Muni Shri Tarun Sagar: हिम्मत मत हारो, नए सिरे से फिर यात्रा शुरू करो, कामयाबी जरूर मिलेगी।

punjabkesari.in Thursday, Sep 14, 2023 - 09:21 AM (IST)

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संत का दर्शन
संत अध्यात्म के आकाश में इंसानियत का इन्द्रधनुष है। संत सौहार्द के सितार पर सद्भाव का संगीत है। संत अपनत्व के आंगन में आत्मीयता की आराधना है। संत विकृति के बाजारों में संस्कृति का शंखनाद है। संत शत्रुता के शूल नहीं चुभाता। संत कलह के कांटे नहीं उगाता। संत वासनाओं के बताशे नहीं बांटता। संत षड्यंत्र के यंत्र नहीं बेचता।

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संत समाधिमरण का बीज देता है, संत आचरण का आशीष देता है। संत जागरण की ताबीज देता है। संत जो कभी नष्ट न हो वह चीज देता है। गंगा सिर्फ पाप का, चन्द्रमा सिर्फ ताप का और कल्पवृक्ष सिर्फ अभिशाप का नाश करते हैं, लेकिन संत का दर्शन पाप, ताप और अभिशाप तीनों का नाश करता है।

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हिम्मत मत हारो
कोशिश करते हो फिर भी सफलता नहीं मिलती तो निराश मत होओ बल्कि उस व्यक्ति को याद करो-जिसने 21वें वर्ष में वॉर्ड मैम्बर का चुनाव लड़ा और हार गया, 22वें वर्ष में शादी की, पर असफल रहा, 24वें वर्ष में व्यवसाय करना चाहा फिर नाकामयाब रहा, 27वें वर्ष में पत्नी ने तलाक दे दिया, 32वें वर्ष में सांसद पद के लिए खड़ा हुआ, पर मात खा गया, 37वें वर्ष में सीनेट के लिए खड़ा हुआ, किन्तु हार गया, 42वें वर्ष में पुन: सांसद पद के लिए खड़ा हुआ और फिर हार गया, 47वें वर्ष में उपराष्ट्रपति पद के खड़ा हुआ, पर परास्त हो गया, लेकिन वही व्यक्ति 51 वर्ष की उम्र में अमरीका का राष्ट्रपति बना। नाम था-अब्राहम लिंकन। हिम्मत मत हारो, नए सिरे से फिर यात्रा शुरू करो, कामयाबी जरूर मिलेगी।

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Content Writer

Niyati Bhandari

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