Prayagraj Ka Mankameshwar Mandir: त्रेतायुग से प्रसिद्ध है मनोकामना सिद्ध करने वाला मंदिर
punjabkesari.in Wednesday, Dec 10, 2025 - 01:06 PM (IST)
Mankameshwar Temple Prayagraj: तीर्थनगरी प्रयागराज अपने धार्मिक महत्व, संगम और आध्यात्मिक ऊर्जा के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। इसी पावन नगरी में यमुना तट पर स्थित है मनोकामेश्वर महादेव मंदिर, जहां सच्ची भक्ति से की गई प्रार्थना कभी खाली नहीं लौटती। मान्यता है कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं की हर मनोकामना भगवान शिव अवश्य पूर्ण करते हैं।

मनोकामेश्वर मंदिर का इतिहास और पौराणिक मान्यता
मान्यता के अनुसार त्रेतायुग में भगवान श्रीराम ने माता सीता की इच्छा पूर्ण करने के लिए इस स्थान पर शिवलिंग की स्थापना की थी। तभी से यह मंदिर सिद्धपीठ के रूप में प्रसिद्ध हुआ। यहां की दिव्य ऊर्जा, शिव की कृपा और यमुना तट का वातावरण श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक शांति का अद्भुत अनुभव कराता है।
आज भी हजारों भक्त अपने मन की हर इच्छा पूरी होने की आशा लेकर इस धाम में आते हैं। मंदिर परिसर में शिव की अलौकिक आभा मन को भक्तिरस से भर देती है।
मनोकामेश्वर मंदिर में सावन में उमड़ती है भक्तों की भीड़
सावन मास के दौरान मनोकामेश्वर मंदिर में भारी भीड़ उमड़ती है। इस महीने रुद्राभिषेक का विशेष महत्व है। मान्यता है कि सावन तथा महाशिवरात्रि पर किया गया रुद्राभिषेक मनोकामनाओं की पूर्ति का द्वार खोल देता है। लंबी-लंबी कतारों में खड़े होकर भक्त भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं।

मनोकामेश्वर मंदिर की विशेषताएं
मनोकामेश्वर महादेव मंदिर न केवल आध्यात्मिक बल्कि ऐतिहासिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। मंदिर परिसर में मनोकामेश्वर शिवलिंग,
सिद्धेश्वर महादेव, ऋणमुक्तेश्वर महादेव, दक्षिणमुखी हनुमान जी की मूर्ति भी पुजित हैं। इन देवस्थलों के कारण यह स्थान आस्था का अद्वितीय केंद्र बन चुका है।
मंदिर परिसर का वातावरण
मंदिर में प्रवेश करते ही भक्तों को शीतल यमुना की बयार, घंटा-घड़ियाल की ध्वनि और शिव की दिव्यता एक अनूठी आध्यात्मिक अनुभूति प्रदान करती है। यहां पहुंचकर मन खुद-ब-खुद भक्ति की ओर खिंच जाता है।
How to Reach Mankameshwar Temple कैसे पहुंचे मनोकामेश्वर मंदिर, प्रयागराज ?
यह मंदिर नैनी पुल के समीप स्थित है। प्रयागराज जंक्शन से ऑटो और ई-रिक्शा आसानी से उपलब्ध हैं। मंदिर के पास सरस्वती पार्क में घूमने का आनंद लिया जा सकता है। श्रद्धालु यमुना तट पर नौका विहार (Boating) का भी अनुभव कर सकते हैं। संगम क्षेत्र से भी सीधे ऑटो या ई-रिक्शा लेकर मंदिर पहुंचा जा सकता है।

