Vivah Panchami Vrat Katha 2025: कठिन से कठिन काम भी होंगे आसान, विवाह पंचमी पर अवश्य पढ़ें यह कथा

punjabkesari.in Saturday, Nov 22, 2025 - 12:13 PM (IST)

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Vivah Panchami Vrat Katha 2025:  हिंदू धर्म में विवाह पंचमी का दिन अत्यंत शुभ और पवित्र माना जाता है। यह तिथि भगवान श्रीराम और देवी सीता के वैवाहिक संयोग का प्रतीक है। मान्यता है कि इस दिन पूर्ण विधि-विधान से पूजा, व्रत और कथा पाठ करने से विवाह से जुड़ी सभी बाधाएं दूर होती हैं और परिवार में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष विवाह पंचमी 25 नवंबर 2025 को मनाई जाएगी। श्रद्धालु इस दिन विशेष व्रत रखते हैं और भगवान राम–सीता का स्मरण करते हुए पवित्र कथा का पाठ करते हैं। ऐसा करने से व्रत का फल दोगुना प्राप्त होता है।

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विवाह पंचमी का धार्मिक महत्व
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, भगवान श्रीराम भगवान विष्णु का अवतार हैं, जिनका जन्म अयोध्या के राजा दशरथ के सबसे बड़े पुत्र के रूप में हुआ। मार्गशीर्ष माह की पंचमी तिथि को श्रीराम अपने छोटे भाई लक्ष्मण और गुरु विश्वामित्र के साथ मिथिला की राजधानी जनकपुरी पहुंचे थे। जनकपुरी में उस समय राजा जनक ने अपनी पुत्री माता सीता का स्वयंवर आयोजित किया था। स्वयंवर में शामिल होने के लिए देश-विदेश के कई वीर, राजा और राजकुमार पहुंचे थे।

शिवधनुष की दिव्य परीक्षा
राजा जनक के पास भगवान शिव का एक दिव्य धनुष था, जिसे उठाने और उस पर प्रत्यंचा चढ़ाने की शर्त पर स्वयंवर रखा गया था। कहा जाता है कि यह धनुष इतना शक्तिशाली और भारी था कि कोई भी राजा उसे हिला तक नहीं सका। एक-एक कर सभी प्रतिभागी उस परीक्षा में विफल होते गए। लेकिन जब गुरु विश्वामित्र ने श्रीराम को आगे बढ़ने का आदेश दिया, तो उन्होंने सहजता से धनुष को उठाया। जैसे ही श्रीराम ने धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाने का प्रयास किया, धनुष दो टुकड़ों में टूट गया। इस अद्भुत घटना को देखकर उपस्थित सभी लोग आश्चर्यचकित रह गए।

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मर्यादा पुरुषोत्तम राम और माता सीता का पावन विवाह
परीक्षा पूर्ण होने के बाद राजा जनक ने अत्यंत हर्ष और श्रद्धा के साथ माता सीता का विवाह भगवान श्रीराम के साथ कराया। जनकपुरी की धरती पर वैदिक मंत्रों की गूंज के बीच यह दिव्य विवाह संपन्न हुआ। यह विवाह भारतीय संस्कृति में आदर्श वैवाहिक जीवन का प्रतीक माना जाता है।

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Content Editor

Prachi Sharma

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