इन तीन समय में किया जा सकता है गायत्री मंत्र का जप
punjabkesari.in Wednesday, Jul 31, 2019 - 11:24 AM (IST)

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हिंदू धर्म में गायत्री मंत्र का कितना महत्व है इस बात से कोई अंजान नहीं है। शास्त्रों में इसे अन्य सभी देवी-देवताओं के मंत्रों से शक्तिशाली माना जाता है। इसी मान्यता के चलते हर कोई इसका जाप करता है ताकि उसे इस मंत्र का शुभ फल प्राप्त हो सके। मगर इन्हीं में से बहुत से ऐसे लोग होते हैं जो इस मंत्र का उच्चारण तो करते हैं परंतु उन्हें इसकी सही विधि नहीं पता होती। जिसके चलते उन्हें इसके शुभ नहीं बल्क अशुभ प्रभाव प्राप्त होते हैं। ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है विद्यार्थियों के लिए इस मंत्र का जाप करना बहुत फायदेमंद होता है। मगर अगर इसे नियमानुसार किया जाए तो ही देवी की कृपा प्राप्त होती है। तो चलिए आपको बताते हैं इससे संबंधित खास बातें-
ज्योतिष विज्ञानियों का मानना है कि गायत्री मंत्र का प्रयोग जीवन के हर क्षेत्र में सफलता के लिए किया जा सकता है। विद्यार्थी अगर इस मंत्र का नियम अनुसार 108 बार जाप करें, तो सभी प्रकार की विद्या प्राप्त करने में आसानी होती है। मान्यता है कि सच्चे मन व विधि पूर्वक गायत्री मंत्र का प्रयोग जीवन के लिए कल्याणकारी साबित होता है। इसके जाप से तमाम कष्ट प्रभावहीन हो जाते हैं। धार्मिक पुराणों के अनुसार मंत्रों की ध्वनि से मनुष्क के मन को असीम शांति की अनुभूति होती है। इस शक्तिशाली मंत्र का जाप मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए बहुत ही कारगर माना गया है।
गायत्री मंत्र-
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।
इन तीन समय में किया जाना चाहिए इस मंत्र का जाप-
पहला समय
इसका जाप हमेशा सूर्योदय से थोड़ी देर पहले शुरू करें। सूर्योदय के थोड़ी देर बाद तक कर इसका उच्चारण किया जा सकता है।
दूसरा समय
दोपहर के समय में भी गायत्री मंत्र का जाप किया जा सकता है।
तीसरा समय
सूर्यास्त से पहले इसका जाप शुरू करें और सूर्यास्च के थोड़ी देर बाद तक करें।
कैसे करें जाप-
इसका जप रुद्राक्ष की माला के साथ करना चाहिए। बता दें किसी भी मौन रहकर गायत्री मंत्र का जाप समय किया जा सकता है। ध्यान रखें ऊंचे स्वर में कभी न करें इसका जाप न करें।
शत्रुओं से मुक्ति पाने के लिए करें गायत्री मंत्र का जप-
मंगलवार, अमावस्या या रविवार को लाल वस्त्र पहनें। मां दुर्गा का ध्यान करें। गायंत्री मंत्र के आगे-पीछे क्लीं बीज मंत्र का तीन बार संपुट लगाकर 108 बार जाप करें
गायत्री मंत्र के चमत्कार-
किसी शुभ मुहूर्त में एक कांसे के पात्र में जल भरें। इसके बाद लाल आसन पर बैठकर गायत्री मंत्र के साथ ऐं ह्रीं क्लीं का संपुट लगाकर गायंत्री मंत्र का जाप करें।
गायत्री मंत्र जाप के नियम-
इस बात का ध्यान रखें कि गायत्री मंत्र का जाप किसी गुरु के मार्गदर्शन में ही करें।
मंत्र के लिए स्नान के साथ मन और आचरण भी पवित्र होना चाहिए और साफ़ और सूती वस्त्र धारण करें।
तुलसी या चन्दन की माला से जप करें।
सुबह पूर्व दिशा की ओर मुह करके गायत्री मंत्र का जाप करें और शाम को पश्चिम दिशा में मुख करके जाप करें।