Solar Eclipse 2025: खतरनाक है 2025 का पहला सूर्य ग्रहण, वृश्चिक राशि पर ऐसा होगा असर

punjabkesari.in Monday, Jan 06, 2025 - 10:24 AM (IST)

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Solar Eclipse 2025: मीन राशि में पूर्व भाद्रपद नक्षत्र में ग्रहण लगेगा तो ग्रहण के प्रभाव में सूर्य और बुध रहेंगे। सूर्य तो सूर्य को तो ग्रहण लग रहा है, बुध, शुक्र और चंद्रमा ग्रहण के प्रभाव में रहेंगे। शनि यहां पर है ग्रहण के प्रभाव में नजर नहीं आते लेकिन यदि हम डिग्री कली देखेंगे तो शनि भी ग्रहण के प्रभाव में है। इसका कारण यह है कि शनि ग्रहण के समय कुंभ राशि में 29.5 29.5 डिग्री पर है 30 डिग्री शनि चलते हैं। 29 मार्च रात को शनि का राशि का राशि परिवर्तन हो रहा है और सूर्य जहां पर बैठे हुए हैं, वो शनि को अस्त कर रहे हैं। इसलिए शनि भी डिग्री के लिहाज से ग्रहण के प्रभाव में है। ग्रहण के दौरान शनि, बुध और चंद्रमा अस्त रहेंगे। इसके अलावा बुध और शुक्र ग्रहण के समय वक्री भी है, जब इतने सारे ग्रहण एक साथ वक्री भी हो जाते हैं अस्त भी हो जाते हैं ग्रहण की भी स्थिति है तो निश्चित तौर पर यह दुनिया भर के लिए खतरनाक स्थिति हो सकती है। यह ऐसा इसलिए भी है क्योंकि 19 दिसंबर 2019 को एक ग्रहण लगा था सूर्य को और उस ग्रहण के दौरान छह ग्रह सूर्य ग्रहण के प्रभाव में आ गए थे। खास बात यह है कि उस समय गुरु भी ग्रहण के प्रभाव में थे, इस समय गुरु ग्रहण के प्रभाव में नहीं है गुरु थोड़े से बाहर नजर आ रहे हैं लेकिन गुरु पीड़ित हो जाएंगे। जब इस तरह के ग्रहण लगते हैं तो बहुत बड़े नेचुरल डिजास्टर की आशंका रहती है।

शास्त्र कहता है कि ग्रहण का प्रभाव अगले कम से कम 45 दिन के लिए रहता है लेकिन कुछ जगह पर यदि हम संहिता ज्योतिष पढ़ते हैं तो यह भी कहा गया है कि ग्रहण का प्रभाव एक ग्रहण से अगले ग्रहण तक रहता है, तो ग्रहण का प्रभाव डिपेंड करता है। मीन राशि में जब ग्रहण लगेगा तो सूर्य का गोचर यहां पर हो रहा होगा। मीन राशि में 14 अप्रैल को सूर्य राशि परिवर्तन कर जाएंगे। 14 अप्रैल को सूर्य आगे निकल जाएंगे ग्रहण के प्रभाव से निकल जाएंगे। सूर्य मेष में राशि में जाकर उच्च के हो जाएंगे लेकिन बुध यहीं पर रहेंगे। बुध राहु-केतु एक्सिस में भी रहेंगे और  7 मई को राशि बदलेंगे। उसके बाद राहु गोचर करेंगे, राहु और शनि की युति टूट जाएगी। शुक्र 31 मई को राशि परिवर्तन करेंगे फिर यह मीन राशि को थोड़ी सी राहत मिलेगी। 29 मार्च से लेकर 29 मई तक यह दो महीने का समय सारी राशियों के लिए सेंसिटिव है। कुछ लोगों के लिए सूर्य का ग्रहण अच्छा रहेगा वहीं कुछ लोगों के लिए सूर्य ग्रहण अच्छा नहीं रहेगा। जब भी सूर्य के प्रकाश को धरती पर आने में किसी बाधा का सामना करना पड़ता है। तब किसी न किसी तरह से ग्रहण लगता है और इसका प्रभाव प्रकृति, इंसान और जानवरों सभी पर देखने को मिलता है।

भारत में ग्रहण नहीं लगेगा लेकिन आपकी कुंडली में कोई न कोई ग्रह का भाव ऐसा होगा जो ग्रहण के प्रभाव में आ जाएगा। जहां पर छह ग्रह आ जाएंगे। आपकी कुंडली यदि मीश लगन की है, तो 12वां भाव प्रभाव में आ जाएगा और यदि कन्या लगन की है, तो सातवा भाव प्रभाव में आ जाएगा। पांच ग्रह पंचम भाव में यह बुद्धि विवेक और संतान का भाव है। यहां से हम इजी गेंस देखते हैं। ये निश्छल प्रेम का भाव है। एंगेजमेंट यहीं से देखी जाती है। शनि की ढैया आपके ऊपर खत्म हो जाएगी लेकिन शनि चूंकि फोर्थ हाउस के लोड है और सुख स्थान के स्वामी हैं। 29 मार्च रात को ग्रहण के प्रभाव में आ जाएंगे। यहां पर इतने सारे ग्रहण का मतलब है कि खास तौर पर वृश्चिक राशि के वह जातक जिनके घर में संतान आने वाली है इन दो महीनों में मामला कॉम्प्लिकेट हो सकता है। यह बहुत अच्छी स्थिति नहीं है। यहां पर बुध और सूर्य का होना अच्छा नहीं है। बुध और सूर्य यहां पर हो तो नॉर्मली संतान की हानि हो जाती है और सूर्य जो कि ग्रहण के प्रभाव में है निश्चित तौर पर दिक्कत पैदा कर सकते हैं। प्रेगनेंसी के दौरान कुछ उपाय जरूर कर लेने चाहिए। ऐसा करने से आपको थोड़ी राहत मिल सकती है। संतान पक्ष से खराब खबर आ सकती है।  जो लोग पैसा निवेश करते हैं शेरों में खास तौर पर ध्यान रखिएगा कि इन दो महीनों में स्पेक्युलेटिंग न करें नहीं तो नुकसान हो सकता है। 12वें भाव के स्वामी शुक्र ग्रह के प्रभाव में है। यह स्पेक का भाव होता है। आय भाव के स्वामी बुध ग्रहण के प्रभाव में है कर्म भाव के स्वामी सूर्य ग्रहण के प्रभाव में है यानी कि कर्म आय विदेश और स्पेक तीनों भावों के स्वामी ग्रहण के प्रभाव में आ जाएंगे।

वृश्चिक राशि के जातक कहीं पर भी पैसा निवेश करने से पहले एक बार सोच विचार कर लें, नहीं तो पछताना पड़ सकता है। जिन लोगों को प्रमोशन की उम्मीद है, उन्हें आने वाले दो महीने में प्रमोशन मिलने की संभावना है। शनि यहीं पर रहेंगे जब तक यहां से युति नहीं टूटेगी।संतान को लेकर खास ध्यान रखें। प्रमोशन के मामले में ज्यादा जल्दबाजी मत करें। भाग्य स्थान का स्वामी आपके लिए चंद्रमा है। वह भी ग्रहण के प्रभाव में भाग्य आपका साथ देता हुआ नजर नहीं आएगा। जिन लोगों की शादी होने वाली है या किसी रिश्ता पक्का हो चुका है। उनके लिए ग्रहों की स्थिति अच्छी नहीं रहेगी।

सूर्य देव के बुरे प्रभाव से बचने के लिए करें ये उपाय-
सूर्य देव को जल अर्पित करें।
सूर्य देव से जुड़ा दान दें।
यदि आपका लग्न धनु है या मीन है तो गुरु की रेमेडी जरूर करें।

नरेश कुमार
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Content Editor

Sarita Thapa

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