Kharmas Shopping Rules 2025-2026: खरमास में कपड़े खरीदना शुभ या अशुभ? जानिए ज्योतिष के पक्के नियम
punjabkesari.in Tuesday, Dec 16, 2025 - 08:15 AM (IST)
Kharmas Shopping Rules 2025-2026:16 दिसंबर 2025 से 15 जनवरी 2026 तक चलने वाला खरमास (मलमास) शुरू होते ही लोगों के मन में एक ही सवाल उठता है—
“क्या इस अवधि में नए कपड़े खरीदना ठीक है?”

विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन जैसे बड़े शुभ कार्य तो इस समय वर्जित माने जाते हैं, लेकिन कपड़े, ब्यूटी, डेली उपयोग की वस्तुएं खरीदने के नियम अलग हैं। आइए जानते हैं पूरी जानकारी।

खरमास क्या है और क्यों माना जाता है अशुभ?
जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करता है, तब पूरे एक माह को खरमास कहा जाता है। ज्योतिष के अनुसार इस समय सूर्य कमजोर प्रभाव में रहते हैं। गुरु व सूर्य की युति को शुभ नहीं माना जाता। बड़े और स्थायी मांगलिक कार्य टाल दिए जाते हैं।

2025–26 में खरमास की अवधि:
16 दिसंबर 2025 से 15 जनवरी 2026 तक
सूर्य के मकर राशि में प्रवेश (मकर संक्रांति) के साथ ही यह अवधि समाप्त होती है।

खरमास में मांगलिक कार्य क्यों वर्जित?
सनातन धर्म में जिन कार्यों से नए जीवन की लंबी शुरुआत होती है, उन्हें मांगलिक कहा जाता है, जैसे विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, नामकरण और उपनयन संस्कार। इन कार्यों में ग्रह ऊर्जा, शुभ मुहूर्त और सूर्य की शक्ति महत्वपूर्ण होती है। खरमास में यह ऊर्जा कमजोर रहती है, इसलिए इन्हें रोक दिया जाता है।

क्या खरमास में नए कपड़े खरीदना अशुभ है?
नहीं
खरमास में कपड़े खरीदने पर कोई भी धार्मिक या ज्योतिषीय प्रतिबंध नहीं है क्योंकि कपड़े खरीदना मूल्य आधारित लेकिन सामान्य क्रिया है। इसे मांगलिक संस्कार नहीं माना जाता। शुक्र और बुध (वस्त्र ग्रह) खरमास से प्रभावित नहीं होते इसलिए आप नए कपड़े, जूते, कॉस्मेटिक, घर की छोटी जरूरतों का सामान आराम से खरीद सकते हैं।

खरमास में नए कपड़े खरीदने के लाभ
मानसिक शांति व पोजिटिव एनर्जी मिलती है। पूजा-पाठ व धार्मिक कार्यों के लिए वस्त्र खरीदना और शुभ माना जाता है। रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करना हमेशा शुभ है लेकिन यदि संभव हो इन बड़ी खरीदारी से बचें। खरमास में निम्न बड़ी व स्थायी खरीदारी टालनी चाहिए सोना–चांदी, नया वाहन, संपत्ति या प्लॉट, भारी इलेक्ट्रॉनिक सामान, निवेश से जुड़े बड़े निर्णय। इन चीज़ों को मकर संक्रांति के बाद लेना ज्यादा शुभ माना जाता है।
खरमास में क्या करना शुभ माना जाता है?
दान–पुण्य, सूर्य पूजा, गरीबों को अन्न-वस्त्र दान, गीता पाठ और ब्राह्मण भोजन। इनसे सूर्य की कृपा बढ़ती है और धन–समृद्धि का मार्ग खुलता है।

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