। यही उतार-चढ़ाव इस कहानी को मनोरंजक और दिलचस्प बनाते हैं और दर्शक हर मोड़ पर कहानी से जुड़े रहते हैं।
एक्टिंग
फिल्म में सबसे ज्यादा असर छोड़ने वाला किरदार है संजय दत्त का, जिन्होंने ‘बाबा’ नामक एक भूत-प्रेत शिकारी की भूमिका निभाई है। यह रोल उनके लिए एकदम नया है — न पूरी तरह सीरियस, न पूरी तरह कॉमिक, लेकिन संतुलित और प्रभावशाली। उनके डायलॉग्स और बॉडी लैंग्वेज इस किरदार को यादगार बना देते हैं। सनी सिंह ने भोले-भाले छात्र शांतनु का रोल निभाया है, और उनकी मासूमियत इस किरदार को खास बनाती है। पलक तिवारी की परफॉर्मेंस भावनात्मक रूप से गहराई देती है, वहीं मौनी रॉय ने आत्मा ‘मोहब्बत’ का किरदार रहस्यमय और दर्द से भरा दिखाया है। निकुंज शर्मा और आसिफ खान की जोड़ी फिल्म को कॉमिक टच देती है उनकी टाइमिंग इतनी नेचुरल है कि वो असली दोस्तों जैसे लगते हैं।
म्यूजिक
फिल्म का संगीत इसकी जान है। ‘महाकाल महाकाली’ जैसे गाने न सिर्फ पॉपुलर हैं, बल्कि फिल्म के मूड को भी सेट करते हैं। हर गाने में भारतीय लोक संगीत और मॉडर्न बीट्स का शानदार मिश्रण है। बैकग्राउंड स्कोर खास तौर पर जबरदस्त है — कभी हल्का डर, कभी गहरा सन्नाटा और कभी अचानक उभरती तीव्र धुनें, जो रोमांच को और बढ़ा देती हैं। हर सीन के साथ म्यूजिक का बदलाव फिल्म के इमोशनल और हॉरर टोन को और सशक्त बनाता है।
निर्देशन
फिल्म का निर्देशन सिद्धांत सचदेव ने किया है, और यह कहना गलत नहीं होगा कि उन्होंने हॉरर-कॉमेडी को एक भावनात्मक गहराई दी है। उन्होंने डर को सिर्फ डराने तक सीमित नहीं रखा, बल्कि उसमें इंसानी संवेदनाएं जोड़ी हैं। सिनेमैटोग्राफर संतोष थुंडियिल ने कैमरे से एक ऐसा माहौल रचा है कि हर फ्रेम में एक रहस्य छिपा लगता है। हॉस्टल के गलियारे, धुंधली रौशनी और क्लासरूम की चुप्पी सब मिलकर माहौल बनाते हैं। VFX भी नपे-तुले हैं — न ज्यादा चमक-दमक, न ओवरडन डर। संवाद सरल और दिल से जुड़े हुए हैं, और एडिटिंग चुस्त है जिससे फिल्म कहीं भी धीमी नहीं लगती। पूरी टीम का काम यह साबित करता है कि "The Bhootnii" सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक अनुभव है — जिसमें डर है, हंसी है और दिल भी।