Review: नए जोश और नए जज्बे के साथ जीने की सीख देती है अनुपम और नीना की Shiv Shastri Balboa
punjabkesari.in Friday, Feb 10, 2023 - 04:53 PM (IST)

फिल्म : शिव शास्त्री बलबोआ (Shiv Shastri Balboa)
निर्देशक : अजयन वेणुगोपालन (Ajay Venugopalan)
निर्माता : किशोर वेरियथ (Kishore Varieth)
कलाकार : अनुपम खेर (Neena Gupta) , नीना गुप्ता (Neena Gupta), जुगल हंसराज (Jugal Hansraj) ,नरगिस फाकरी ( Nargis Fakhri), शारिब हाशमी (Sharib Hansraj)
स्टार रेटिंग : 3/5
Shiv Shastri Balboa Review: बॉलीवुड के दो दिग्गज एक्टर्स अनुपम खेर (Anupam Kher) और नीना गुप्ता (Neena Gupta) ने फिल्म में अपनी दमादार अदाकारी से दिल जीत लिया है। फिल्म आज सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। फिल्म एक नए जोश और नए जज्बे के साथ जीने की सीख देती है। यह फिल्म बताती है कि चाहे आपकी उम्र कुछ भी हो, हालात कितने भी विपरीत हों, जिंदगी से कभी हार नहीं माननी चाहिए और हर वक्त उसे बदलने की कोशिश करते रहना चाहिए।
कहानी
कहानी की शुरुआत में अनुपम खेर शराब पीने की अपनी पुरानी आदत छोड़कर बॉक्सिंग स्कूल खोल लेते हैं और बॉक्सिंग चैम्पियन्स को प्रशिक्षित करने में जी जान लगा देते हैं। यह फ़िल्म अपने ही अंदाज़ में ज़िंदगी का जश्न मनाते हुए ज़िंदगी में हर क़दम पर आगे बढ़ते जाने, गिरकर संभलने और अपना हौसला कभी नहीं हारने की सीख देती है। शिव शास्त्री (अनुपम खेर) अपनी दोस्त एल्सा (नीना गुप्ता) की मदद करने के लिए निकलते हैं। उनके इस रोमांचक सफ़र में उनका साथ देते हैं शिनामन सिंह (शारिब हाशमी) और उनकी ख़ूबसूरत गर्लफ़्रेंड सिया (नरगिस फ़ाकरी)। इस बीच, एक बाइक गैंग भी उनके साथ जुड़ जाता है जिसके सदस्य उनके सफ़र को और भी अधिक रोचक बना देते हैं। इतना ही नहीं, शिव शास्त्री के बेटे का पालतू कुत्ता कैप्सूल उर्फ़ कैस्पर शिव शास्त्री के जोश को क़दम-क़दम पर बढ़ाने का काम करता है, उन्हें हर मुश्क़िलों का सामना करने और हर बाधा को पार करने की प्रेरणा देता है।
एक्टिंग
40 साल लम्बे फिल्मी करियर में अनुपम खेर हर एक फ़िल्म में कुछ ना कुछ नया करने की कोशिश करते रहे हैं। 'शिव शास्त्री बलबोआ' में भी उन्होंने कुछ अलग करने की कोशिश की है। उन्होंने जिस बेबाकी और बेफ़िक्री के साथ अपने रोल को निभाया है, उनके किरदार को शायद ही कोई और अभिनेता इस पुरज़ोर अंदाज़ में निभा पाता। वहीं एक अभिनेत्री के तौर पर नीना गुप्ता की भी जितनी तारीफ़ की जाए, उतनी कम है। उन्होंने हैदराबादी लहज़े में हिंदी बोलने के अपने प्रयासों से लेकर अपने दर्द और अपनी जीत को सजीव रूप से पेश करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। फ़िल्म में नरगिस फ़ाकरी ताज़ा हवा के झोंके की तरह आती हैं, तो वहीं जुगल हंसराज फिल्म 'मासूम' की मासूमियत लिये नज़र आते हैं। शिनामन सिंह के रोल में शारिब हाशमी ने गजब की एक्टिंग की है और उनका किरदार आपको हंस-हंसकर लोटपोट होने को मजबूर कर देगा।
डायरेक्शन
'मेट्रो पार्क' जैसी बेहतरीन वेब सीरीज़ बनानेवाले अजयन वेणुगोपालन ने बहुत शिद्दत के साथ 'शिव शास्त्री बेलबुआ' का निर्देशन किया है। फ़िल्म के सभी किरदार रियल नजर आते हैं, फिल्म का ह्यूमर भी कमाल का है और फिल्म का कोई भी किरदार बनावटी नजर नहीं आता है। यही वजह है कि फिल्म मजकिया अंदाज में गंभीर किस्म के संदेश को दर्शकों तक असरदार तरीके से पहुंचाने में सफल साबित होती है।
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