Sawan Purnima 2025: इस दिन है सावन की पूर्णिमा, जानें पूजा का सही समय और महत्व
punjabkesari.in Thursday, Jul 31, 2025 - 06:56 AM (IST)

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Sawan Purnima 2025: श्रावण मास हिंदू पंचांग का एक अत्यंत पवित्र महीना माना जाता है। यह महीना पूरी तरह भगवान शिव को समर्पित होता है और इस दौरान शिव भक्त विशेष रूप से व्रत, पूजा और जलाभिषेक करते हैं। सावन पूर्णिमा यानी श्रावण मास की पूर्णिमा का दिन विशेष रूप से धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इस दिन कई पर्वों का सुंदर संगम होता है जैसे रक्षाबंधन।
सावन पूर्णिमा 2025 में कब है?
सावन पूर्णिमा 2025 में 9 अगस्त, शनिवार को पड़ रही है। इस दिन पूर्णिमा तिथि सुबह से ही आरंभ होगी और दिनभर विभिन्न पूजा-पाठ और धार्मिक कर्मकांड किए जाएंगे। कई स्थानों पर रक्षाबंधन का पर्व भी इसी दिन मनाया जाएगा क्योंकि यह भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करने वाला पर्व भी सावन की पूर्णिमा को ही आता है।
3 शुभ योग में मनाई जाएगी सावन पूर्णिमा
इस बार की सावन पूर्णिमा पिछले साल की मुताबिक ज्यादा खास होने वाली है क्योंकि इस दिन तीन शुभ योग बन रहे हैं। सौभाग्य योग, शोभन योग और सर्वार्थ सिद्धि। सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 5:47 ए.एम से दोपहर 2:23 पी.एम तक रहेगा। इस योग में पूजा करने से दोगुना फल मिलेगा।
Puja Vidhi सावन पूर्णिमा की पूजा विधि
सावन पूर्णिमा की पूजा विधि अत्यंत सरल, लेकिन पूर्ण श्रद्धा से करनी होती है। इस दिन विशेष रूप से शिवजी की पूजा का महत्व होता है, साथ ही ब्राह्मणों को भोजन कराना, दान देना और तर्पण करना भी पुण्यदायी माना गया है।
स्नान और संकल्प: सुबह जल्दी उठकर पवित्र नदी या घर पर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।
शिव पूजा: भगवान शिव का पंचामृत से अभिषेक करें। बेलपत्र, धतूरा, सफेद फूल, गाय का दूध और गंगाजल अर्पित करें।
पूर्णिमा व्रत कथा: सावन पूर्णिमा की व्रत कथा पढ़ें या सुनें। इससे व्रत की पूर्णता मानी जाती है।
रक्षाबंधन: यदि इस दिन रक्षाबंधन है तो बहनें भाइयों को राखी बांधती हैं और भाई उनकी रक्षा का वचन देते हैं।
ब्राह्मण भोज व दान: जरूरतमंदों या ब्राह्मणों को अन्न, वस्त्र, दक्षिणा आदि का दान करें।