Machail Mata Mandir: जम्मू-कश्मीर की वादियों में बसा मचैल माता मंदिर, यहां की सुंदरता मोह लेती है मन
punjabkesari.in Tuesday, Aug 19, 2025 - 07:36 AM (IST)
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Machail Mata Mandir: मचैल माता मंदिर, जो जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के पाडर क्षेत्र में स्थित है, एक ऐसा धार्मिक स्थल है जो अपनी आस्था के साथ-साथ प्राकृतिक सौंदर्य के लिए भी प्रसिद्ध है। लगभग 9500 फीट की ऊंचाई पर बसे इस मंदिर तक पहुंचना आसान नहीं है, लेकिन मां की भक्ति में डूबे श्रद्धालु हर कठिनाई को पार कर यहां पहुंचते हैं।
इस मंदिर की खोज 1980 के दशक में एक साधु ने की थी, जिन्हें इस स्थान पर दिव्य अनुभूति हुई थी। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, यहां मां दुर्गा की मूर्ति स्वयं प्रकट हुई थी, जिसके बाद यहां पूजा-अर्चना की परंपरा शुरू हुई। समय के साथ यह स्थान एक विशाल तीर्थ स्थल बन गया, जहां हर साल हजारों भक्त दूर-दूर से दर्शन के लिए आते हैं। चारों ओर फैली शांत वादियां और आध्यात्मिक माहौल इसे एक अनोखा अनुभव बनाते हैं।

मचैल माता मंदिर का महत्व
मचैल माता मंदिर को शक्ति पीठों में एक पवित्र स्थल माना जाता है, जहां देवी को चंडिका या दुर्गा के रूप में पूजा जाता है। मान्यता है कि मां अपने भक्तों की सच्ची श्रद्धा से की गई हर प्रार्थना को स्वीकार करती हैं, खासकर संतान की इच्छा रखने वाले दंपतियों की मुरादें यहां पूरी होती हैं। स्थानीय लोगों का विश्वास है कि जो भी भक्त सच्चे दिल से मां के चरणों में आता है, उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है। इस मंदिर की एक खास बात यह भी है कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं को सिर्फ आस्था नहीं, बल्कि भीतर से एक गहरी मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव होता है।

मंदिर से जुड़ी कथा
एक मान्यता के अनुसार, एक बार एक गड़ेरिया अपनी भेड़ों को चराते हुए इस क्षेत्र में आया। तभी उसे एक गुफा से तेज रोशनी दिखाई दी। जब उसने भीतर झांका, तो वहां उसे मां का दिव्य स्वरूप दिखा। मां ने उसे दर्शन देकर आशीर्वाद दिया और कहा कि इस स्थान पर उनकी पूजा होनी चाहिए। गड़ेरिये ने यह बात गांववालों को बताई, जिसके बाद लोग श्रद्धा से यहां आने लगे।
एक अन्य कथा कहती है कि यह जगह प्राचीन काल में ऋषि-मुनियों की तपोभूमि थी, जहां वे मां दुर्गा की आराधना किया करते थे। समय के साथ यह स्थान जंगलों और पहाड़ों में छिप गया, लेकिन मां की कृपा से यह दोबारा प्रकट हुआ और लोगों की आस्था का केंद्र बन गया।

