आप भी हैं Non-Veg lover तो ये पढ़ना न भूलें
punjabkesari.in Saturday, May 18, 2019 - 02:10 PM (IST)
ये नहीं देखा तो क्या देखा (Video)
गौतम बुद्ध के काल में एक राजा था अजातशत्रु। एक समय अजातशत्रु कई मुश्किलों से घिर गया और मुसीबतों से बाहर निकलने का रास्ता नहीं खोज पा रहा था। इन परेशानियों के कारण अजातशत्रु की चिंता बहुत बढ़ गई थी। इसी दौरान उनकी भेंट एक तांत्रिक से हुई।
राजा ने तांत्रिक को चिंता का कारण बताया। तांत्रिक ने राजा को मुसीबतों से मुक्ति के लिए पशु बलि देने का उपाय बताया। राजा ने तांत्रिक की बात पर भरोसा करते हुए पशुओं की बलि देने का मन बना लिया। इसके लिए एक बड़ा अनुष्ठान किया गया और बलि के लिए एक भैंसे को बांधकर मैदान में खड़ा कर दिया गया।
संयोगवश उस समय गौतम बुद्ध राजा अजातशत्रु के नगर पहुंचे। बुद्ध ने देखा कि एक मूक पशु की गर्दन पर मौत की तलवार लटक रही है तो उनका मन करुणा से भर आया। वह राजा अजातशत्रु के पास पहुंचे। बुद्ध ने एक तिनका राजा को देकर कहा कि राजन, मुझे इसे तोड़ कर दिखाएं।
राजा ने तिनके के दो टुकड़े करके गौतम बुद्ध को दे दिए। गौतम बुद्ध ने टूटे तिनके फिर से राजा को देकर कहा कि अब इन दोनों टुकड़ों को जोड़कर दिखाएं। गौतम बुद्ध की यह बात सुनकरअजातशत्रु अचंभित रह गया। राजा ने कहा-टूटे तिनके कैसे जुड़ सकते हैं।
राजा का उत्तर सुनकर बुद्ध ने कहा, ‘‘राजन, जिस तरह यह तिनका तोड़ा जा सकता है, जोड़ा नहीं जा सकता। उसी तरह मूक पशु को मारने के बाद आप उसे जिंदा नहीं कर सकते बल्कि इस जीव हत्या से परेशानियां कम होने की बजाय और बढ़ती ही हैं। आप ही की तरह इस पशु को भी तो जीने का हक है। जहां तक मुश्किलों का सवाल है तो इन्हें कम करने के लिए बुद्धि और वीरता का सहारा लेना चाहिए। असहाय प्राणियों की बलि मत दीजिए।’’
भगवान बुद्ध की यह बात सुनकर राजा अजातशत्रु भी शर्मिंदा हो गया। राजा ने तत्काल पशु-बलि बंद करने का आदेश दे दिया।
शिक्षा : इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि जिस तरह किसी भी चीज को झटके से तोड़ा जा सकता है, उसे दोबारा जोड़ा नहीं जा सकता इसलिए हमें तोडऩे से पहले सैंकड़ों बार सोचना चाहिए। अगर कोई भी चीज एक बार टूट गई तो वह दोबारा नहीं जुड़ पाती।