Vivah Panchami 2025: विवाह पंचमी पर इस विधि से करें पूजा, लौटेंगी वैवाहिक जीवन की रुठी खुशियां
punjabkesari.in Tuesday, Nov 25, 2025 - 10:08 AM (IST)
Vivah Panchami 2025: मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी को मनाई जाने वाली विवाह पंचमी वह पवित्र तिथि है जिस दिन त्रेतायुग में भगवान श्रीराम और माता सीता का दिव्य विवाह संपन्न हुआ था। हिंदू शास्त्रों में इसे दाम्पत्य सौख्य, सौभाग्य, प्रेम और वैवाहिक स्थिरता का दिन माना गया है। इस वर्ष विवाह पंचमी 25 नवंबर, मंगलवार को मनाई जाएगी।

Vivah Panchami date and auspicious time विवाह पंचमी तिथि व शुभ मुहूर्त
विवाह पंचमी तिथि प्रारंभ: 24 नवंबर, रात 9:22 बजे
विवाह पंचमी तिथि समाप्त: 25 नवंबर, रात 10:56 बजे
इस पूरे समयावधि में व्रत, पूजा और आराधना अत्यंत फलदायी मानी गई है।

Religious Significance of Vivah Panchami विवाह पंचमी का धार्मिक महत्व
शास्त्रों के अनुसार इस दिन श्री सीता राम का पावन मिलन स्मरण करने मात्र से गृहस्थ जीवन में सुख, सामंजस्य, सौंदर्य और शांति का प्रवेश होता है। विवाहित स्त्रियां पति की आयु, सौभाग्य और वैवाहिक स्थिरता के लिए यह व्रत करती हैं। अविवाहित कन्याएं मनचाहा, संस्कारी एवं योग्य जीवनसाथी पाने के लिए यह पूजा करती हैं। गृहस्थ लोग इस दिन पूजा कर घर–परिवार में मंगल, समृद्धि व कल्याण की कामना करते हैं।

Shri Sita Ram Vivah Panchami Puja Vidhi at Home घर पर श्री सीता राम विवाह पंचमी पूजा विधि
प्रातः स्नान के बाद स्वच्छ, पीले या लाल वस्त्र पहनें।
घर के मंदिर में श्रीराम सीता की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
केले के पत्तों या पीले कपड़े से छोटा सा विवाह मंडप बनाएं।
माता सीता को लाल चुनरी, श्रृंगार, फूल माला, अक्षत, सिंदूर अर्पित करें।
प्रभु श्रीराम को चंदन, इत्र, पीला वस्त्र, पुष्प और नैवेद्य चढ़ाएं।
घी का दीपक, धूप और अगरबत्ती जलाएं।
खीर, मिठाई या कोई भी सात्त्विक भोग लगाएं।
श्रीराम सीता विवाह कथा का पाठ करें या श्रवण करें।
अंत में “ॐ जानकीवल्लभाय नमः” मंत्र का जप 108 बार करना अत्यंत शुभ माना गया है।
आरती करें और प्रसाद का वितरण करें।

Spiritual Benefits of Vivah Panchami विवाह पंचमी से मिलने वाले आध्यात्मिक फल
दांपत्य जीवन में प्रेम, सम्मान और समझ बढ़ती है।
ग्रह–कुल दोष, कलह तथा तनाव दूर होते हैं।
जीवन में सौभाग्य, शांति, समृद्धि और मंगल ऊर्जा का वास होता है।
विवाह योग्य कन्याओं को शीघ्र शुभ विवाह के योग बनते हैं।
भजन–कीर्तन और शोभायात्रा का महत्व
अनेक स्थानों पर इस दिन सीता राम विवाह महोत्सव आयोजित होता है। भजन–कीर्तन और शोभायात्रा में सम्मिलित होने से पुण्यफल कई गुना बढ़ जाता है।

