बर्बादी की कगार पर पहुंच चुका है आपका जीवन तो महाभारत की ये बातें बांध लें पल्ले

punjabkesari.in Sunday, Nov 01, 2020 - 02:42 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
कोरोना ने जहां एक तरफ ने लोगों को शारीरिक कष्ट दिया है तो वहीं बहुत से लोगों को इसके चलते मानसिक तनाव से गुज़रना पड़ा। जी हां, जब देश भर को कोविड-19 के चलते बंद कर दिया गया तो बहुत से लोगों के जीवन में एक ऐसा मोड़ आ गया जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की थी। कई लोगों की नौकरियां चली गईं तो कई के बिजनेस तक बंद होने की कगार पर आ गए बल्कि कईयों के तो व्यापार ठप भी हो गए। ऐसी दशा में प्रत्येक व्यक्ति का मार्गदर्शन करना बहुत ज़रूरी है। ताकि लोग समझ पाएं कि वो इन सबसे कैसे बाहर आ सकते हैं, और कैसे अपना जीवन पहले जैसे बेहतर और अच्छा बना सकते हैं। मगर करना क्या चाहिए इस बारे में कोई नहीं जान पा रहा है।तो आपको बता दें आपकी इसी परेशानी के कम करने के लिहाज़ से हम ऐसी जानकारी लाएं जो बहुत ही उपयोगी साबित हो सकती है। 
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दरअसल ये सारी जानकारी महाभारत में दी गई है, जिसे सनातान धर्म में महाकाव्य की उपाधि प्राप्त है। इसमें बताते गया व्यक्ति को किन बातों का ख्याल रखना चाहिए। 

महाभारत में वर्णन किया गया है जो व्यक्ति अपनी सोच तो शुद्ध व सकारात्मक रखता है उसे अपने जीवन में हमेशा कामयाबी हासिल करता है। बल्कि कहा जाता है सब कुछ खो बैठने के बाद भी अगर आपकी सोच सकारात्मक हो तो आप में वो दोबारा से सब कुछ पाने की क्षमता होती है। मान्यताओं के अनुसार श्री कृष्ण कहते हैं यह पूरा ब्रह्मांड एक उल्टे वृक्ष की भांति है, जिसकी जड़ें ऊपर की ओर हैं, यहां आपको नीचे की ओर कुछ नहीं मिलेगा। इसलिए हमेशा सकारात्मक रहिए और नकारात्मक जीवन से बाहर निकालकर मेहनत करें, परिणाम आपके अनुरूप ही आएगा। 
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प्राप्यापदं न व्यथते कदाचि- दुद्योगमन्विच्दति चाप्रमत्त:।
दु:खं च काले सहते महात्मा धुरन्धरस्तस्य जिता: सपत्ना:।। 

महाभारत में उपयोग किए इस श्लोक का अर्थात है स्थिति कैसे हो प्रत्येक इंसान में संयम होना चाहिए। अकस्र लोग मुसीबत के समय अपना संयम खो देते हैं । तो कुछ लोग परेशान होकर बैठ जाते हैं। ऐसे में व्यक्ति अगर अपने संयम, पुरुषार्थ, मेहनत और सहनशीलता के साथ काम लें, तो उसके शत्रु व विरोधी खुद हार जाते हैं। 

क्योंकि हर किसी के जीवन में ऐसे विभिन्न मौके आते हैं जब हमें बड़ी से बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। जब कुछ लोग इस दौरान घबरा जाते हैं, कुछ दुखी हो जाते हैं और कुछ शुतुरमुर्ग बन जाते हैं, यहां तक कि कुछ लोग तो अपना मानसिक संतुलन खो बैठते हैं। 
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ऐसे में अपनी मुश्किलों के सामने चट्टान की तरह वहीं व्यक्ति सामना कर सकता है कि जो मानसिक रूप से दृढ़ होता है। क्योंकि ऐसा व्यक्ति हर हालात में शांतचित्त रहकर धैर्य और संयम से काम लेता है और खुद के साथ-साथ सभी को ढांढस बंधाने का कार्य करता है। अपनी इसी संयम के बलबूते पर वह व्यक्ति बहुत जल्दी अपनी इन मुश्किलों से बाहर निकल आता है। 


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Jyoti

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