Holashtak 2022: भूलकर भी न करें ये काम, वरना खराब हो जाएगी कुंडली के ग्रहों की दशा

punjabkesari.in Friday, Mar 11, 2022 - 03:06 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ 
10 मार्च, 2022 दिन शुक्रवार से इस वर्ष का होलाष्टक आरंभ हो चुका है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रत्येक वर्ष होली से ठीक 8 दिन पहले होलाष्टक आरंभ होता है। जो होलिका दहन के साथ समाप्त होता है। बता दें इस बार होली 18 मार्च, 2022 दिन शुक्रवार को पड़ रही है, जिससे ठीक एकदिन पहले रात को होलिका दहन की पूजा की जाएगी। कहा जाता होली का पर्व अपने साथ एक नवीन उत्साह लेकर आता है। जिसमें हर कोई डूबा नजर आता है। तो वहीं होली से पहले मनाए जाने वाले होलाष्टक का भी विशेष महत्व माना जाता है। कहते हैं होली के साथ ही बसंतु ऋतु का आगमन आता है और प्रकृति निखर उठती है।  तो वहीं बात करें होलाष्टक की तो इससे आरंभ होते ही कई खास चीज़ों का ध्यान रखना पड़ता है। तो आइए आज जानते हैं होलाष्टक पर्व से जुड़ी कुछ खास बातें, जिसके बारे में ज्योतिष शास्त्र से विस्तारपूर्वक बताया गया है। 


आज के समय में लोग अपने धर्म और उससे जुड़ी प्रथाएं , परंपराएं व मान्यताओं को भूलते जा रहे हैं। ऐसे में हम आपको अपनी वेबसाइट के माध्यम से हिंदू धर्म से जुड़ी कई तरह की जानकारी प्रदान करते रहते हैं। इसी कड़ी में आज हम बताने जा रहे हैं होलाष्टक से जुड़ी खास बातें। 

मगर इससे पहले आपको बता दें होली प्रेम का व मिलन का उत्सव मााना जाता है और जब ऋतुओं का परिवर्तन होता है तो अनेकों प्रकार के संक्रामक रोग उत्पन्न होते हैं। तो वहीं होलिका दहन की बात करें तो इस दिन उसमें कई प्रकार की औषधियां, जड़ी बूटियां, द्रव्य इत्यादि जो होलिका में डाली जाती हैं जिससे वातावरण, आकाशमंडल व वायु शुद्ध होती है। जिसके परिणाम स्वरूप कई प्रकार के रोग नष्ट होते हैं। 

यहां जानें होलाष्टक के दौरान क्या नहीं करना चाहिए-शुद्धता का ध्यान रखना चाहिए।
होलाष्टक मे विवाह, शादी और मांगलिक कार्यो को नहीं करना चाहिए।
इस दौरान नए भवन के नींव का पत्थर नहीं रखना चाहिए।
कुछ लोग इस दौरान घर में पूजा पाठ भी बंद कर देते हैं, लेकिन धार्मिक मान्यताओं के अवनुसार ऐसा करना अच्छा नहीं माना गया। रोजमर्रा घर में उपयोग होने वाली वस्तुओं में पाबंदी लगाना गलत है बल्कि इस दौरान भगवान को अधिक स्मरण करना चाहिए. इन दिनों में पूजा-पाठ बहुत कारगर होती है।
होलिका दहन के दिन मंत्रों का जाप करें।
नए भवन न खरीदें, और न ही बेचना बचना चाहिए।
इस दौरान किसी भी प्रकार का यज्ञ, हवन इत्यादि नहीं करना चाहिए।
कोई भी नया बिजनेस शुरू नहीं करना चाहिए. इस समय ग्रहों में उग्रता का स्वभाव रहता है. जो नए बिजनेस करने वाले को अच्छे फल नहीं देता।
नौकरी में परिवर्तन से बचना चाहिए. जिन लोगों को नई ज्वॉइनिंग करनी है, उन लोगों को भी होली के पहले या बाद में इस तरह के बदलाव करने चाहिए।

होलाष्टक में कर लेते हैं होलिका दहन की तैयारियां-
होलाष्टक के 8वें दिन यानि पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन किया जाता है. होलाष्टक फाल्गुन के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को शुरू होता है और फाल्गुन की पूर्णिमा तक रहता है. माना जाता है कि होलिका दहन होने के बाद वातावरण में उपस्थित सभी नकारात्मक शक्तियों का नाश हो जाता है. होलिका को जलाने के लिए इसकी तैयारी होलाष्टक के पहले दिन से ही शुरू हो जाती है। घर के आस-पास किसी जगह पर होलाष्टक के पहले दिन एक खूंटा लगाया जाता है और वहां उस दिन से ही लकड़ियों को जमा करने का काम शुरू हो जाता है और इसके बाद 


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Content Writer

Jyoti

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