Gwalior: भगवान महावीर के 2550 वें निर्वाण महोत्सव पर पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव का शुभारंभ
punjabkesari.in Tuesday, Dec 12, 2023 - 11:52 AM (IST)

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ग्वालियर (अंकुर जैन)- भगवान महावीर के 2550 वें निर्वाण महोत्सव पर अयोध्या नगरी फूलबाग मैदान में ग्वालियर सकल जैन समाज एवं मेडिटेशन गुरु उपाध्याय श्री विहसंत सागर महाराज एवं मुनि श्री विश्व सौम्या सागर महाराज संघ के सानिध्य एवं प्रतिष्ठाचार्य अजित कुमार शास्त्री एवं सह प्रतिष्ठाचार्य चंद्र प्रकाश जैन के मार्ग दर्शन में 13 से 17 दिसंबर तक श्री आदि वीर चौबीस जिनबिम्ब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव विश्व शांति महायज्ञ एवं गजरथ महोत्सव शुभारंभ 13 दिसंबर को मंगल कलश घट यात्रा निकालकर किया जाएगा। इस कार्यक्रम में मंच कलाकर उमेश जैन भिंड एवं संगीतकार राम कुमार पाटी भोपाल शामिल होंगे।
Panchakalyanak is the method of turning a stone into a god पत्थर को भगवान बनाने की विधि है पंच कल्याणक- उपाध्याय श्री विहसंत सागर महाराज ने दाना ओली स्थित दिगंबर जैन पार्श्वनाथ ट्रस्ट मंदिर मे प्रेस वार्ता में बताते हुए कहा कि पंच कल्याणक क्या होता है, यह पत्थर (पाषाण) को भगवान बनाने की विधि है। तीर्थंकर बनने की पांच घटनाएं होती हैं। गर्भ, जन्म, वैराग्य, केवल ज्ञान और मोक्ष। पंचकल्याणक के दौरान पांचों दिन एक-एक घटना के संदर्भ में अनुष्ठान होता है। तीर्थंकर के गर्भधारण करने के 6 माह से देवता रत्नों की वर्षा करने लगते हैं।
उपाध्याय श्री ने कहा पंच कल्याणक क्यों होते है- पत्थर से बनी प्रतिमाएं निर्जीव होती हैं। पहले अनुष्ठान के साथ ही उन्हें जीव मान लिया जाता है। संपूर्ण अनुष्ठान होने के बाद ही मूर्तियां मंदिर में विराजमान करके पूजने लायक होती हैं। इस महोत्सव में मुनि श्री विश्व सौम्या सागर महाराज भी मौजूद थे। समिति के अध्यक्ष मनोज जैन चेयरमैन जैन कॉलेज, कार्यकम के समन्वयक उमेश जैन, महामंत्री पवन जैन पत्रकार, कोषाध्यक्ष राजेश जैन लाला, महिला अध्यक्ष दीपिका जैन मुख्य संयोजिका कमलेश जैन, सुनील लोहिया मौजूद थे।
पंच कल्याकण में उपाध्याय श्री प्रतिमाओं को सूरी मंत्र- महोत्सव के अध्यक्ष मनोज जैन, महामंत्री पवन जैन पत्रकार ने बताया कि पंच कल्याण महोत्सव के लिए घाटी गांव में दिगंबर जैन पार्श्वनाथ मंदिर के नवनिर्मित चौबीसी मानस्तंभ की चौबीस प्रतिमा एवं अन्य जैन मंदिरों की प्रतिमाओ में भगवान आदिनाथ, पार्श्वनाथ, मुनि सुव्रतनाथ, चंद्राप्रभु, वासपूज्य एवं नेमिनाथ एवं अन्य प्रतिमाओ को पंच कल्याणक मे उपाध्याय श्री सूरी मंत्रो की क्रिया पूज्य करेंगे।
13 दिसंबर को निकलेगी कलश शोभा यात्रा में उदयपुर का बैंड, हाथी, बाग्गिया होंगे सम्मिलित
आयोजन के प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि उपाध्याय श्री विहसंत सागर महाराज के सानिध्य में 13 दिसंबर बुधवार प्रात: 7 बजे नई सड़क स्थित चंपा बाग धर्मशाला सें मंगल कलश घटयात्रा निकाली जाएगी। घटयात्रा में संभावत 2550 महिलाएं एकासी लंहगों में सिर पर मिट्टी के कलश लेकर चलेंगी। शोभायात्रा में प्रथम जैन ध्वजा लेकर सौधर्म इंद्रा हाथी रहेंगे साथ ही बग्गिया में इंद्रा-इंद्राणी सवार रहेंगे। घोडे़, डी.जे, उदयपुर बैड, स्थानीय बैंड, तासे और ढोल के साथ महिलाएं गरबा डांडिया एवं रथों में भगवान जिनेद्र की प्रतिमा विरजित होकर चलेगी। यह शोभायात्रा नई सड़क से शुरू होकर गस्त का ताजिया, राम मंदिर, फालक बाजार, शिदे की छावनी से आयोध्य नगरी फूलबाग मैदान पहुंचेगी। जहां ध्वजरोहण होगा। जगह-जगह शोभायात्रा का भव्य स्वागत किया जाएगा।
पंच कल्याणक महोत्सव में 13 से 17 तक ये कार्यक्रम होंगे, शाम को महाआरती होगी
पंचकल्याणक महोत्सव में 13 दिसंबर को मंगल कलश घटयात्रा निकलेगी एवं जैन ध्वजरोहण होगा। शाम को गर्भ कल्याणक होगा। 14 दिसंबर को जन्म कल्याणक एवं ऐरावत हाथी पर सुमेरू पर्वत पर 1008 कलशों से जन्मभिषेक पाडुक शिला पर एवं सांयकाल भगवान का पालन झुलाने के कार्यक्रम होंगे। 15 दिसंबर को दीक्षा कल्याणक पर भगवान का वैराग्य व दीक्षा संस्कार होगा। 16 दिसंबर को ज्ञान कल्याणक एवं 17 दिसंबर को मोक्ष कल्याणक और विश्व शांति महायज्ञ एवं गजरथ फेरी निकाली जाएगी। फिर पांचों दिवसीय शाम को हाथी पर बैठक अलग-अलग परिवार द्वारा महाआरती लेकर कार्यक्रम स्थल पहुंचेंगे।
Accommodation and food will be arranged ठहराने व भोजन व्यवस्था रहेगी
पंचकल्याणक महोत्सव में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आयोजन स्थल पर नि:शुल्क कूपन के द्वारा भोजन व्यवस्था रहेगी। वहीं दूर-दूर से बाहर से आने वालों के लिए रुकने की व्यवस्था रहेगी। सुबह श्रद्धालुओं को स्वल्पाहार, चाय, एवं कार्यक्रम के उपंरात भोजन दिया जाएगा।