Tungnath Temple: पर्वतों पर बसा महादेव का घर, जानें क्यों है तुंगनाथ सबसे खास ?

punjabkesari.in Sunday, May 04, 2025 - 12:47 PM (IST)

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Tungnath Temple: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग ज़िले की गढ़वाल पहाड़ियों में बसा तुंगनाथ मंदिर दुनिया का सबसे ऊंचाई पर स्थित शिव मंदिर है। बर्फ से ढके पर्वतों के बीच स्थित यह मंदिर भगवान शिव के पंच केदारों में से एक है और अपने दिव्य वातावरण व आध्यात्मिक ऊर्जा के लिए प्रसिद्ध है।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, महाभारत युद्ध के बाद पांडव अपने पापों का प्रायश्चित करना चाहते थे। भगवान शिव उनसे नाराज़ थे, इसलिए उन्होंने महादेव को प्रसन्न करने के लिए इस पवित्र स्थल पर मंदिर का निर्माण करवाया। ऐसा भी कहा जाता है कि इसी स्थान पर माता पार्वती ने शिव जी को पति रूप में पाने के लिए घोर तपस्या की थी।

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एक अन्य कथा के अनुसार, लंका नरेश रावण का वध करने के बाद भगवान श्रीराम ने ब्रह्महत्या के दोष से मुक्ति पाने के लिए यहीं तप किया था। यही कारण है कि पास की चोटी को चंद्रशिला कहा जाता है, जो इस पूरे क्षेत्र को और भी पवित्र बना देती है।

यहां तक पहुंचने के लिए यात्री पहले उखीमठ होते हुए मंदाकिनी घाटी की ओर जाते हैं। रास्ते में अगस्त्यमुनि नाम का एक छोटा सा कस्बा आता है, जहां से हिमालय की नंदा खाट चोटी के दर्शन होते हैं। इसके बाद चोपता पहुंचा जा सकता है, जो तुंगनाथ मंदिर से मात्र तीन किलोमीटर की दूरी पर है। यहां से मंदिर तक की यात्रा पैदल करनी होती है, जो प्रकृति प्रेमियों के लिए बेहद सुखद अनुभव होता है।

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नवंबर के बाद से यहां भारी बर्फबारी होती है और मंदिर चारों तरफ से बर्फ की चादर में लिपट जाता है। इसलिए तुंगनाथ यात्रा के लिए सबसे उपयुक्त समय जुलाई से अगस्त के बीच का माना जाता है। इस दौरान हरियाली, ठंडी हवाएं और बुरांश के खिले फूल यात्रियों का मन मोह लेते हैं।

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Content Editor

Prachi Sharma

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