Shri Padmavati Devi Mandir: जानें, मां लक्ष्मी के इस मंदिर की हाजिरी क्यों है तिरुपति बालाजी पूजा का अहम हिस्सा
punjabkesari.in Monday, Oct 27, 2025 - 06:01 AM (IST)
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Shri Padmavati Devi Temple: माता लक्ष्मी को धन की देवी कहा जाता है। माना जाता है कि लक्ष्मी माता की सच्चे मन से पूजा करने से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है और जीवन में सुख-शांति आती है। वैसे तो भारत देश में मां लक्ष्मी के कई प्रसिद्ध और चमत्कारी मंदिर स्थापित है। ऐसा ही एक प्रमुख मंदिर श्रीपद्मावती देवी मंदिर है। यह मंदिर आंध्र प्रदेश के तिरुपति के पास तिरुचुनूर नामक छोटे से गांव में स्थित है और यहां मां लक्ष्मी को पद्मावती माता के रूप में पूजा की जाती है। यहां की मान्यता के अनुसार, तिरुपति बालाजी की पूजा तभी पूरी मानी जाती है जब भक्त पहले मां लक्ष्मी के दर्शन कर हाजिरी लगाते हैं। मंदिर के इतिहास में बताया जाता है कि माता पद्मावती ने हमेशा अपने भक्तों की हर इच्छाओं को पूरा किया है। इसलिए, बालाजी की आराधना से पहले माता के चरणों में सच्चे मन से श्रद्धा प्रकट करना अनिवार्य माना जाता है।

भक्तों का यह भी मानना है कि अगर कोई केवल बालाजी की पूजा करता है और माता लक्ष्मी की हाजिरी नहीं लगाता, तो उसकी पूजा अधूरी रह जाती है और मनोकामनाओं की पूर्णता नहीं हो पाती। यही कारण है कि यहां माता पद्मावती के दर्शन से पहले विशेष प्रकार की तैयारी और विधि से हाजिरी लगाई जाती है। इस मंदिर में आने वाले श्रद्धालु केवल भक्ति और श्रद्धा के साथ ही नहीं आते, बल्कि उन्हें यहां आशीर्वाद और सुख-समृद्धि की भी प्राप्ति होती है। माता के चरणों में हाजिरी लगाने का तरीका विशेष है और इसे सही समय और विधि से करना ही सौभाग्य और लाभ की कुंजी माना जाता है।

इतिहास के अनुसार, यह मंदिर सदियों पुराना है और यहां की परंपराओं में विशेष रूप से हाजिरी की प्रथा शामिल है। मंदिर की वास्तुकला भी बेहद आकर्षक है। यहां प्रतिदिन हज़ारों श्रद्धालु आते हैं और माता को फूल, चंदन और नैवेद्य अर्पित करते हैं। माना जाता है कि विष्णु भगवान, जिन्हें तिरुपति बालाजी के रूप में पूजा जाता है, ने पद्मावती देवी से विवाह किया था। सदियों से इस मंदिर में बहुत ही धूमधाम और उत्साह के साथ दोनों के विवाह करवाया जाता है। त्योहारों के समय यह स्थान और भी जीवंत हो जाता है, खासकर धनतेरस और दिवाली के अवसर पर।

