Shani Dev Katha: क्यों नहीं मिलाई जाती शनिदेव से नजरें ? जानिए पीछे की रहस्यमयी कथा

punjabkesari.in Saturday, Apr 26, 2025 - 11:43 AM (IST)

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Shani Dev Katha: शनि देव, जो कर्मों का हिसाब रखने वाले और न्याय के देवता माने जाते हैं, हमेशा गहराई से ध्यान और तपस्या में डूबे रहते थे। एक दिन, उनकी पत्नी उनके पास आईं। उनके मन में संतान प्राप्ति की इच्छा थी और उन्होंने सोचा कि यह बात अपने पति से साझा करेंगी। लेकिन शनि देव तो भगवान की भक्ति में इतने लीन थे कि उन्हें कुछ भी दिखाई-सुनाई नहीं दे रहा था। उनकी पत्नी ने काफी देर इंतज़ार किया, सोचा कि शायद शनि देव का ध्यान टूटे लेकिन नहीं टूटा। धीरे-धीरे इंतज़ार क्रोध में बदल गया।

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गुस्से में आकर उन्होंने शनि देव को श्राप दे दिया तुम जिस पर भी नजर डालोगे, उसका अनिष्ट हो जाएगा।  जब शनिदेव का ध्यान टूटा, तब उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ। उन्होंने पत्नी से माफ़ी मांगी, बहुत विनती की लेकिन एक बार जो श्राप दे दिया गया था, वो अब लौट नहीं सकता था।

तभी से शनि देव हमेशा नीचे नजर रखते हैं। वो नहीं चाहते कि उनकी दृष्टि से किसी का नुकसान हो। यही वजह है कि लोग कहते हैं, शनि देव से नजरें नहीं मिलानी चाहिए और उनके सामने सीधा खड़ा नहीं होना चाहिए। उनकी दृष्टि को इसलिए वक्र दृष्टि यानी टेढ़ी नजर कहा जाता है जो सीधे न पड़कर टेढ़े से असर डालती है।

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इस तरह पाएं शनिदेव का आशीर्वाद 

शनि देव की कृपा पाने के लिए अपने कर्मों को शुद्ध और नेक बनाने की। शनि देव वही फल देते हैं जो हम अपने कर्मों से अर्जित करते हैं। अगर कर्म अच्छे हैं, तो शनि की दृष्टि भी शुभ बन जाती है। शनिवार का दिन शनि देव की पूजा और कृपा प्राप्त करने के लिए सबसे श्रेष्ठ माना जाता है। इस दिन आप शनि मंदिर जाकर शनि देव की प्रतिमा के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं और सच्चे मन से उनका ध्यान करें।

शनि देव के साथ-साथ हनुमान जी की आराधना भी अत्यंत फलदायी मानी जाती है क्योंकि हनुमान जी की भक्ति से शनि की बाधाएं दूर रहती हैं।

शनिवार को एक और विशेष उपाय किया जा सकता है पीपल के वृक्ष में जल चढ़ाएं और वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। ऐसा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और जीवन में सुख-शांति का संचार होता है।
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Content Editor

Prachi Sharma

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