Principles of cleanliness in Islam: इस्लाम में साफ-सफाई के सिद्धांत
punjabkesari.in Wednesday, May 21, 2025 - 05:47 PM (IST)

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Principles of cleanliness in Islam: इस्लाम में साफ-सफाई को महज निजी मसला नहीं माना गया, बल्कि इसे रूहानी पाकीजगी से जुड़ा हुआ एक फर्ज ठहराया गया है। हजरत मोहम्मद मुस्तफा (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने फरमाया, ‘‘साफ-सफाई ईमान का आधा हिस्सा है।’’ (सहीह मुस्लिम)। यह तालीम हमें याद दिलाती है कि हमारे आस-पास के माहौल का ख्याल रखना भी अल्लाह के साथ हमारे ताल्लुक का एक अहम हिस्सा है। यह रूहानी उसूल खासतौर पर तब अहम हो जाता है, जब हम मुंबई के धारावी, दिल्ली के सीलमपुर, कोलकाता के राजाबाजार और बेंगलूर के शिवाजीनगर जैसे इलाकों की बात करते हैं, जहां करोड़ों लोग तंग, गंदे और असुरक्षित हालात में रहते हैं। कुरआन पाक में बार-बार साफ-सफाई और माहौल को खूबसूरत बनाने की अहमियत पर जोर दिया गया है। अल्लाह फरमाता है, ‘‘बेशक, अल्लाह उन लोगों को पसंद करता है जो तौबा करते रहते हैं और जो पाक-साफ रहते हैं।’’ (कुरआन 2:222)।
इस आयत को अगर शहरी इलाकों पर लागू करें, तो यह हमें याद दिलाता है कि हमारे शहरों को ऐसा होना चाहिए जो अल्लाह की ताजीम और पाकीजगी को जाहिर करें। धारावी, जो एशिया की सबसे बड़ी झुग्गियों में से एक है और जहां लाखों लोग बहुत ही कम जगह में रहते हैं, ऐसी जगहों का पुनर्विकास हमारे लिए एक जिम्मेदारी है।
हजरत ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती (रहमतुल्लाह अलैहि) ने फरमाया, ‘‘इंसानियत की खिदमत, इबादत का सबसे आला दर्जा है।’’
धारावी, सीलमपुर और राजाबाजार जैसे इलाकों को रहने लायक, साफ-सुथरे और हरे-भरे इलाकों में तब्दील करना इंसानियत की खिदमत का सबसे बेहतरीन तरीका है। सूफी बुजुर्ग माहौल की पाकीजगी को रूहानी इबादत का हिस्सा मानते हैं। झुग्गियों का पुनर्विकास कमजोर तबकों को हिफाजत और इज्जत की छांव देने का एक बेहतरीन जरिया है। कुरआन पाक हमें याद दिलाता है, ‘‘और हमने इंसानों को इज्जत अता की है।’’ (कुरआन 17:70)।
इस इज्जत का तकाजा है कि हम यकीनी बनाएं कि हर इंसान ऐसी जगह पर रहे, जहां उनकी असल इंसानी कद्रों की हिफाजत हो।
धारावी, मुंबई : धारावी की पुनर्विकास योजनाएं, जिनमें बेहतर मकान और हरियाली शामिल हैं, वहां के बाशिंदों के लिए उम्मीद की किरण है। धारावी पुनर्विकास योजना के तहत, लोगों को उनके रोजगार के मौकों को बरकरार रखते हुए नई जिंदगी दी जाएगी।
सीलमपुर, दिल्ली : दिल्ली के इस तंग इलाके में सफाई व्यवस्था और कचरे के सही इंतजाम ने लोगों की सेहत और माहौल को बेहतर किया है।
राजाबाजार, कोलकाता : इस इलाके में सामुदायिक टॉयलैट्स और कचरा संग्रहण की योजनाएं लागू की गईं, जिससे रहन-सहन के हालात बेहतर हुए।
हजरत मोहम्मद मुस्तफा ने फरमाया : ‘‘सबसे बेहतरीन इंसान वह है जो दूसरों को सबसे ज्यादा फायदा पहुंचाए।’’ (सुनन अल-कुबरा)।
शहरी झुग्गियों का पुनर्विकास सिर्फ एक तामीरी मसला नहीं, बल्कि एक रूहानी और नैतिक जिम्मेदारी भी है। साफ-सफाई, इज्जत और स्थायी विकास के उसूल हर इंसान का हक है, जैसा कि रूहानी तालीमात और सूफी हिकमत हमें सिखाती हैं।