International Gita Mahotsav 2025: आज होगा कुरुक्षेत्र का अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव संपन्न

punjabkesari.in Friday, Dec 05, 2025 - 08:22 AM (IST)

International Gita Mahotsav 2025: अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 15 नवंबर से 5 दिसंबर, 2025 तक हरियाणा के कुरुक्षेत्र में आयोजित किया गया। अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव ‘श्रीमद्भागवत गीता’ के जन्म की याद में मनाया जाता है, जो पवित्र ग्रंथ है जिसमें भगवान कृष्ण द्वारा महाभारत के प्रसिद्ध 18 दिवसीय युद्ध के पहले दिन कुरुक्षेत्र में अर्जुन को दिए गए उपदेश शामिल हैं। भगवद गीता का जन्मदिन हिंदू कैलेंडर के मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि ‘भगवद गीता’ श्रीकृष्ण द्वारा स्वयं कुरुक्षेत्र (वर्तमान हरियाणा, भारत) के युद्ध के मैदान में अर्जुन को दिया गया उपदेश था।

PunjabKesari International Gita Mahotsav

श्रीमद्भागवदगीता को वेदों और उपनिषदों के साथ हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण धार्मिक ग्रंथों में से एक माना जाता है। गीता में भगवान कृष्ण और पांडव अर्जुन के बीच कुरुक्षेत्र में लड़े गए महाभारत युद्ध के पहले दिन का संवाद है। भगवान विष्णु के अवतार भगवान कृष्ण युद्ध के दौरान अर्जुन के सारथी थे। लगभग 700 श्लोकों वाली भगवद गीता न केवल एक पवित्र ग्रंथ है, बल्कि उद्देश्यपूर्ण, नैतिकतापूर्ण और आध्यात्मिक अंतर्दृष्टि से भरा जीवन जीने की मार्गदर्शक भी है।

महोत्सव गीता की शिक्षाओं को रेखांकित करता है तथा लोगों को धर्म, कर्म और ज्ञान के सिद्धांतों को अपने जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित करता है। वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन हरियाणा पर्यटन के कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड द्वारा हरियाणा सरकार के सहयोग से किया जाता है। पहले यह कार्यक्रम केवल 18 दिन का होता था, इस बार इसे पहली बार 21 दिन का किया गया है। इस वर्ष इंगलैंड विदेशी सांझेदार देश है और मध्य प्रदेश राज्य सांझेदार है।

हरियाणा सरकार ने 1989 में गीता महोत्सव को राज्यव्यापी सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजन के रूप में शुरू किया था। धीरे-धीरे यह लोकप्रिय हो गया और भारत के सभी हिस्सों से हजारों लोग इसमें शामिल होने लगे। 2016 में हरियाणा सरकार ने इस आयोजन को अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का नाम दिया, जिसमें 20 लाख से अधिक लोग शामिल हुए थे।

इस बार अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव कार्यक्रम का लाइव प्रसारण किया गया, जो दुनिया भर के दर्शकों तक पहुंचा। यह पहल विदेश मंत्रालय की ओर से की गई है, जो महोत्सव में पार्टनर की भूमिका निभाएगा। विदेश मंत्रालय ने 51 देशों के विशिष्ट मेहमानों को महोत्सव में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है, ताकि महोत्सव को और बड़े स्तर पर मनाया जा सके और गीता का प्रचार-प्रसार वैश्विक स्तर पर किया जा सके। प्राथमिक समारोह ब्रह्म सरोवर पर होगा, जो एक पवित्र स्थल है, जिसके बारे में माना जाता है कि यह वह स्थान है जहां भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था।

इस आयोजन को लोकप्रिय बनाने के लिए हर साल महोत्सव के लिए एक राज्य को भागीदार राज्य के रूप में चुना जाता है। 2025 में मध्य प्रदेश भागीदार राज्य है। गीता महोत्सव के दौरान विभिन्न सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रम जैसे यज्ञ, गीता पाठ, भजन, आरती, नृत्य और नाटक आदि आयोजित होते हैं।

प्रतिष्ठित विद्वान और पुजारी पवित्र पुस्तक के विभिन्न पहलुओं और पीढ़ियों तक मानव जाति पर इसके प्रभाव को उजागर करने के लिए  चर्चाओं और संगोष्ठियों में भाग लेते हैं। बच्चों में गीता पढ़ने के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए मंचीय नाटक और गीता पाठ प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। प्रख्यात संत गीता की आध्यात्मिक और सामाजिक प्रासंगिकता पर चर्चा करते हैं।

PunjabKesari International Gita Mahotsav

महोत्सव के दौरान शिल्प
मेले का आयोजन किया जाता है। भारत भर के प्रसिद्ध कारीगर और शिल्पकार अपनी कृतियों का प्रदर्शन करते हैं, जिससे आगंतुकों को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की झलक देखने को मिलती है। पहले भी अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव पर विदेश से शिल्पकार पहुंचते हैं, इस बार महोत्सव में पहली बार 7 देशों के शिल्पकार पहुंचे, जो अपनी अनूठी कला का प्रदर्शन करेंगे। ये कलाकार पारंपरिक हस्तशिल्प, चित्रकला और सजावटी वस्तुओं के जरिए महोत्सव की शोभा बढ़ाएंगे। इस बार महोत्सव में उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान, श्रीलंका, थाईलैंड, ईरान, इजिप्ट, तुर्कमेनिस्तान और युगांडा की शिल्पकलाएं देखने को मिलेंगी। उनके द्वारा बनाई गई शिल्प कला की यहां पर प्रदर्शनी लगाई जाएगी, जो लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र होगी।

पिछले कुछ वर्षों में, यह एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और आध्यात्मिक आयोजन बन गया है, जो कुरुक्षेत्र में लाखों आगंतुकों को आकर्षित करता है। तंजानिया जैसे अंतर्राष्ट्रीय सांझेदारों को शामिल करने से महोत्सव की बढ़ती वैश्विक पहुंच को बल मिलेगा और गीता के शांति और सद्भाव के सार्वभौमिक संदेश विदेश तक पहुंचेंगे।

अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव केवल एक उत्सव ही नहीं है, बल्कि भगवद् गीता की शाश्वत शिक्षाओं पर चिंतन करने का अवसर भी है। दुनिया भर से आने वाले आगंतुकों के साथ, यह महोत्सव एकता की भावना को बढ़ावा देता है, संस्कृतियों और समुदायों को जोड़ता है। 

PunjabKesari International Gita Mahotsav

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Niyati Bhandari

Related News