करना चाहते हैं भगवान को अनुभव तो इन लोगों की संगत में रहें

punjabkesari.in Friday, Feb 28, 2020 - 11:19 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
जिस प्रकार एक ही दीपक से लाखों दीए जलाए जा सकते हैं और आग की एक ही चिंगारी सारे ब्रह्मांड को भस्म करने के लिए पर्याप्त है, वैसे ही एक महापुरुष सारे संसार का कल्याण कर सकता है। ज़रूरत है श्रद्धा, विश्वास और उस महापुरुष की। किसी महापुरुष पर विश्वास हो जाने पर साधक उनके संकेत, उद्देश्य और उपदेश के अनुसार अपनी सब क्रियाएं करने लगता है। साधक महापुरुष पर श्रद्धा और विश्वास करे तो उसका उद्धार निश्चित है।
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कथाएं हैं कि गोप-गोपियां श्रीकृष्ण की हरेक क्रियाओं को देखकर, सुनकर प्रसन्न होती थीं। वैसे ही साधक को महापुरुष की प्रत्येक क्रिया को देखकर, सुनकर प्रसन्न होना चाहिए। उनके सत्संग, उपदेश आदि कार्यों से खूब आनंद का अनुभव करना चाहिए। क्रिया की सिद्धि भाव के अनुसार मिलती है। इस सिद्धांत के अनुसार महापुरुष को साक्षात् महात्मा, महान आत्मा समझ लेने पर उनके द्वारा सहज-सुलभ कल्याण होने में जरा भी देरी नहीं हो सकती। महापुरुष ईश्वर के समान कृपालु होते हैं। 
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यह बात जीवन में सदैव याद रखने की है कि त्याग से ही जीवन की ऊंचाइयों को छुआ जा सकता है। किसान को ही लें, खेत में बीज के रूप में वह जितना गेहूं बिखेरता है, फसल के पकने पर उससे उसका कई गुना मिलता है। किसान ने अपने पास रखे गेहूं को पहले बीज के रूप में खेत में बिखेरा, यह उसका त्याग है। फसल पकने पर उसे उसका कई गुना मिला, यह उसके त्याग का फल है। यही बात परिवार, समाज और राष्ट्र के लिए किए गए त्याग पर लागू होती है लेकिन त्याग की प्रेरणा हमें महापुरुषों से मिलती है। वही हमें मार्ग सुझाते हैं इसीलिए हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि महापुरुषों का संग करो। उनके अनुभवों से परिवार, समाज और राष्ट्र के लिए उपयोगी बनो।


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Jyoti

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