Surdas Jayanti 2020: श्री कृष्ण में ऐसा क्या है, जो सूरदास जी बन गए उनके Fan

punjabkesari.in Tuesday, Apr 28, 2020 - 07:09 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Surdas Jayanti 2020: वैशाख शुक्ल पंचमी के दिन हिंदी के महान कवि और कृष्ण भक्त सूरदास जी का जन्म हुआ था। ये आंखों से देख नहीं सकते थे। बाल्काल से ही काव्य और संगीत में बहुत कुशाग्र थे। इनका नाम सर्वश्रेष्ठ कृष्ण भक्तों में लिया जाता है। आइए जानें, आखिर श्री कृष्ण में ऐसा क्या था जो ये तन और मन से उनके प्रेम रस में डूबे रहते थे।

PunjabKesari Surdas Jayanti 2020

श्री कृष्ण कहते हैं- अहं सर्वस्य प्रभवो मत्त: सर्व प्रवर्तते।इति मत्वा भजन्ते मां बुधा भावसमन्विता:।

अनुवाद एवं तात्पर्य- मैं समस्त आध्यात्मिक तथा भौतिक जगतों का कारण हूं। प्रत्येक वस्तु मुझ ही से उद्भूत है। जो बुद्धिमान यह भली-भांति जानते हैं, वे मेरी प्रेमाभक्ति में लगते हैं तथा हृदय से पूरी तरह मेरी पूजा में तत्पर होते हैं।

PunjabKesari Surdas Jayanti 2020

जिस विद्वान ने वेदों का ठीक से अध्ययन किया हो और भगवान चैतन्य जैसे महापुरुषों से ज्ञान प्राप्त किया हो तथा यह जानता हो कि इन उपदेशों का किस प्रकार उपयोग करना चाहिए, वही यह समझ सकता है कि भौतिक तथा आध्यात्मिक जगतों के मूल श्रीकृष्ण ही हैं।

इस प्रकार के ज्ञान से वह भगवद्भक्ति में स्थिर हो जाता है। वह व्यर्थ की टीकाओं से कभी पथभ्रष्ट नहीं होता। सारा वैदिक साहित्य स्वीकार करता है कि कृष्ण ही ब्रह्मा, शिव तथा अन्य समस्त देवताओं के स्रोत हैं।

PunjabKesari Surdas Jayanti 2020

वेदों का ही कथन है-ब्रह्मण्यो-देवकी पुत्र, कृष्ण ही भगवान हैं (नारायण उपनिषद  4)।

तब यह कहा गया- एको वै नारायण आसीन्न ब्रह्मा न ईशानो नापो नाग्रिसमौ नेमे द्यावापृथिवी न नक्षत्राणि न

सूर्य-सृष्टि के प्रारम्भ में केवल भगवान नारायण थे। न ब्रह्मा थे, न शिव। न अग्रि थी, न चन्द्रमा, न नक्षत्र और न सूर्य (महा उपनिषद् 1)। महा उपनिषद् में यह भी कहा गया है कि शिवजी परमेश्वर के मस्तक से उत्पन्न हुए। अत: वेदों का कहना है कि ब्रह्मा तथा शिव के स्रष्टा भगवान की ही पूजा की जानी चाहिए।

PunjabKesari Surdas Jayanti 2020

मोक्षधर्म में कृष्ण कहते हैं- प्रजापङ्क्षत च रुद्रं चाप्यहमेव सृजामि वै।तौ हि मां न विजानीतो मम मायाविमोहितौ।।

‘मैंने ही प्रजापतियों को, शिव तथा अन्यों को उत्पन्न किया, किंतु वे मेरी माया से मोहित होने के कारण यह नहीं जानते कि मैंने ही उन्हें उत्पन्न किया।’’

वराह पुराण में भी कहा गया है-‘‘नारायण भगवान हैं, जिनसे ब्रह्मा उत्पन्न हुए और फिर ब्रह्मा से शिव उत्पन्न हुए।’’

PunjabKesari Surdas Jayanti 2020

भगवान कृष्ण समस्त उत्पत्तियों के स्रोत हैं और वे सर्वकारण कहलाते हैं। वह स्वयं कहते हैं, ‘‘चूंकि सारी वस्तुएं  मुझसे उत्पन्न हैं, अत: मैं सबों का मूल कारण हूं। सारी वस्तुएं मेरे अधीन हैं, मेरे ऊपर कोई भी नहीं है।’’

कृष्ण से बढ़कर कोई परम नियंता नहीं है। जो व्यक्ति प्रामाणिक गुरु से या वैदिक साहित्य से इस प्रकार कृष्ण को जान लेता है, वह अपनी सारी शक्ति कृष्णभावनामृत में लगाता है और सचमुच विद्वान पुरुष बन जाता है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Niyati Bhandari

Recommended News

Related News