Tungnath Temple: भोलेनाथ के पंच केदारों में से एक है तुंगनाथ, बर्फबारी के साथ लें अध्यात्म का आनंद

punjabkesari.in Wednesday, Dec 28, 2022 - 10:30 AM (IST)

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Tungnath Temple: तुंगनाथ मंदिर सभी पंच केदार मध्यमाश्वर, केदारनाथ, रुद्रनाथ और कल्पेश्वर में से सबसे अधिक ऊंचाई (समुद्र तल से 3680 मीटर) पर स्थित है। यह मंदिर इतना छोटा है कि यहां एक बार में केवल 10 लोगों को ही प्रवेश की अनुमति है। यह एक किसी ऐसी जगह है जहां आप बर्फबारी का भी आनंद ले सकते हैं और अध्यात्म से भी रूबरू हो सकते हैं।

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तुंगनाथ उत्तराखंड के गढ़वाल में रुद्रप्रयाग जिले में स्थित एक पर्वत है। इसी पर्वत पर स्थित है तुंगनाथ मंदिर। यह मंदिर रामायण से जुड़ा है। माना जाता है कि भगवान श्री राम ने रावण का वध करने के बाद ब्रह्महत्या के अभिशाप से बचने के लिए यहीं तपस्या की थी।

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 History of Tungnath Temple: वहीं मंदिर के निर्माण के बारे में एक जानकारी यह भी मिलती है कि इसे पाण्डवों ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए स्थापित किया था।

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कुरुक्षेत्र में हुए नरसंहार से भोलेनाथ पाण्डवों से रुष्ट थे, इसलिए उन्हें प्रसन्न करने के लिए ही इस मंदिर का निर्माण किया गया था। यह भी मान्यता है कि माता पार्वती ने भी शिव को पाने के लिए यहीं पर तपस्या की थी।

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Story of Tungnath: मन्दिर से जुड़ी एक मान्यता है कि यहां पर शिव जी के हृदय और उनकी भुजाओं की पूजा होती है। तुंगनाथ मंदिर के आसपास नवम्बर के बाद से ही बर्फ का सुंदर नजारा दिखने लगता है।

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जहां तक नजरें जाती हैं वहां तक मखमली घास और पर्वत तथा आसपास बर्फ देखकर यूं लगता है जैसे बर्फ की चादर बिछी हो। तुंगनाथ के दर्शन करने के लिए ऋषिकेश से गोपेश्वर होकर चोपता जाना होगा। इसके बाद तुंगनाथ के लिए स्थानीय साधन मिल जाते हैं।

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इसके अलावा दूसरा रास्ता ऋषिकेश से ऊखीमठ होकर जाता है। ऊखीमठ से भी चोपता जाना होगा।

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Content Writer

Niyati Bhandari

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