Pitru Paksha: इस दिन से शुरू होगा पितृ पक्ष, यह है पूरी List
punjabkesari.in Wednesday, Sep 27, 2023 - 10:34 AM (IST)
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Pitru Paksha: हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि से पितृपक्ष की शुरुआत होती है और आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की स्थापना तिथि को इसका समापन होता है। पितृ पक्ष के 15 दिन पूर्ण रूप से पितरों को समर्पित होते हैं। पितरों की शांति के लिए इन दिनों श्राद्ध किया जाता है। कहते हैं घर की सुख-शांति और समृद्धि पितरों के आशीर्वाद के ऊपर टिकी रहती है। जो भी व्यक्ति सच्चे मन से इन दिनों श्राद्ध करता है, उसे जीवन में कभी भी दुःख का सामना नहीं करना पड़ता। वहीं अगर पितर थोड़े से भी रुष्ट हो जाएं तो परिवार में कलह, बीमारी और धन हानि जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। तो चलिए आज जानते हैं कब से शुरू होंगे पितृ पक्ष और श्राद्ध की मुख्य तिथियां।
When will Pitru Paksha start in 2023 कब शुरू होगा 2023 में पितृ पक्ष
पंचांग के अनुसार वर्ष 2023 में 29 सितंबर से पितृ पक्ष का प्रारंभ होगा और 14 अक्टूबर शनिवार को इसका समापन होगा। 29 सितंबर को पूर्णिमा श्राद्ध और प्रतिपदा श्राद्ध एक साथ पड़ रहे हैं।
2023 Pitru Paksha Shraddha Date पितृ पक्ष 2023 श्राद्ध की मुख्य तिथियां
पूर्णिमा श्राद्ध- 29 सितंबर 2023
प्रतिपदा का श्राद्ध - 29 सितंबर 2023
द्वितीया श्राद्ध तिथि- 30 सितंबर 2023
तृतीया तिथि का श्राद्ध- 1 अक्टूबर 2023
चतुर्थी तिथि श्राद्ध- 2 अक्टूबर 2023
पंचमी तिथि श्राद्ध- 3 अक्टूबर 2023
षष्ठी तिथि का श्राद्ध- 4 अक्टूबर 2023
सप्तमी तिथि का श्राद्ध- 5 अक्टूबर 2023
अष्टमी तिथि का श्राद्ध- 6 अक्टूबर 2023
नवमी तिथि का श्राद्ध- 7 अक्टूबर 2023
दशमी तिथि का श्राद्ध- 8 अक्टूबर 2023
एकादशी तिथि का श्राद्ध- 9 अक्टूबर 2023
माघ तिथि का श्राद्ध- 10 अक्टूबर 2023
द्वादशी तिथि का श्राद्ध- 11 अक्टूबर 2023
त्रयोदशी तिथि का श्राद्ध- 12 अक्टूबर 2023
चतुर्दशी तिथि का श्राद्ध- 13 अक्टूबर 2023
सर्वपितृ मोक्ष श्राद्ध तिथि- 14 अक्टूबर 2023
Importance of date in Pitru Paksha पितृ पक्ष में तिथि का महत्व
मान्यताओं के अनुसार पितृपक्ष के दौरान पूर्वज धरती लोक पर आते हैं। इस वजह से इस दौरान पूजा-पाठ, दान करने का दोगुना फल प्राप्त होता है। पितृ पक्ष की प्रत्येक दिन की एक तिथि होती है। उस तिथि के अनुसार ही श्राद्ध किया जाता है। जिन व्यक्तियों के पूर्वजों की मृत्यु जिस दिन होती है, उसी दिन के अनुसार पूर्वजों का श्राद्ध करते हैं। उदाहरण के तौर पर अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु किसी भी महीने की तृतीया तिथि को होती है तो उनके घर के सदस्य पितृ पक्ष के तीसरे दिन उनका श्राद्ध करते हैं।