21 नवंबर को गुरु ग्रह के राशि परिवर्तन से 6 राशियों की किस्मत चमकेगी !
punjabkesari.in Wednesday, Nov 17, 2021 - 09:11 AM (IST)

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Guru Transit Aquarius on 21st November 2021: नवग्रहों में देव गुरु का दर्जा प्राप्त बृहस्पति ग्रह 21 नवंबर रविवार को रात्रि 2:05 मिनट पर अपनी नीच मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं, जहां पर वह 13 अप्रैल 2022 तक रहेंगे। देव गुरु बृहस्पति का यह राशि परिवर्तन कई राशियों के लिए अच्छी खबर लेकर आ रहा है।
वैदिक ज्योतिष में देव गुरु बृहस्पति को नवग्रहों में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है और उनके गोचर को भी एक महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना माना जाता है। इन्हें अत्यंत शुभ ग्रह माना जाता है। बृहस्पति हमारे जीवन में उन्नति की राह खोलते हैं। इन्हें ज्ञान, कर्म, धन, पुत्र और विवाह का कारक माना जाता है। इन्हें अध्यात्म का कारक भी माना जाता है और इन्हें दार्शनिक का दर्जा भी दिया गया है। यह ज्ञान के दाता है।
ऐसा माना जाता है कि देव गुरु बृहस्पति हमारे आध्यात्मिक ज्ञान व हमारी बुद्धि को निर्देशित करते हैं और जिस जातक पर यह प्रसन्न होते हैं, उसे जिंदगी में किसी चीज की कमी नहीं रहती। समाज में खूब यश-.सम्मान मिलता है। जिन लोगों की कुंडली में होरोस्कोप में बृहस्पति यानी जुपिटर का प्रभाव अधिक होता है, उस व्यक्ति का मन धर्म और आध्यात्मिक कार्य में बहुत अधिक लगता है। देव गुरु बृहस्पति कर्क राशि में उच्च के होते हैं और मकर राशि में नीच के होते हैं। धनु और मीन इनकी अपनी राशियां है।
देव गुरु बृहस्पति का राशि परिवर्तन 6 राशियों के लिए तो बहुत अच्छी खबरें लेकर आ रहा है और इन राशियों के धन के भंडार भी भरेंगे और अटके हुए काम भी बनने लगेंगे। यह 6 भाग्यशाली राशियां कौन सी हैं, आईए जानें
पहली भाग्यशाली राशि है- मेष राशि
मेष राशि वालों के लिए देव गुरु बृहस्पति का अपनी नीच राशि से निकलकर कुंभ राशि में आना किसी आशीर्वाद से कम नहीं है । मेष राशि वालों का स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। कारोबार में तरक्की के योग बनेंगे और आप कारोबार को विस्तार भी दे सकते हैं। वैवाहिक सुख बढ़ेगा। कोई अच्छी खबर भी आपको सुनने को मिल सकती है।
दूसरी भाग्यशाली राशि है - मिथुन राशि
मिथुन राशि वालों के लिए देव गुरु बृहस्पति का राशि परिवर्तन बहुत शुभ रहने वाला है। आपके अटके हुए काम अब तेजी से सिरे चढ़ने लगेंगे और कारोबार व कार्य क्षेत्र में भी आपको शुभ परिणाम हासिल होंगे । आपकी आमदनी बढ़ेगी। कोई नया दायित्व भी आप को संभालना पड़ सकता है, जिससे आप का रुतबा बढ़ेगा।
तीसरी भाग्यशाली राशि है - कन्या राशि
कन्या राशि वालों के लिए भी देव गुरु बृहस्पति अच्छी खबरें और अच्छा समय लेकर आ रहे हैं। अगर कोई मामला कोर्ट-कचहरी में चल रहा है तो निर्णय आपके पक्ष में आ सकता है। वैवाहिक जीवन और लव लाइफ के लिए भी समय बढ़िया रहने वाला है। व्यापार में भी आपको नए अवसर हासिल होंगे और आप अगर निवेश करते हैं तो आपको लाभ होगा।
चौथी भाग्यशाली राशि है - तुला राशि
तुला राशि वालों की तो चारों उंगलियां घी में रहने वाली हैं। देव गुरु बृहस्पति पूरी तरह कृपा बरसाने वाले हैं। कोई बड़ी उपलब्धि हासिल होने से आपका मन प्रसन्न होगा। घर में नए मेहमान के आने के योग भी बन रहे हैं। संतान की तरक्की भी देखने को मिलेगी और भौतिक सुख-सुविधाओं में भी आप बढ़ोतरी देख पाएंगे। विवाह योग्य संतान के लिए अच्छे रिश्ते आएंगे।
पांचवी भाग्यशाली राशि है- मकर राशि।
मकर राशि वालों के लिए भी देव गुरु बृहस्पति का राशि परिवर्तन बहुत अच्छा रहने वाला है। जो लोग विदेश जाने की इच्छा संजोए हुए हैं, उनकी इच्छा पूरी हो सकती है। धार्मिक यात्रा पर जाने के योग भी बन रहे हैं। शिक्षा से जुड़े क्षेत्र में आपकी प्रतिभा को सराहा जाएगा और आपकी नई पहचान भी बनेगी। वैवाहिक जीवन भी अच्छा रहेगा।
छठी भाग्यशाली राशि है- कुंभ राशि
कुंभ राशि वालों के लिए तो देव गुरु बृहस्पति का राशि परिवर्तन किसी वरदान से कम नहीं होगा क्योंकि देव गुरु बृहस्पति कुंभ राशि में ही अब गोचर करने वाले हैं। जिससे आपके आमदनी के नए स्रोत बनेंगे और आर्थिक समस्याओं का धीरे-धीरे अंत होता जाएगा। बिजनेस में भी लाभ होगा। आपके नए मित्र बनेंगे और व्यापार में भी कोई नया साझीदार मिल सकता है, जिसके साथ आप लंबी पारी खेलने की योजना बना सकते हैं। किसी पुराने निवेश से भी लाभ हो सकता है। वाहन और जमीन खरीदने के लिए बेहतर समय रहेगा।
बाकी 6 राशियों के लिए देव गुरु बृहस्पति का राशि परिवर्तन मिलाजुला प्रभाव देने वाला रहेगा। देव गुरु बृहस्पति की कृपा पाने के लिए इन 6 राशियों को कुछ उपाय करने होंगे जो यहां बताए जा रहे हैं।
लगातार आठ दिनों तक किसी धार्मिक स्थल में हल्दी का दान करें।
गुरुवार के दिन कोई न कोई पीले रंग का वस्त्र जरूर धारण करें या अपने साथ हमेशा पीला रंग का रूमाल रखें।
माथे पर केसर का तिलक या कान के पीछे हल्दी का टीका यानी तिलक लगाएं।
एक पीले रंग का छोटा सा रुमाल लेकर उसमें थोड़ा केसर डालकर, रुमाल को चारों तरफ से सिल लेना है और उस रुमाल को हमेशा अपने पर्स में रखना है।
बृहस्पतिवार के दिन किसी अस्पताल में जाकर मरीजों को फल वितरित करने चाहिए।
जो निर्धन छात्र-छात्राएं हैं, उनको शिक्षण सामग्री का दान करना चाहिए।
तकिए के नीचे हल्दी की गांठों को पीले कपड़े में बांधकर रख दें। ऐसा करने से गुरु बृहस्पति शुभ फल देते हैं और नौकरी, व्यापार व कारोबार में उन्नति होती है।
अगर पहनना चाहें तो किसी अच्छे विद्वान से अपनी कुंडली का विश्लेषण करवा कर पहली उंगली में सोने की अंगूठी में पुखराज डालना चाहिए।
गुरमीत बेदी
gurmitbedi@gmail.com