Hasanamba Mandir: वर्ष में दिवाली पर ही क्यों खुलता है ये मंदिर, जानें इसके पीछे की रोचक मान्यताएं

punjabkesari.in Sunday, Nov 12, 2023 - 06:54 AM (IST)

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Hasanamba Temple: कर्नाटक के हासन शहर में स्थित हसनंबा मंदिर केवल एक बार दिवाली के अवसर पर खुलता है। बेंगलुरु से लगभग 180 किलोमीटर दूर स्थित यह मंदिर देवी शक्ति या अम्बा को समर्पित है। उन्हें हासन की पीठासीन देवी के रूप में माना जाता है और शहर का नाम भी उन्हीं पर हासन रखा गया है। पहले हासन को सिंहमासनपुरी के नाम से जाना जाता था।

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History of the temple मंदिर का इतिहास
पौराणिक कथाओं के अनुसार बहुत पहले एक राक्षस अंधकासुर था जिसे कठोर तपस्या के बाद ब्रह्मा जी से अदृश्य होने का वरदान प्राप्त हुआ। ऐसा वरदान पाकर उसने चारों ओर अत्याचार मचा दिया। ऐसे में भगवान शिव ने उसका अंत करने का बीड़ा उठाया। उसमें इतनी शक्ति थी कि जब भगवान शिव उसने मारने की कोशिश करते तो जमीन पर गिरती उसके खून की हर बूंद एक राक्षस बन जाती। तब भगवान शिव ने अपनी शक्तियों से योगेश्वरी देवी का निर्माण किया, जिन्होंने अंधकासुर का नाश कर दिया।

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यह मंदिर भक्तों के लिए दिवाली के उत्सव के दौरान केवल 7 दिनों के लिए खुलता है और बलिप्रतिपदा के उत्सव के 3 दिन बाद बंद हो जाता है। इस दौरान बड़ी संख्या में भक्त यहां आशीर्वाद लेने के लिए पहुंचते हैं और कई श्रद्धालु देवी के नाम अपनी मनोकामनाएं एक चिट्ठी में लिख कर चढ़ाते हैं। ऐसी कई सारी चिट्ठियां वायरल हो चुकी हैं, जिनमें लोग अजीबो-गरीब मांग करते हैं। लोग सड़क बनवाने और विधायक की हार तक के लिए भी खत लिख चुके हैं।

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The lamp burns throughout the year साल भर जलता है दीपक
मंदिर के कपाट बंद होने से ठीक पहले यहां घी का दीपक जलाया जाता है और उसे गर्भगृह में फूलों और पके हुए चावल के प्रसाद के साथ रखा जाता है। स्थानीय लोगों के अनुसार एक साल बाद जब मंदिर के पट खोले जाते हैं, तो दीपक जलता हुआ मिलता है। यहां तक कि भक्तों द्वारा देवी हसनंबा पर चढ़ाए गए फूल भी ताजा होते हैं। इतना ही नहीं, यहां जो प्रसाद चढ़ाया जाता है, वह भी अगले साल तक ताजा बना रहता है।

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Beautiful architecture of the city शहर की सुंदर वास्तुकला
पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार जब सात मातृका यानी ब्राह्मी, माहेश्वरी, कौमारी, वैष्णवी, वारही, इंद्राणी और चामुंडी दक्षिण भारत में आई तो वे हासन की सुंदरता देखकर हैरान रह गई और यहीं बसने का फैसला किया। हसनंबा को समर्पित इस मंदिर के परिसर में तीन मुख्य मंदिर हैं। मंदिर में मुख्य मीनार का निर्माण द्रविड़ शैली में किया गया है। यहां का एक अन्य प्रमुख आकर्षण कलप्पा को समर्पित मंदिर भी है।

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How to reach कैसे पहुंचें: हासन का निकटतम एयरपोर्ट बेंगलुरु है। यह सड़क मार्ग से सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।

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Content Editor

Prachi Sharma

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