Shani Jayanti 2025: शनि जयंती पर करें ये उपाय, ढैय्या और साढ़ेसाती की पीड़ा होगी दूर
punjabkesari.in Friday, May 16, 2025 - 02:56 PM (IST)

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Shani Jayanti 2025: हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को सूर्य पुत्र शनिदेव का जन्मदिन मनाया जाता है। इस साल 2025 में ज्येष्ठ अमावस्या तिथि का आरंभ 26 मई की सुबह 10 बजकर 54 मिनट पर होगा। 27 मई की सुबह 8 बजकर 34 मिनट तक अमावस्या तिथि रहने वाली है। उदयातिथि के अनुसार शनि जयंती 27 मई को मनाई जाएगी। शनि जयंती के दिन ढैय्या (साढ़े ढाई साल की शनि दृष्टि) और साढ़ेसाती (साढ़े सात साल की शनि दशा) से राहत पाने हेतु कुछ विशेष और गूढ़ उपाय किए जाएं तो बुरे प्रभाव से बचाव रहता है।
On the day of Shani Jayanti, follow these measures to avoid Dhaiya and Sade Sati शनि जयंती के दिन ढैय्या और साढ़ेसाती से बचने के लिए करें ये उपाय-
नीलांग यंत्र
नीलांग यंत्र की स्थापना और प्राण-प्रतिष्ठा करवाएं। काले कपड़े में भोजपत्र पर शनि का यंत्र नील रंग की स्याही से लिखें। विधिवत काली तिल की धूप से उसकी प्राण-प्रतिष्ठा करें। फिर उसे अपने घर के पश्चिम कोण में रखें।
विशेष योग: जब शनि शुभ दृष्टि से चंद्र या लग्न को देख रहा हो, तब किया गया यह यंत्र साढ़ेसाती के दुष्प्रभाव को रोकने में गुप्त कवच की तरह काम करता है।
गुरु और शनि के संयुक्त मंत्र का जप
अक्सर लोग सिर्फ ॐ शं शनैश्चराय नमः मंत्र का जाप करते हैं लेकिन साढ़ेसाती से राहत पाने के लिए शनि और गुरु का संयुक्त जाप ज्यादा प्रभावशाली है।
गुप्त मंत्र:
ॐ बृं बृहस्पतये नमः ॐ शं शनैश्चराय नमः
यह मंत्र शनि के उग्र स्वभाव को गुरु की शीतलता से संतुलित करता है। शनि जयंती के दिन इस मंत्र का 324 बार (1/3 श्रीसूक्त आवृत्ति) जाप करें।
कच्चे लोहे की मूर्ति के रुप में जड़ शनि की पूजा करें। शास्त्रों के अनुसार, कच्चा लोहा (raw iron) शनि की प्रिय धातु है। शनि जयंती के दिन शनि की मूर्ति नहीं खरीदें बल्कि किसी लोहार से कच्चे लोहे का टुकड़ा लेकर उसमें दीपक दिखाकर उसकी पूजा करें। यह उपाय विशेष रूप से मकर और कुम्भ लग्न/राशि वालों को शनि के कष्टों से रक्षा करता है।