Kailash Mahadev Temple: कैलाश महादेव मंदिर का अतीत भविष्य को छू लेने वाला है
punjabkesari.in Saturday, May 17, 2025 - 02:38 PM (IST)

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Kailash Mahadev Temple Ellora Maharashtra: भारत में कई अद्भुत मंदिर हैं, आज एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे आमतौर पर सबसे सुंदर मंदिर की सूची में उतनी चर्चा नहीं मिलती, जितनी मिलनी चाहिए थी। एलोरा, महाराष्ट्र में कैलाश महादेव मंदिर ऐतिहासिक शिव मंदिर है। जहां शिव जी का अदृश्य रूप स्थापित है। जो पत्थर में ऊर्जा का संचयन करता है। यह केवल एक मंदिर नहीं है बल्कि धरती के भीतर ऊर्जा को जकड़ने की एक तकनीकी रचना है। पत्थर को ऊपर से नीचे तक काटकर बनाया गया यह मंदिर इस तरह से तराशा गया है कि शिव का रूप वहां दिखाई नहीं देता लेकिन अनुभव होता है। यानी यह मंदिर शिव की अनुपस्थिति में उपस्थिति को महसूस कराने की संरचना है।
शून्य स्थापत्य जहां आकाश नीचे और धरती ऊपर है। कैलाश मंदिर की संरचना को अगर आप ध्यान से देखें, तो पाएंगे कि इसका निर्माण गुरुत्वाकर्षण को चुनौती देने जैसा है। यह ऊपर से काटा गया है यानी पहले छत बनी, फिर आधार। यह आध्यात्मिक रूप से संकेत करता है कि ईश्वर को पाने के लिए पहले अहंकार (ऊपर का भाग) हटाओ, फिर नीचे का (मूल) स्वयं प्रकट होता है।
इस सुंदर शिव मंदिर का स्पंदन सुनाई नहीं देता, लेकिन महसूस होता है। जो लोग ध्यान में रुचि रखते हैं, उनके लिए कैलाश मंदिर का गर्भगृह ध्वनि रहित कंपन पैदा करता है। वहां खड़े होकर अगर आप कुछ न भी बोलें, तो भीतर कुछ बोलता है। एक गूंज नहीं, बल्कि अंतःस्मृति।
मंदिर का सौंदर्य अलौकिक नहीं, अंतर्यामी है। अन्य सुंदर मंदिरों में सोने, चांदी, चित्रकारी या वास्तुकला होती है लेकिन कैलाश मंदिर में सुंदरता अनकही है। यह मंदिर दिखने से ज्यादा महसूस करने का माध्यम है। यह मंदिर मन को सुंदर बनाता है आंखों को नहीं। यही इसकी वास्तविक सुंदरता है।
भविष्य को छू लेने वाला अतीत
कैलाश मंदिर आज से हज़ार साल पहले एक ही चट्टान में बना वो भी बिना किसी मशीन के लेकिन इसका डिज़ाइन ऐसा है कि अगर आज कोई AI इसे स्कैन करे तो पाएगा कि यह मंदिर एक क्वांटम ऊर्जा मॉडल जैसा है। जहां हर कोण, हर गोलाई, हर स्तम्भ एक सूक्ष्म आवृत्ति पर ट्यून है। कला, विज्ञान और ध्यान तीनों की चुप भाषा में गढ़ा हुआ है यह मंदिर।