21 जनवरी के रविवार 1000 गुना अधिक बढ़ेगा गणपति का प्रभाव, न करें चन्द्र दर्शन

punjabkesari.in Saturday, Jan 20, 2018 - 08:28 AM (IST)

रविवार दि॰ 21.01.18 को माघ शुक्ल चतुर्थी पर गणेश जयंती व तिल कुंड चतुर्थी व माघ विनायक चतुर्थी का पर्व मनाया जाएगा। मान्यतानुसार माघ शुक्ल चतुर्थी को सर्वप्रथम गणेश तरंगे पृथ्वी पर आईं थीं। अत: इस दिन गणेश जयंती मनाई जाती है। दक्षिण भारतीय मान्यतानुसार इस दिन श्रीगणेश का जन्म हुआ था, अतः इस दिन को गणेशजी के जन्म दिन के रूप में मनाया जाता हैं। तिल कुंड चतुर्थी पर गणपति का प्रभाव 1000 गुना अधिक कार्यरत होता है। गणेश के स्पंदन व चतुर्थी पर पृथ्वी का स्पंदन एक समान होने के कारण, पृथ्वी व गणपति एक-दूसरे हेतु अनुकूल होते हैं अर्थात इस दिन श्रीगणेश के स्पंदन पृथ्वी पर अधिक मात्रा में आता हैं। इस तिथि पर की गई गणेश उपासना उपासक को सर्वाधिक लाभ देती है। शास्त्र अग्निपुराण में भोग व मोक्ष की प्राप्ति हेतु तिल कुंड चतुर्थी के व्रत का विधान बताया गया है। इस चतुर्थी पर चंद्रदर्शन निषेध है तथा देखने पर मानसिक विकार उत्पन्न होते हैं। गणेश जयंती पूजा में लाल वस्त्र, लाल फूल एवं रक्तचंदन का प्रयोग किया जाता है। गणेश जयंती के व्रत, पूजन व उपाय से संकटों का नाश होता है, मनोविकार दूर होते हैं व समस्याओं का समाधान होता है। 


विशेष पूजन विधि: पूर्वमुखी होकर लाल वस्त्र बिछाकर, सुपारी पर मौली से गणपति बनाकर इसकी स्थापना करें। तांबे की दिये में तिल के तेल का दीप करें, गुगल धूप करें, रोली चढ़ाएं व अशोक के पत्ते चढ़ाएं व लाल फूल चढ़ाएं। लाल चंदन की माला से इन विशेष मंत्र का 1 माला जाप करें।


पूजन मुहूर्त: दिन 12:11 से दिन 12:53 तक। (अभिजीत)
पूजन मंत्र: ॐ गं गणाधिपाय नमः॥


उपाय
संकट नाश हेतु गणपती पर लाल गुड़हल का फूल चढ़ाएं।


समस्याओं के समाधान हेतु सिंदूर चढ़ी दूर्वा गणपति पर चढ़ाएं।


मनोविकार से मुक्ति हेतु सिर से जायफल वारकर गणपति पर चढ़ाएं।


आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com

 


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