2024 तक तैयार होगा दुनिया का सबसे बड़ा वैदिक मंदिर, 80 करोड़ रुपए लागत आने की संभावना
punjabkesari.in Tuesday, Aug 30, 2022 - 09:04 AM (IST)

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कोलकाता ( शंकर जालान) : उत्तर बंगाल के नदिया जिले में मायापुर स्थित इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) के मुख्यालय में दुनिया का सबसे बड़ा वैदिक मंदिर बन रहा है। साल 2024 में इस मंदिर का निर्माण पूरा होने की संभावना है। दुनिया के सबसे बड़े वैदिक तारामंडल मंदिर में 10 करोड़ डॉलर (करीब 80 करोड़ रुपए) की लागत आने की संभावना है। यह जब बनकर तैयार हो जाएगा, तो कंबोडिया के 400 एकड़ में बने बड़े अंगकोर वाट मंदिर परिसर की जगह दुनिया का सबसे बड़ा वैदिक मंदिर बन जाएगा। दुनिया में सबसे बड़ा धार्मिक स्मारक बनने के अलावा यह सबसे बड़ा गुंबद भी होगा और यह पश्चिम बंगाल में वैदिक तारामंडल का मंदिर इस्कॉन के मुख्यालय के रूप में काम करेगा।
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वैदिक तारामंडल मेहमानों को ब्रह्मांडीय निर्माण के विभिन्न हिस्सों का भ्रमण कराएगा। इसमें बह्मांड से संबंधित विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी जाएगी और लोगों को वैदिक संस्कृति के बारे में अवगत कराया जाएगा। यह आगरा के ताजमहल और वेटीकन के सेंट पॉल कैथेड्रल से भी बड़ा होगा।
इस्कॉन मायापुर के जनसंपर्क अधिकारी रसिक गौरांग दास ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण मंदिर के निर्माण में देरी हो रही है। इसका निर्माण दो साल पहले पूरा होना था, लेकिन अब ऐसा लगता है कि इसका निर्माण साल 2024 पर पूरा हो सकता है, हालांकि इसके निर्माण में थोड़ा विलंब भी हो सकता है। फिलहाल निर्माण कार्य चल रहा है। इस्कॉन के संस्थापक प्रभुपाद के आदर्शों के सामने रखकर वैदिक तारामंडल मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। यह अमरीका की कैपिटल बिल्डिंग के डिजाइन से प्रेरित है। जुलाई 1976 में वाशिंगटन यात्रा के दौरान प्रभुपाद कैपिटल बिल्डिंग की बाहरी डिजाइन से बहुत प्रभावित हुए थे। प्रभुपाद ने अनुरोध किया कि अंबरीश प्रभु नए मायापुर मंदिर की लागत में योगदान दें। अंबरीश दास अल्फ्रेड फोर्ड, प्रसिद्ध व्यवसायी हेनरी फोर्ड के परपोते और फोर्ड मोटर कंपनी के भावी मालिक हैं, जिन्होंने इस्कॉन में शामिल होने के बाद 1975 में अपना नाम बदलकर अंबरीश दास रख लिया है और उन्होंने मायापुर में मंदिर के बुनियादी ढांचे के लिए 3 करोड़ डॉलर दिए थे।