2021 में केतु कुछ राशियों पर रहेंगे मेहरबान, जानिए किन राशि वालों को रहना होगा सावधान!

punjabkesari.in Saturday, Dec 26, 2020 - 11:49 AM (IST)

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ज्योतिष शास्त्र में राहु व केतु इन दोनों ग्रहों को पाप ग्रह की संज्ञा दी गई है । इन दोनों को छाया ग्रह कहा जाता है । यह दोनों ग्रह सौरमंडल में विजिबल नहीं होते यानि दिखाई नहीं देते। क्योंकि इनका कोई वास्तविक आकार नहीं है। राहु व केतु इन दोनों को रहस्यमयी और मायावी ग्रह माना गया है। ये दोनों ग्रह जिस व्यक्ति पर मेहरबान होते हैं, उसे मालामाल कर देते हैं और जिस पर कुपित होते हैं, उसे अशुभ फल प्रदान करते हैं,  नकारात्मक फल प्रदान करते हैं, मानसिक परेशानी देते हैं , कई सुखों से वंचित कर देते हैं। मैं यह भी बताना चाहूंगा कि केतु की प्रवृत्ति राहु से थोड़ा अलग भी है। केतु को मोक्ष, अध्यात्म और वैराग्य का कारक भी माना जाता है। केतु शुभ स्थिति में हो तो व्यक्ति की अध्यात्म में रूचि भी बढ़ा देता है। लेकिन अशुभ स्थिति में हो तो मानसिक बेचैनी बढ़ा देता है। 

वर्ष 2021 की बात करें तो पूरा साल केतु का गोचर वृश्चिक राशि में ही होगा और वह राशि परिवर्तन नहीं करेंगे।  लेकिन नक्षत्र परिवर्तन करेगे।  वर्ष 2021 की शुरुआत में केतु ज्येष्ठा नक्षत्र में रहेंगे। इसके बाद 2 जून को शनि ग्रह के नक्षत्र अनुराधा में प्रवेश करेगे जहां 2021 के अंत तक  इसी नक्षत्र में रहेंगे। इस साल केतु सभी 12 राशियों को किसी ना किसी रूप में प्रभावित करेंगे।  कई राशियों पर मेहरबान रहेंगे तो कईयों को सावधान रहना होगा।  

मेष राशि वालों के लिए केतु का गोचर आपकी राशि से आठवें भाव में हो रहा है जो  मानसिक तनाव में वृद्धि करेगा। स्वास्थ्य के प्रति सावधान रहना होगा।  चोट भी लग सकती है, इसलिए ध्यान रखें। वाद विवाद की स्थिति से बचना आपके हित में होगा। वाहन चलाते समय सर्तकता बरतें। 

वृष राशि वालों को केतु मिले-जुले परिणाम देगा। केतु का गोचर सातवें भाव यानी मैरिड लाइफ हाउस में होगा, जिससे जीवन साथी का स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है या परिवार में थोड़ा तनाव हो सकता है।   वैसे धन लाभ के योग भी है और अगर सरकारी क्षेत्र में है तो मनचाही पोस्टिंग हो सकती है। 

मिथुन राशि पर शनि की ढैया भी चल रही है और इस राशि पर केतु का गोचर छठे भाव में होगा, जिसे रोग और शत्रु स्थान भी कहा जाता है। इस दौरान जीवन में कई प्रकार के उतार चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं।  सेहत का ध्यान रखें। वाद-विवाद से दूर रहना भी आपके लिए अच्छा रहेगा। 

कर्क राशि में  केतु का गोचर पंचम भाव में होने से संतान की शिक्षा को लेकर चिंता बनी रहेगी लेकिन मित्रों का अच्छा सहयोग प्राप्त होगा। विदेश से शिक्षा प्राप्त करने की दिशा में किए गए प्रयास सार्थक होंगे।

सिंह राशि वालों कुछ तक रहना होगा । इन्हें  केतु कुछ हानि दे सकते हैं।  चौथे भाव में केतु विराजमान है जो माता की सेहत प्रभावित कर सकता है। तनाव और कलह हो सकती है। धन का व्यय होगा लेकिन  जमीन से जुड़े मामलों में लाभ होगा।

कन्या राशि से केतु का गोचर तृतीय भाव में रहेगा जिसे पराक्रम स्थान भी कहा जाता है।  इस वर्ष केतु जॉब में अच्छी सफलता प्रदान कर सकता है। मान सम्मान प्राप्त होगा। आर्थिक लाभ भी होगा। शत्रु पराजित होंगे। तरक्की के नए मार्ग खुलेंगे। 

तुला राशि वालों को वर्ष की शुरुआत में सावधानी बरतने की जरूरत है।  घर परिवार में किसी बात को लेकर तनाव हो सकता है। लेकिन  व्यापार में लाभ होगा। विदेश से अधिक लाभ की संभावना भी बन रही है। 

वृश्चिक राशि के लिए केतु का गोचर महत्वपूर्ण है क्योंकि आपकी राशि में केतु का गोचर है। केतु आपके प्रथम भाव में बैठे हैं जो मानसिक तनाव दे सकते हैं। नए वर्ष में आपको वाद विवाद से थोड़ा परहेज रखना होगा अन्यथा संबंध खराब हो सकते हैं। 

धनु राशि वालों को  भी  थोड़ा संभलकर रहने की जरूरत है।  इस वर्ष केतु आपकी राशि से 12वें भाव में हैं । दौरान में मन में वैराग्य की भावना रहेगी। कुछ अलग करने की भी सोचेंगे। जीवन साथी का ध्यान रखें। 

मकर राशि के जातकों को कुछ मामलों में केतु अच्छे फल देने जा रहे हैं। केतु का गोचर एकादश भाव में रहेगा जो आपके लाभ में वृद्धि करेगा और अचानक लाभ की स्थिति भी बना सकता है। शत्रु पराजित होंगे। 

कुंभ राशि वालों को जॉब और व्यापर में उतार चढ़ाव महसूस हो सकता है. केतु का गोचर आपकी राशि से दशम भाव में होने से आप अपना जॉब बदल सकते हैं । विदेश यात्रा के योग भी बनेंगे।

मीन राशि वालों अध्यात्म की तरफ रुझान बढ़ सकता है। धार्मिक यात्राएं भी होंगी। सामाजिक कार्यों में भी आप बढ़ चढ़कर हिस्सा लेंगे। घर में कोई मांगलिक कार्य भी होगा। 

 

गुरमीत बेदी
gurmitbedi@gmail.com


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Jyoti

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