अगर आपके घर में भी है पैसों की कमी तो यहां जानें क्या है इसका असली कारण ?
punjabkesari.in Saturday, Mar 26, 2022 - 04:52 PM (IST)
शास्त्रों की बात, जानें धर्म क साथ
ज्योतिष में शनि को बहुत ही महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है। कहते हैं कि जिस किसी पर शनिदेव की क्रूर दृष्टि पड़ जाती है, तो समझ जाना की उस इंसान के बुरे दिन शुरू होने वाले है लेकिन, जब किसी पर ये देव मेहरबान हो जाते हैं तो उस व्यक्ति की किस्मत के बंद दरवाजे खोल देते हैं ऐसे में दोस्तों आज की वीडियो में हम आपको बताएंगे कि शनि की छाया को अशुभ क्यों माना जाता है और शनि दोष लगने पर कौन से संकेत मिलते हैं। तो आइए जानते हैं इस आर्टिकल के माध्यम से क्या है इससे जुड़ी जानकारी-
एक शाप के कारण हुई थी शनिदेव की नजर अशुभ
पौराणिक कथा के अनुसार, न्यायाधीश का विवाह एक ऐसी कन्या से हुआ था जो बहुत ही तीव्र स्वभाव की थी। दरअसल, एक बार शनिदेव की पत्नी पुत्र की लालसा में उनके पास पहुंची। लेकिन, शनिदेव साधना में इतने लीन थे कि उन्हें इस बात का पता ही नहीं चला। ऐसे व्यवहार के कारण उनकी पत्नी दुखी हो गई।
इससे आहत होकर पत्नी ने शनि महाराज को शाप दिया कि जिस पर उनकी दृष्टि पड़ेगी उसका सब कुछ नष्ट हो जायेगा। क्योंकि पत्नी होने पर भी शनि देव ने कभी उनको प्रेम की नजर से नहीं देखा था। इसी कारण से शनि की नजर को अशुभ माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार कभी भी शनिदेव की प्रतिमा की आंखों में आंखे डालकर दर्शन नहीं करना चाहिए। हमेशा नजरे उनके पैरों की तरफ होनी चाहिए।
तो चलिए आपको बताते हैं उनकी अशुभ नजर के संकेत-
आप ने देखा होगा कि अचानक से घर में पैसों का नुकसान होने लगते है । और घर से बरकत चली जाती है । ये सब शनि की बुरी छाया का ही प्रभाव होता है।
दूसरा संकेत ये होता है कि घर में से कीमती वस्तुएं खोने लगती है।
किसी काम में सफलता प्राप्त न होना भी शनि की क्रूर दृष्टि का प्रभाव ही होता है।
पैरों से जुड़ी हुई कई बीमारियों से घर के सदस्य पीड़ित रहने लगते हैं।
घर में पालतू जानवर की मृत्यु हो जाती है।
बार-बार किसी विवाद में पड़ना और कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाना। ये सब संकेत शनि की अशुभ दृष्टि का प्रकोप होता है ।
इसलिए ज्योतिष शास्त्र में शनि पीड़ा से मुक्ति पाने के लिए कुछ सरल उपाय बताए हैं।
शनिवार के दिन एक लोटे में जल, चीनी और काला तिल मिलाकर पीपल की जड़ में अर्पित करें। ध्यान दें, जल चढ़ाते समय आप तीन बार परिक्रमा करना न भूलें।
उदड़ दाल की खिचड़ी का भोग शनिदेव को लगाने के बाद के उसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करें । ऐसा करने से शनि दोषों से मिलने वाला कष्ट कम होने लगेगा।
जो व्यक्ति शीघ्र ही शनि की क्रूर दृष्टि से छुटकारा पाना चाहता है तो वो 5 मंगलवार हनुमान जी के मंदिर में तिल के तेल का दीपक जलाएं। इस उपाय को करने से ही आपको सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलने लग जाएंगे ।
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