वैशाख पूर्णिमा: इन उपायों को करने से हमेशा-हमेशा के लिए दूर हो जाएगी गरीबी

punjabkesari.in Thursday, May 16, 2019 - 11:00 AM (IST)

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ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार वैशाख महीने की पूर्णिमा को तिथी को वैशाखी पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इस बार की वैशाख पूर्णिमा 18 मई, 20919 दिन शनिवार को पड़ रही है। शास्त्रों के अनुसार वैशाख महीने की पूर्णिमा अन्य सभी पूर्णिमा से श्रेष्ठ मानी जाती है। कुछ किंवदंतियों के अनुसार इसे बुद्ध पूर्णिमा व बुद्ध जयंती के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक मान्यताओं की मानें तो बुद्ध को भगवान विष्णु का नौवां अवतार कहा गया है। कहा जाता है कि इन्हें इसी पावन तिथि को बिहार के पावन तीर्थ स्थान बोधगया में बोधि वृक्ष के नीचे बुद्धत्व की प्राप्ति हुई थी। इस दिन भगवान विष्णु की साधना-आराधना का बहुत ज्यादा महत्व है। कहते हैं इस पावन तिथि पर पावन सरोवर व नदियों आदि में स्नान, दान, ध्यान, जप, व्रत और तर्पण आदि करने से मनुष्य को पापों से मुक्ति और मोक्ष प्राप्त होता है। इसलिए कहा जाता है कि जो व्यक्ति पितृ पक्ष के दौरान पितृ तर्पण न कर पाए वो इस दिन पितरों के निमित्त किए गए कामों से उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकता है।
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गंगा स्नान
इस पावन दिन लगभग लोग वैशाख पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान ज़रूर करतके हैं। कहा जाता है इसका खासा महत्व होता है। पौराणिक मान्यताओं की मानें तो इस दिन गंगा में स्नान करने से कई जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है।

इस दिन प्रात:काल स्नान करके व्रत रखें और रात में फूल, धूप, दीप, अन्न, गुड़ आदि से चंद्रमा की पूजा करके जल चढ़ाएं। इसके बाद ब्राह्मण को जल से भरा हुआ घड़ा और भोजन दान करें।
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ज्योतिष मान्यता है कि पूर्णिमा को मृत्यु के देवता धर्मराज के नाम से जल से भरा कलश और पकवान दान करने से 100 गायों के दान का फल मिलता है।

इस दिन पांच या सात ब्राह्मणों को सत्तू, चीनी अथवा गुड़ और तिल के दान करने से भी शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

वैशाख पूर्णिमा को विष्णु मंदिर में घी, चीनी और तिलों से भरा पात्र दान करने वाले जातक की  सभी मनोकामनाएं जल्दी ही पूरी होती है। इसके अलावा इस दिन तिल और चीनी से हवन करने से भी शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

बता दें कि इस दिन सत्य विनायक का व्रत भी रखा जाता है। मान्यता है कि भगवान कृष्ण ने अपने प्रिय मित्र सुदामा को सत्य विनायक का व्रत रखने को कहा था, जिसे करने के बाद उनकी गरीबी दूर हो गई थी।

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Jyoti

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